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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 66)
धार्मिक पर्व – होली प्रस्तावना विश्व के प्रत्येक देश में त्योहार मनाये जाते हैं। इन त्योहारों के माध्यम से समाज की सांस्कृतिक परम्पराओं का आभास मिलता है। मुसलमानों की दुष्टि से ‘ईद’ का एवं ईसाईयों की दृष्टि से ‘क्रिसमस’ का त्योहार महत्वपूर्ण है। इसी प्रकार हिन्दुओं की दुष्टि से रक्षाबंधन, दीपावली, विजयादशमी, होली आदि के त्योहार अपना विशेष महत्व रखते हैं। होली के त्योहार की महत्ता होली का त्योहार फाल्गुन...
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January 23, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेले का वर्णन मेले हमारी सांस्कृतिक एकता के प्रतीक हैं। मेले प्रायः पवित्र नदियों के किनारे भरते हैं। गंगा, यमुना, नर्मदा, क्षिप्रा आदि पवित्र नदियाँ मानी गई हैं। जनश्रुति है कि विशिष्ट अवसरों पर जो लोग इन नदियों में स्नान करते हैं, उन्हें पुण्य लाभ होता है। देश के केन्द्र में अवस्थित जबलपुर नगर के किनारे से नर्मदा नदी बहती है। इसी नदी पर एक जल-प्रपात है, जिसे धुआँधार के नाम...
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January 23, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पाठशाला में खेला गया मैच प्रस्तावना खेलों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना कि स्वयं मनुष्य। आदि-मानव के आखेट, श्रीकृष्ण का गेंद खेलना, दशरथ का शिकार खेलना, कौरव-पांडवों की चूत क्रीड़ा आदि की कथाएँ इंगित करती हैं कि मनुष्य अपने विकास के प्रारंभिक दौर से ही क्रीड़ा प्रेमी रहा है। समय-समय पर खेलों का स्वरूप बदलता गया है। आज के संदर्भ में भी खेलों में छात्रों की रुचि जागृत करने...
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January 23, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
धार्मिक पर्व – विजयादशमी प्रस्तावना प्रत्येक त्योहार अपना धार्मिक, सामाजिक एवं ऐतिहासिक महत्व रखता है। विजयादशमी असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। विजय श्री उन्हीं लोगों को प्राप्त होती है, जो पूर्ण निष्ठा और लगन के सा। अन्याय, अत्याचार एवं उत्पीड़न का सामना करते हैं। ‘सत्यमेव जयते’ ही भारतीय संस्कृति का निचोड़ है। इसी तारतम्य में विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है। विजयादशमी के त्योहार की पृष्ठ भूमि...
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January 23, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एक रोमांचक यात्रा Ek Romanchak Yatra प्राचीन काल से ही यात्राओं का महत्व रहा है। यात्रा से मनुष्य के अनुभवों में वृद्धि होती है। नैसर्गिक दृश्यों से आत्मिक शान्ति का अनुभव होता है। यात्राओं के द्वारा मनुष्य की कूप मण्डूकता दूर होती है। अतः यात्राएँ मानव को विशाल हृदय वाला, व्यापक दृष्टिकोण अपनाने वाला एवं सहृदय बनाने में सहायक हैं। यात्राएँ मनोरंजन के नये आयाम खोलती हैं, जिससे लोग तनावपूर्ण स्थिति...
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January 23, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पर्यावरण संरक्षण Paryavaran Sanrakshan पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- परि + आवरण। परि का अर्थ है ‘चारों ओर’ तथा आवरण का अर्थ है ‘ढंका हुआ’। पूरे शब्द का तात्पर्य हुआ चारों ओर से ढंका हुआ। हमारी पृथ्वी चारों ओर से जिन तत्वों और वस्तुओं से ढंकी या आच्छादित है, वही हमारा पर्यावरण है। हमारे पर्यावरण में पेड-पौधे, जीव-जन्त, नदी-तालाब समुद्र-जंगल, हवा-पानी, सूर्य का प्रकाश आदि सभी कुछ सम्मिलित...
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January 23, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बढ़ती हुई आबादी Badhti hui Abadi आबादी या जनसंख्या का अर्थ है किसी निश्चित क्षेत्र में, निश्चित समय पर रहने वाले मनुष्यों की संख्या। आज भारत की आबादी एक अरब से अधिक हो चुकी है। लगभग दो करोड़ लोग प्रतिवर्ष इस देश में बढ़ जाते हैं। आबादी की अधिकता अनेक समस्याओं की जनक है। इस समस्या पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो देश का भविष्य गंभीर संकट में होगा,...
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January 23, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जनसंख्या और पर्यावरण Jansankhya aur Paryavaran परि’ का अर्थ होता है – चारों ओर तथा आवरण का अर्थ होता है – घेरा। इस तरह पर्यावरण का अर्थ है – हमारे चारों ओर जो भी चीजें हैं, वे हमारा पर्यावरण बनाती हैं। हवा, पानी, भूमि, खनिज, पेड़-पौधे तथा विभिन्न प्रकार के जीव मिलकर पर्यावरण बनाते हैं। समस्त जीवधारी पर्यावरण के जैविक घटक हैं। पृथ्वी पर किसी भी जैविक घटक की संख्या में...
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