Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Aesop” , ”ईसप” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
ईसप
Aesop
यूनान : अमर नीति कथाकार
जन्म : ई.पू. 620 मृत्यु : ई.पू. 560
संसार की लगभग सभी भाषाओं में ईसप की शिक्षाप्रद और मनोरंजक कहानियां अनूदित होकर अत्यंत लोकप्रिय हुई हैं। प्रारंभ में ईसप गलाम के रूप में काम करता था, परंतु वह बहुत चतुर था। वह जानवरों की कहानियों के रूप में बडी शिक्षाप्रद बातें कहता था। ‘लोमड़ी और अंगूर’, ‘शेर और चहा’ आदि विश्व-प्रसिद्ध कहानियां उसी की रचनाएं कही जाती हैं। हो सकता है कि ‘पंचतंत्र’ और ‘हितोपदेश’ की कहानियां यूरोप पहंची हों और ईसप ने अपना ली हों। कुछ भी हो, उसकी शिक्षाप्रद कहानियां विश्वभर में प्रसिद्ध हैं, जिनका संग्रह बाद में किया गया। कहा जाता है कि क्रोइसस द्वारा यूनान पर आक्रमण के समय ईसप ने उसे अपनी कहानियों से मोहित कर यूनान को स्वतंत्र करा लिया था।
ईसप का व्यक्तित्व तथा काल सभी कछ विवादास्पद हैं। कछ विद्वानों के अनुसार ईसप का जन्म लगभग 620 ई.पू. यूनान के एक गुलाम परिवार में हुआ था। वह सामांस द्वीप के निवासी इयाट्मन का दास था।
दास होने के कारण उसे शिक्षा प्राप्त नहीं हो सकी। उसके मालिक ने उसे बेच दिया। परंतु वह महान दार्शनिक प्रवृत्ति का व्यक्ति था। कहा जाता है कि उसके विरोधियों ने उसपर देवमंदिर से सोने का प्याला चुराने का अभियोग लगाया था और उसे पर्वत शिखर से धक्का देकर मृत्युदंड दिया था। उसकी मृत्यु 560 ई.पू. होने का अनुमान है।
अनेक शताब्दियों के बीत जाने पर भी ईसप द्वारा दी गयी शिक्षा आज भी उतनी ही प्रासंगिक और ग्रहणीय है। उसकी कहानियां ‘ईसपस फेबल्स’ में संग्रहीत हैं, जिनका संग्रह 14वीं शताब्दी में एक भिक्षु मैक्सिमस प्लानडे ने किया।