Home »
Posts tagged "Hindi Essay" (Page 251)
पुस्तकालय और उसका सदूपयोग पुस्तकालय-ज्ञान के मंदिर – पुस्तकालय ज्ञान के मंदिर हैं | उन्नति के सभी सूत्र पुस्तकालयों में रखी पुस्तकों में सुरक्षित हैं | कोई भी विकासेच्छु मनुष्य इनकी सहायता से मनवांछित उन्नति कर सकता है | आधुनिक पुस्तकालय – आधुनिक पुस्तकालय बड़े व्यवस्थित होते हैं | इनमें लाखों की संख्या में पुस्तकें संग्रहित होती हैं | सैंकड़ों पत्र-प्त्र्कायों आती हैं | आजकल इलेक्ट्रॉनिक साधन भी उपलब्ध...
Continue reading »
June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages7 Comments
छात्र–अनुशासन Chatra Anushasan विचार–बिंदु-• अनुशासन का अर्थ और महत्त्व • अनुशासन की प्रथम पाठशाला परिवार • व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के लिए अनुशासन आवश्यक • अनुशासन–एक महत्त्वपूर्ण जीवन–मूल्य। अनुशासन का अर्थ और महत्त्व–अनुशासन का अर्थ है-नियम के अनुसार चलना, नियंत्रण या व्यवस्था। विद्यार्थी और अनुशासन का परस्पर गहरा संबंध है। अनुशासन के बिना विद्या ग्रहण करने का कार्य नहीं किया जा सकता। अनुशासन की प्रथम पाठशाला परिवार–अनुशासन की पहली पाठशाला है-परिवार...
Continue reading »
June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages4 Comments
मेरा आदर्श अध्यायक मेरे आदर्श अध्यायक – बचपन से अब तक मैं अनेक अध्यापकों के संपर्क में आया हूं | प्राय: सभी ने मुझे प्रभावित किआ है | परंतु जब मैं अपने आदर्श अध्यापक की खोज करने निकलता हूँ तो मुझे श्री विजयेंद्र जैन का स्मरण ही आता है | परम स्न्नेही – विजयेंद्र जैन की सबसे बड़ी खूबी यही थी कि वे सब विदेयार्थों से मित्रवत स्नेह रखते थे...
Continue reading »
June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
आदर्श विद्यार्थी Adarsh Vidyarthi Essay No. 01 अर्थ – ‘विद्यार्थी’ का अर्थ है –’ विद्या प्राप्त करने वाला | ‘ किसी भी प्रकार की विद्या या कला या शास्त्र शीखने में लगा हुआ व्यक्ति विद्यार्थी है | विद्यार्थी’ के गुण – विद्यार्थी का पहला और सबसे आवश्यक गुण है – जिज्ञासा | जिसे कुछ जानने की इच्छा ही न हो, उसे कुछ भी पढ़ाना व्यर्थ होता है | जिज्ञासा-शून्य...
Continue reading »
June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages9 Comments
भारतीय गाँव और महानगर नगर और गाँव की तुलना – भारतीय गाँव महानगर में वही संबंध होते है, जो सीधे-सादे बूढ़े बाप और उनकी अल्ट्रा माडर्न संतान में होता है | गाँव शहरों की सींचते हैं, उने धन, श्रम, माल देते है ; परंतु शहर फिर भी गाँव की और ताकते तक भी नहीं | गाँव के सुख – भारत की अधिकांश जनता गाँव में रहकर खेती करती है |...
Continue reading »
June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारतीय किसान कृषक-संस्कृति – गाँधी जी कहा करते थे –“भारत की संस्कृति कृषक-संस्कृति है —– भारत का ह्रदय गाँवों में बसता है | गाँवों में ही सेवा और परिश्रम के अवतार किसान बसते हैं | ये किसान नगर्वसियों के अन्नदाता हैं, सृष्टिपालक हैं |” सादगी को महत्व – भारतीय किसान सीधा-सादा जीवन-यापन करता है | सादगी का यह गुण उसके तन से ही नहीं, मन से भी झलकता है...
Continue reading »
June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारतीय मज़दूर भारतीय मज़दूर का चित्र – दुख, दरिद्रता, भूख, आभाव, कष्ट, मज़बूरी, शोषण और अथक परिश्रम-इन सबको मिलां दे तो भारतीय मज़दूर की तस्वीर उभर आती है | भारतीय मज़दूर की मज़बूरी – कोई प्राणी खुश होकर मज़दूर नहीं बनता | भारतीय मज़दूर तो और भी विवश है | उसका इतना अधिक शोषण होता है की वे मुश्किल से दो वक्त का भोजन कर पते हैं | भारत...
Continue reading »
June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
भारत की राजधानी दिल्ली-महत्वपूरण नगर – भारत की राजधानी दिल्ली को लोग ‘भारत का दिल’ कहते हैं | भारत की राजधानी अनेक समस्याओं, संस्कृतियों, युगों, बोलीओं, जीवन-सत्रों का संगम है और पुरे भारत की धड़कन है | सम्पूर्ण भारत की प्रतिनिधि – दिल्ली में हर प्रदेश, प्रांत, जिले, नगर, बोली, भाषा, धर्म, संस्कृति, कला और ज्ञान का संगम मिल जाएगा | एक प्रकार से दिल्ली में पुरे भारत के दर्शन...
Continue reading »
June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment