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Hindi Essay on “Himalaya” , ”हिमालय” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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हिमालय या  पर्वतों का राजा : हिमालय ‘मेरे नगपति मेरे विशाल साकार दिव्य गौरव विराट पौरुष के पुंजीभूत ज्वाल मेरी जननी के हिमकिरीट मेरे भारत के दिव्य भाल मेरे नगपति मेरे विशाल।’ उपर्युक्त पंक्तियों में राष्ट्रकवि दिनकर जी ने हिमालय की वंदना की है। हिमालय भारत का गौरत है। भारत प्रकृति नदि की क्रीड़ास्थली है और पर्वतराज देवात्मा हिमालय प्रकृति की उसी उज्जवलता का सारा रूप है। हिमालय भारत का गौरव...
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Hindi Essay on “Mera Bharat Mahan” , ”मेरा भारत महान” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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मेरा भारत महान हमारा प्यारा देश भारत अत्यंत प्राचीन संस्कृति वाला महान एंव सुंदर देश है। यह ऐसा पावन एंव गौरमय देश है जहां देवता भी जन्म लेने को लालायित रहते हैं। हम अपने इस देश को स्वर्ग से भी बढक़र मानते हैं। इस देश की प्रशंसा कविवर प्रसाद ने इन शब्दों में की है- ‘’अरुण यह मधमय देश हमारा जहां पहुंच अनजान शिक्षित को मिला एक सहारा।’ भारत देश संसार...
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Hindi Essay on “Computer ke Labh tatha Haniya , ”कंप्यूटर के लाभ तथा हानियाँ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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कंप्यूटर के लाभ तथा हानियाँ अथवा जीवन में कंप्यूटर का महत्व   कंप्यूटर विज्ञान का एक ऐसा अविष्कार है जिसकी चर्चा सारे विश्व में हो रही है। कंप्यूटर विज्ञान की अदभुत देन है। कंप्यूटर की उपयोगिता को देखते हुए आज के युग को कंप्यूटर का युग कहा जाता है। आने वाले युग में सभी निर्णय कंप्यूटर ही करेगा तथा मनुष्य हाथ में हाथ धरे बैठा रहेगा। कंप्यूटर वास्तव में आज की...
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Hindi Essay on “Vigyan ke Labh tatha Haniya , ”विज्ञान के लाभ तथा हानियाँ ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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विज्ञान के लाभ तथा हानियाँ  या  विज्ञान के चमत्कार निबंध संख्या:- 01 वैज्ञानिक अविष्कारों के कारण आज का युग विज्ञान का युग माना जाता है। विज्ञान एक ऐसी शक्ति है जिसने प्रतिदिन नए अविष्कार करके मानव जीवन को सरल और आरामदायक बनाने के लिए उपकरण प्रदान किए हैं। बटन दबाते ही विभिन्न वैज्ञानिक उपकरण आज्ञाकारी सेवक की भांति हमारी सेवा में तत्पर रहते हैं। जिनके कारण मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र...
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Hindi Essay on “Mera Priya Kavi : Tulsidas” , ”मेर प्रिय कवि : तुलसीदास” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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मेर प्रिय कवि या   तुलसीदास निबंध नंबर :- 01 तुलसीदास हिंदी साहित्य के अमर कवि होने के साथ-साथ मेरे प्रिय कवि भी हैं। भक्तिकालीन कवियों में कबीर, सूर, तुलसी, मीारा और आधुनिक कवियों में मैथलीशरण गुप्त, महादेवी वर्मा जैसे कुछ कवियों का रसास्वादन किया है। इन सबको अध्ययन करते समय जिस कवि की भक्ति भावना ने मुझे अभिभूत कर दिया उसका नाम है-महाकवि तुलसीदास। लोकनायक गोस्वामी तुलसीदास हिंदी-साहित्य-जगत की एक अमर...
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Hindi Essay on “Mera Priya Neta: Subhash Chander Bose” , ”मेरे प्रिय नेता: सुभाष चंद्रबोस” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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  मेरे प्रिय नेता  या  नेताजी सुभाष चंद्रबोस   ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।’   खुना के बदले आजादी देने की घोषणा करने वाले भारत माता काा अमर सपूत सुभाषचंद्र बोस का जन्म उड़ीसा राज्य के कटक नामक नगर में 23 जनवरी 1897 में हुआ था। उनके पिता राय बहादुर जानकीनाथ बोस वहां की नगरपालिका एंव जिला बोर्ड के प्रधान तो थे ही, नगर के एक प्रमुख वकील...
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Hindi Essay on “Tyoharo ka Jeevan mein Mahatav” , ”त्यौहारों का जीवन में महत्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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त्यौहारों का जीवन में महत्व त्यौहार समय-समय पर आकर हमारे जीवन में नई चेतना, नई स्फूर्ति, उमंग तथा सामूहिक चेतना जगाकर हमारे जीवन को सही दिशा में प्रवृत करते हैं। ये किसी राष्ट्र एंव जाति-वर्ग की सामूहिक चेतना को उजागर करने वाले जीवित तत्व के रूप में प्रकट हुआ करते हैं। कोई राष्ट्र त्यौहारों के माध्यम से अपने सामूहिक आनंद को उजागर किया करते हैं। व्यक्ति का मन आनंद तथा मौजप्रिय...
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Hindi Essay on “Apne Aap Par Vishvas” , ”स्वंय पर विश्वास” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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स्वंय पर विश्वास संस्कूत में कहा गया है कि मत ही मनुष्य के बंधन और मोक्ष का कारण है ‘मन एंव मनुष्याणां कारण बंधा न मोक्ष्यों।’ मन की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है। मन ही व्यक्ति को सांसारिक बंधनों से बांधता है, मन ही उसे अन बंधनों से छुटकारा दिलाता है। मन ही मन उसे अनेक प्रकार की बुराईयों की ओर प्रवृत्त करता है, तो मन ही उसे अज्ञान से ज्ञान की...
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