Hindi Essay on “Ek Chapdasi ki Aatmakatha” , ”एक चपड़ासी की आत्मकथा” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
एक चपड़ासी की आत्मकथा
Ek Chapdasi ki Aatmakatha
चपड़ासी स्कूल का एक महत्त्वपूर्ण व्यक्ति होता है। वह स्कूल में सबसे पहले आता है और अन्त में जाता है। वह सुबह आकर कक्षाएँ खोलता है तथा स्कूल खत्म होने पर उन्हें बन्द करता है। वह ही प्रधानाचार्य का दफ्तर साफ करता है तथा चीजों को सही तरह से रखता है। वह स्कूल की साफ-सफाई का ध्यान रखता है। वह स्कूल की रीढ़ की हड्डी होता है।
चपड़ासी हमेशा वर्दी पहने होता है। यह वर्दी सफेद या खाकी हो सकती है। वह आमतौर पर प्रधानाचार्य के दफ्तर के बाहर बैठता है। वह स्कूल की घंटी बजाता है। वह प्रिंसीपल से नोटिस लेकर विभिन्न अध्यापकों तथा विद्यार्थियों तक पहुंचाता है। जब भी वह किसी छुट्टी का नोटिस लेकर आता है तो सभी विद्यार्थी खुशी मनाते हैं। उसे सदा सतर्क रहना चाहिए। वह सदा काम में व्यस्त रहता है।
चपड़ासी की स्कूल में हर तरफ से मांग रहती है। वह स्कूल में आने वाले लोगों तथा प्रधानाचार्य के बीच में कडी की तरह कार्य करता है। वह प्रधानाचार्य के लिए चाय तथा पानी लकर आता है। वह स्कूल के बीच इधर-उधर घूमता रहता है। वह स्कूल के सामान का ध्यान रखता है। वह विद्यार्थियों को फल आदि तोड़ने नहीं देता। यदि स्कूल में कुछ भी गलत होता है तो वह प्रिंसीपल को खबर करता है।
चपड़ासी एक अनपढ़ व्यक्ति होता है। किन्तु वह अपनी आवश्यकता के अनुसार थोडा बहुत पढ़ लिख लेता है। वह मेहनत बहुत करता है किन्तु उसकी आमदनी बहुत कम है। स्कूल के लड़के भी कई बार उसकी सहायता करते हैं। उसकी हालत सुधारने के लिए कुछ न कुछ अवश्य करना चाहिए।