Sainik Ka Jeevan “सैनिक का जीवन” Hindi Essay 350 Words for Class 10, 12.
सैनिक का जीवन
Sainik Ka Jeevan
सैनिक अपने राष्ट्र का गौरव होता है। वह अपने रक्त तथा जीवन से अपनी मातृभूमि के सम्मान की रक्षा करता है। उसे अपने परिवार और स्वयं अपने से भी ऊपर उठना होता है। उसका व्यवसाय उसमें शौर्य, अनुशासन, सामूहिक भावना, राजभक्ति और दृढ़ता के सर्वोत्कृष्ट गुण उत्पन्न करता है। उसका उदाहरण उन लोगों के लिए प्रकाश स्तम्भ का कार्य करता है जो दब्बू और कायर होते हैं। उसका जीवन राष्ट्र के युवाओं के लिए प्रेरणा का एक स्रोत होता है। उसके जीवन में राजनीति का कोई स्थान नहीं होता। वह अपनी पूरी क्षमता से देश की सेवा करता है।
हम सैनिक से, किसी विद्वान, राजनेता या कवि से कम प्यार नहीं करते। सैनिक अपने आप में यौवन की भावना को मूर्त रूप देता है। भारतीय युवाओं की स्मृति में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का स्थान सम्भवतः तिलक, गाँधी या टैगोर से कहीं अधिक है। उनके द्वारा भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के कार्यों में निभायी गयी शानदार भूमिका को आने वाली पीढ़ियाँ हृदय में संजोए रखेंगी। नेताजी सरकारी प्रशासक के पद को ठुकराकर एक सैनिक बन गये तथा देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी।
अंग्रेजों के समय में भारतीय सैनिक भाड़े के सिपाही मात्र थे। अब वे एक राष्ट्रीय सैनिक हैं। आज भारत की सेना में तथाकथित योद्धाओं और भिन्न-भिन्न जातियों के बीच कोई विभाजन रेखा नहीं है। भारतीय सैनिकों ने पिछले दो विश्व-युद्धों में भी सर्वोच्च नाम कमाया था। युद्ध के मैदान में उनके कारनामे शौर्यपूर्ण और साहसिक रहे हैं। वे मानवता का सर्वोत्कृष्ट नमूना हैं- चाहे वह मराठा हों, सिक्ख हो अथवा राजपूत। वह हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप का सर्वश्रेष्ठ प्रतीक है।
स्वतन्त्र भारत में सैनिक बहुत से असैनिक कार्यों में भी सहायता देते हैं जैसे टिड्डी संहार, फसलों की कटाई, पुल-भवन-सड़क निर्माण आदि। आज उसे पहले की तुलना में, आम जनता से मिलने-जुलने के अधिक अवसर प्राप्त होते हैं।
राबर्ट ब्रुक (कवि जो सैनिक बन गया) ने अंग्रेजी सैनिक के कुछ गुणों की, अर्थात् आत्मसमर्पण, प्रचण्ड देशभक्ति और निर्भीकता का वर्णन अपनी चतुर्दश-पदी “दी सोल्जर” में बड़े सुन्दर ढंग से किया है।