Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Madhur Vani” “मधुर वाणी” for Class 10, 12 Examination.
मधुर वाणी (Madhur Vani)
“ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोय।
औरन को सीतल करै आपहु सीतल होय ॥”
मधुर वाणी एक वरदान है। यह हमारे सभी कामों को बना देती है। मधुर वचन मानो वशीकरण मंत्र के समान है, जो सामने वाले व्यक्ति को सहज ही अपने वश में कर लेते हैं। कटु वचन एक तीर के समान होते हैं जो अंदर तक जाकर धँस जाते हैं जिसका घाव भरना भी मुश्किल हो जाता है। शब्दों के तीर या बाण जब चल जाते हैं तो वापस लौटकर नहीं आते। उनका प्रभाव होना निश्चित है। इसलिए मनुष्य को प्रयासपूर्वक मीठे वचन ही बोलने चाहिए। मीठे वचन बोलने वाला व्यक्ति सभी जगह से आदर-सम्मान ही पाता है परंतु कटुभाषी व्यक्ति हमेशा निंदा का पात्र बनता है न कोई उसका मित्र बनता है तथा न कोई उससे बात करने में इच्छुक होता है। वह अकेला ही रह जाता है। कटुभाषी जो व्यक्ति होते हैं उनमें धीरे-धीरे क्रोध दुश्मनी जैसे भावों का विकास होता चला जाता है परंतु मीठे वचन बोलने वाले मृदुभाषी व्यक्ति में नम्रता, शिष्टता जैसे गुणों का विकास और भी होता चला जाता है। मीठी वाणी बोलने का जीवन में बहुत महत्त्व है। इससे परिवार और समाज की सुख-शांति भी बनी रहती है आदर- कर सकते हैं और सबके आत्मीय भी बन सकते हैं। सम्मान मिलता है सद्भावना एवं सहृदयता का संचार होता है। मधुर वाणी बोलकर हम जीवन में सफलता प्राप्त