Hindi Essay on “Saraswati Pooja , सरस्वती पूजा ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
सरस्वती पूजा
सरस्वती पूजा प्रतिवर्ष बसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है। यह पूजा माँ सरस्वती जिन्हें विद्या की देवी माना जाता है के सम्मान में आयोजित किया जाता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में इसे बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। माँ सरस्वती को विद्यादायिनी एवं हंसवाहिनी कहा जाता है।
सरस्वती पूजा के आयोजन के ख्याल से ही छात्र-छात्राओं में जोश का संचार हो जाता है। प्रत्येक शिक्षण-संस्थानों में विद्यार्थियों द्वारा पूरी तन्मयता के साथ सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। बड़े-बूढ़े भी बच्चों को पूरा सहयोग देते हैं। छात्रों द्वारा अपने समूहों से तथा कुछ परिचितों से चंदा भी एकत्रित किया जाता है। छात्रगण पूजा के कुछ दिनों पूर्व से ही साज-सज्जा के कार्यों में संलग्न हो जाते हैं।
पूजा के दिन छात्र-छात्राएँ प्रातःकालीन तैयार होकर पूजा पंडालों अथवा पूजन स्थल पर एकत्रित हो जाते हैं । माँ सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जाती है। बच्चे अपनी पुस्तकें भी प्रतिमा के सन्मुख रखते हैं। तत्पश्चात् विधिवत् पूजन कार्य सम्पन्न कराया जाता है। लोग पुष्पांजली देते हैं और पूजा के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है। बच्चों द्वारा अतिरिक्त समय में सांस्कृतिक व मनोरंजक कार्यों का भी आयोजन किया जाता है। इन कार्यों में बच्चे पूरे उत्साह के साथ शामिल होते हैं। भिन्न-भिन्न प्रकार के पंडाल आकर्षण का केन्द्र होते हैं। बच्चे माँ सरस्वती के दर्शन हेतु विभिन्न पंडाल जाते हैं। यह उत्सव अनुठी छटा उत्पन्न करता है।
हालांकि सरस्वती पूजा अत्यन्त पावन पर्व है लेकिन कुछ शरारती तत्वों द्वारा पूजा के लिए चंदा के नाम पर अराजक कार्यों का सहारा लिया जाता है। ये लोग चंदा वसूली के नाम पर दुकानदारों, वाहन चालकों और आम जनता से वसूली करते हैं। ऐसे लोगों का बुनियादी शिक्षा से कोई सरोकार नहीं होता है। लेकिन गलत कार्यों को पूरा करने के लिए ये पूजा का सहारा लेते हैं। अतः हमें ऐसे लोगों का विरोध करना चाहिए और सरस्वती पूजा की पावनता को अपवित्र होने से बचाना चाहिए।