Hindi Letter “Taj Mahal ki yatra ke bare me mataji ko patra ” , “ताजमहल यात्रा के बारे में अपनी माताजी को पत्र” Hindi Letter for Class 10, Class 12 and Graduate Classes
अपनी ताजमहल यात्रा के बारे में अपनी माताजी को पत्र लिखकर बताओ।
Taj Mahal ki yatra ke bare me mataji ko patra
401/A, विजय नगर
हाथरस
दिनांक: 27 नवम्बर,- 2017
आदरणीय माताजी,
मैं यहाँ हाॅस्टल मंे कुशलपूर्वक हूँ तथा आशा करता हूँ कि आप भी कुशल होगी। इस पत्र में मैं आपको अपनी ताजमहल यात्रा के बारे में बता रहा हूँ। हमारी कक्षा ने ऐतिहासिक भवन की यात्रा करने का निश्चय किया तथा ताजमहल को चुना गया।
हमने धन एकत्र किया तथा बस द्वारा आगरा पहुँचे। वहाँ हमने टिकट खरीदे। ताजमहल का प्रवेश एक बड़े दरवाजे से है। फुव्वारे की एक पंक्ति ताजमहल तक जाती है। हरे बगीचे से आस-पास का क्षेत्र सुशोभित है। ताजमहल यमुना नदी के किनारे पर ऊँचे तथा चबुतरे पर स्थित है। यह तीनों ओर से सरू वृक्षों से घिरा हुआ है।
ताजमहल एक शानदार भवन है तथा चाँदनी रात के ढाँचे के समान लगता है। चारों कोनों पर खड़ी हुई मीनारों के मध्य गुम्बद है। हम सीढ़ियों से नीचे उतरे। कुराने की आयतों तथा बहुरंगी काँच के टुकड़ों से दीवारें सजी हुई हैं। हम वास्तव में आकर्षित करने वाले वातारण में खो गये थे। इसके बाद हमने शाहजहाँ तथा उसकी पत्नी मुमताज महल की कब्रें देखी।
लगभग तीन सौ वर्ष पहले शाहजहाँ ने अपनी प्रिय पत्नी के मधुर स्मृति में ताजमहल बनवाया था। इस पर लगभग तीन करोड़ रूप्ये खर्च हुए। ताजमहल को पूरा करने के लिए बीस हजार शिल्पकारों ने इसे पूरा करने के लिए बीस साल दिन-रात कार्य किया। यह पूर्णयता सफेद संगमरमर का बना हुआ है।
यह वास्तव में स्वप्न है। संगमरमर में चमत्कार है। चाँदनी रात में इसकी सुन्दरता मुस्कुराती है, निखरती है। यह मुगल वास्तुकला का अद्भूत स्मारक है। ताजमहल की सुन्दरता का वर्णन नहीं किया जा सकता। कुछ उनकी आलोचकों ने ताजमहल का धन की तथा साधनांे की बर्बादी बताकर आलोचना की है, परन्तु उनकी संख्या नगण्य है। कोई भी आगन्तुक सम्राट शाहजहाँ ने अपनी रानी मुमताह महल के प्रति अमर प्रेम की प्रशसा किये बिना नहीं रह सकता।
प्रत्येक दिरन लोग देश के सभी कोनों से ताजमहल देखने के लिये आगरा आते हैं। यह नव-विवाहितों के लिये पर्यटन स्थल तथा इतिहास के छात्रों के लिये ऐतिहासिक भवन है। जो विदेशी भारत आते हैं, वे इस सुंदर ताजमहल को देखने के लिये आगरा भी जाते हैं।
मम्मी आप अपने स्वास्थय का ध्यान रखें तथा सदैव प्रसन्न करें। मैं अगले हफ्ते घर वापस आऊँगा।
मैं आपके तथा पिताजी के प्रति अत्यधिक सम्मान के साथ तथा छोटी बहिन को स्नेह सहित पत्र बन्द करता हूँ।
आपका प्रिय पुत्र,
नीरज
Nice letter writing