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Hindi Essay on “Antriksh me Manav ke Badhte Charan”, “अन्तरिक्ष में मानव के बढ़ते चरण” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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अन्तरिक्ष में मानव के बढ़ते चरण Antriksh me Manav ke Badhte Charan प्रस्तावना : लगता है आज के  विज्ञानी मानव के लिए यह धरती बहुत  छोटी पड़ गई है या फिर उसकी इच्छाओं का विस्तार इस सीमा तक हो गया है।कि वे धरती और आकाश को अपनी  बाहों में समेट कर भी सन्तुष्ट नहीं हो पा रही है।इसी कारण तो पिछले कई दशकों से वह धरती से ऊपर उठ आकाश में...
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Hindi Essay on “Telephone : Suvidha ke sath Asuvidha”, “टेलीफोन : सुविधा के साथ असुविधा” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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टेलीफोन : सुविधा के साथ असुविधा Telephone : Suvidha ke sath Asuvidha    प्रस्तावना : आखिर मानव का व्यवहार ही तो है। वह कई बार अनियमित एवं असन्तुलित होकर स्थान, समय और स्थिति का ध्यान न रख कर किसी अच्छी वस्तु को भी बुरी सुविधापूर्ण स्थिति को भी असुविधाजनक बना दिया करता है। फलस्वरूप बेमतलब ऐसी स्थितियाँ उत्पन्न हो जाया करती  है।  जिन पर काबू पा सकना मानव के वश में...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Vigyan aur Hamara Jeevan”, “विज्ञान और हमारा जीवन” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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विज्ञान और हमारा जीवन Vigyan aur Hamara Jeevan   प्रस्तावना : आज का युग ज्ञान-विज्ञान सभी प्रकार की प्रगतियों एवं विकास का युग माना गया है। आज का वैज्ञानिक मानव इस  धरती पर विद्यमान सभी प्रकार के तत्त्वों को जान चुका है। समुद्र का अवगाहन एवं धरा प्रभाव का दोहन भली प्रकार से कर चुका है। इसी  कारण अब उसकी दृष्टि अन्तरिक्ष में विद्यमान अन्य ग्रहों के दोहन एवं अवगाहन की...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Doordarshan ki Upyogita”, “दूरदर्शन की उपयोगिता” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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दूरदर्शन की उपयोगिता Doordarshan ki Upyogita प्रस्तावना : दूरदर्शन यंत्र पूर्णतया  बीसवीं शताब्दी की देन है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी इस प्रकार के यंत्रों का उल्लेख मिलता है। महाभारत युग में भी संजय के पास दूरदर्शन सरीखा कोई यंत्र रहा होगा, जिस के माध्यम से वे महाराज धृतराष्ट्र को महाभारत युद्ध की सम्पूर्ण गाथा सुनाते रहे थेयदि इस बात को सत्य स्वीकार कर लिया जाए, तो यह भी सत्य है।...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Parmanu Bomb ki Upyogita”, “परमाणु बम की उपयोगिता” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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परमाणु बम की उपयोगिता Parmanu Bomb ki Upyogita  प्रस्तावना : उपयोगी और वह भी बम ! लेकिन फिर भी यह एक अनुभूत तथ्य है।  कि हर वस्तु का चाहे वह कितनी ही भयावह और मारक क्यों न हो, एक उजला एवं उपयोगी पक्ष भी हुआ करता है। साँप जी हाँ, साँप और उस का विष मात्र एक ही क्षण में मनुष्य के प्राण तक ले सकता है। लेकिन उसी विष से...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Manav ki Chandra Yatra”, “मानव की चंद्रयांत्रा” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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मानव की चंद्रयांत्रा Manav ki Chandra Yatra प्रस्तावना : मानव  स्वभावत: जिज्ञासु है। जैसे-जैसे  उसका ज्ञान बढ़ता जाता है। वैसे-वैसे ही उसकी ज्ञान की  पिपासा और अधिक बढ़ती जाती है।  मानव की इस जीवन-व्यापिनी जिज्ञासा ने विज्ञान के अनेक आविष्कारों को जनम दिया है। अतीत की अनेक घटनाएं मानव-कल्पना मात्र ही समझता था। आज से कुछ समय पहले लोग पुष्पक विमान का नाम सुनकर उपहास करते थे। अनेक परियों की कहानियाँ...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Bharat ka Parmanu Visfot ”, “भारत का परमाणु विस्फोट” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

भारत का परमाणु विस्फोट Bharat ka Parmanu Visfot  प्रस्तावना : ‘सृजन और विनाश’ प्रकृति नदी के हमेशा  चलने वाले दो चक्र हैं। न्याय दर्शन के अन्तर्गत बतलाया गया है कि जाली के अन्तर्गत दिखाई पड़ने वाले छोटे-छोटे कण ही अणु होते हैं। एक अणु का साठवाँ भाग परमाणु कहलाता है। ये इतने सूक्ष्म होते हैं कि ज़िनको अक्षुवीक्षण यन्त्र के द्वारा भी नहीं देखा जा सकता। एक सूई की नोंक में...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Bharat me Cinema ke Prabhav”, “भारत में सिनेमा के प्रभाव” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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भारत में सिनेमा के प्रभाव Bharat me Cinema ke Prabhav प्रस्तावना : विगत छ: सात दशकों में विज्ञान के जिन आविष्कारों ने जीवन में सुख एवं समृद्धि की लहर उत्पन्न की, उनमें चलचित्र विशेष रूप से उल्लेखनीय है। हमारा मस्तिष्क एवं रहन-सहन इसके प्रभाव से वंचित न रह सका। सच तो यह है कि इस आधुनिक युग के प्राणी को इस आविष्कार ने बिल्कुल ही बदल डाला है। चलचित्र का आविष्कार...
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