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NCC Diwas – 28 November “एन.सी.सी. दिवस – 28 नवम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.

एन.सी.सी. दिवस – 28 नवम्बर (NCC Diwas – 28 November)

भारत में एन.सी.सी. दिवस प्रतिवर्ष 28 नवम्बर को मनाया जाता है।

एन.सी.सी. की जानकारी ( Information of NCC )

मनुष्य जीवन में अनुशासन का बहुत महत्त्व है। विद्यार्थी जीवन में तो इसका और भी अधिक महत्त्व है। अनुशासन दो प्रकार का होता है। बाह्य अनुशासन और स्व-अनुशासन। छात्र जीवन में दोनों ही प्रकार का अनुशासन सिखाने का पूरा प्रयास किया जाता है। में भय और डर का दबाव रहता है, जबकि स्वानुशासन में व्यक्ति बिना बाह्य अनुशासन किसी भय एवं डर के अपने आप अनुशासित रहना चाहता है।

अनुशासन की भावना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि देश और समाज का विकास तभी सम्भव है जब लोग अनुशासित रहें। देश के संविधान के प्रति अनुशासित रहें, देश के कानून कायदों के प्रति अनुशासित रहें और सामाजिक व नैतिक मर्यादाओं अनुशासित रहें।

आज समाज में जो भी विकृतियाँ दिखाई दे रही हैं उसकी एक खास वज्रह अनुशासनहीनता भी है। इसका असर देश के सामाजिक और आर्थिक विकास पर स्पष्ट रूप से पर दिखाई पड़ रहा है।

छात्रों में अनुशासन की भावना विकसित करने तथा सैनिक जीवन से परिचित कराने के लिये राष्ट्रीय छात्र सेना (एन.सी.सी.) की स्थापना 16 जुलाई, 1948 को एन.सी.सी. अधिनियम के अन्तर्गत देश के विद्यालयों, महाविद्यालयों में की गई।

एन.सी.सी. हर वर्ष अपना स्थापना दिवस 28 नवम्बर को मनाती है। एन.सी.सी. की स्थापना का मुख्य उद्देश्य छात्रों में अनुशासन की भावना का विकास करना तो है ही, साथ ही साथ चरित्र, नेतृत्व, साहस एवं खेल भावना का विकास कर उन्हें श्रेष्ठ नागरिक बनाना भी है।

एन.सी.सी. का झण्डा तीन रंगों की समान खड़ी पट्टियों से बना हुआ होता है, जो थलसेना, नौ सेना और वायु सेना का प्रतीक है। झण्डे के बीच में सोलह पंखुड़ियों से बना एक गोल घेरा होता है, जो देशभर में फैले हुए सोलह निदेशालयों का प्रतीक माना जाता है।

इस घेरे के बीच में एन.सी.सी. लिखा होता है, और नीचे एन.सी.सी. का ध्येय सूत्र ‘एकता और अनुशासन’। एन.सी.सी. को भी थल; नौ सेना और वायु सेना में बाँटा जाता है।

एन.सी.सी. के छात्रों को प्रशिक्षण हेतु तीन स्तरों में बाँटा जाता है।

सीनियर डिवीजन–इसमें कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्र प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। तीन साल के प्रशिक्षण के बाद उन्हें इसका प्रमाण-पत्र दिया जाता है।

जूनियर डिवीजन-इसमें आठवीं से बारहवीं कक्षा तक के छात्र प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। दो वर्ष के प्रशिक्षण के बाद इनको ए श्रेणी का प्रमाण-पत्र दिया जाता है।

गर्ल्स डिवीजन-इसमें छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। उनको भी सीनियर और जूनियर डिवीजन में बाँटा जाता है।

एन.सी.सी. की गतिविधियों में मुख्य एवं महत्त्वपूर्ण काम शिविरों का आयोजन करना है। यथा-एकता शिविर, पर्वतारोहण शिविर, प्रशिक्षण शिविर आदि। गणतंत्र दिव पर किसी-किसी को दिल्ली की परेड में भी शामिल होने का अवसर उपलब्ध हो जाता है। एन.सी.सी. में साइकिल अभियान, पेराशूट से छलांग लगाना इत्यादि साहसिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।

एन.सी.सी. कैडेट्स सामाजिक कार्यों में भी अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। जैसे पोलियो उन्मूलन की दवा पिलाने, वृक्षारोपण, बाढ़ व अकाल सहायता में। भूकम्प में सहायता करना, नेत्रदान करना, रक्तदान करना एवं निरक्षर बहन-भाइयों को साक्षर करने जैसे समाज-सेवा के कार्यों के जरिये भी वे अपने आदर्श नागरिक होने का परिचय देते हैं।

प्रसन्नता की बात है कि बदलते वक्त के साथ-साथ एन.सी.सी. का महत्त्व भी बढ़ता जा रहा है तथा बड़ी तादाद में छात्र-छात्राएँ इस संगठन से जुड़ रहे हैं। अब तो एन.सी.सी. के द्वारा नागरिक उड्डयन और वायुसेना जैसे संगठनों से जुड़ने के भी पर्याप्त अवसर पैदा होने लगे हैं।

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