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Archive by category "Languages" (Page 268)
प्राकृतिक आपदा: कारण और निवारण Prakritk Aapada-Karan aur Nivaran प्राकृतिक आपदा के प्रकार–प्राकृतिक आपदा का अर्थ है-प्रकृति की ओर से आए संकट। यह धरती, जिसे मनुष्य अपनी भाषा में आपदा या संकट कहता है, वास्तव में धरती की व्यवस्था है। पहाड़ों का टूटना, समुद्र का अनियंत्रित होना, तूफान आना, बाढ़ें आना, भूकंप आना-ये प्रकृति की अंगड़ाइयाँ हैं। निरंतर घूमती हुई पृथ्वी जब भी करवट लेती है तो बड़े-बड़े भूकंप आते हैं...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
उत्तराखंड में जलप्रलय Uttarakhand me Jalpralay उत्तराखंड में जलप्रलय–16 जून, 2013 रात लगभग 8 बजे का समय था। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थयात्री अपने-अपने परिवारों के साथ हमेशा की तरह उत्साह और खुशी से चारों धामों की यात्रा में मग्न थे। अचानक बारिश शुरू हुई। कहीं बादल फटे। सवा आठ बजे पहाड़ टूट-टूट कर मानो धरती पर लुढ़कने की होड़ करने लगे। चारों ओर से पत्थर, चट्टानें और गाद-भरा...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वन और हमारा पर्यावरण Van aur Hamara Paryavaran वन और पर्यावरण–वन और पर्यावरण का गहरा संबंध है। ये सचमुच जीवनदायक हैं। ये वर्षा लाने में सहायक होते हैं और धरती की उपजाऊ-शक्ति को बढ़ाते हैं। वन ही वर्षा के धारासार जल को अपने भीतर सोखकर बाढ़ का खतरा रोकते हैं। यही रुका हुआ जल धीरे-धीरे सारे पर्यावरण में पुनः चला जाता है। वनों की कृपा से ही भूमि का कटाव रुकता...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रेल के अनारक्षित डिब्बे में यात्रा Rail ke Anarakshit Dibbe me Yatra यात्रा का प्रयोजन–मुझे अपने मित्र के विवाह में दिल्ली से भोपाल जाना था। विवाह अचानक तय हुआ। अतः निमंत्रण भी अचानक मिला। मित्र बहुत ही प्रिय था। इसलिए विवाह पर जाना निश्चित हो गया। मैंने बहुत कोशिशु की कि रेलगाड़ी में टिकट आरक्षित हो जाए। परंतु टिकट मेरी किस्मत में नहीं थी। ‘तत्काल’ में भी टिकट नहीं मिल पाई।...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मोबाइल फोन संपत्ति और विपत्ति Mobile Phone Sampatti aur Vipatti मोबाइल फोन–एक सुविधा या संपत्ति-मोबाइल फोन मनुष्य के हाथों में खेलने वाला चौबीसों घंटों का नौकर है। आज इसका उपयोग बहुत सस्ता हो गया है। केवल कुछ रुपयों में देश-विदेश में बातें हो सकती हैं। संदेश भेजना तो लगभग मफ्त है। कोई व्यक्ति एक-साथ सैकड़ों लोगों को कुछ ही मिनटों में संदेश भेज सकता है, वह भी बहुत कम मूल्य पर।...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मैच फिक्सिग–एक कलंक Match Fixing-ek Kalank भ्रष्टाचार–भ्रष्टाचार मायावी राक्षस है। इसके दस नहीं, असंख्य सिर हैं। जब यह राक्षस खेलों में खेल दिखाता है तो अनेक करतब दिखाता है। मैच फिक्सिग भ्रष्टाचार रूपी दानव का नया पैंतरा है। कश्ती के बारे में फिक्सिंग की गाथाएँ पहले भी सनने में आती थीं। उसमें जीत-हार दो ही पहलवानों पर निर्भर होती है। अतः यदि एक को भी साध लिया जाए तो मैच का...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारतीय खेलों का वर्तमान और भविष्य Bharatiya Khelo ka Vartman aur Bhavishya खेल–विमुखता क्यों–आज भी भारत में बच्चे को खेलता देखकर माता-पिता के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच जाती हैं। इस कारण यहाँ खेलों का वर्तमान तथा भविष्य रामभरोसे है। खेल संस्थानों में भी परंपरागत शिक्षा को महत्त्व मिलता जा रहा है। खेलों को प्रोत्साहन कैसे मिले–भारत में खेलों को प्रोत्साहन तभी मिल सकेगा, जबकि भारत सरकार अपनी शिक्षा-नीति और...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
संयुक्त परिवार की आवश्यकता Sanyukt Parivar ki Aavyashakta अर्थ–संयुक्त परिवार का अर्थ है-अपने कुनबे के साथ इकट्ठे जीवनयापन करना। इसका विलोम है-एकल परिवार, अर्थात् नि-पत्नी का अपने अविवाहित बच्चों के साथ जीवनयापन करना। हमारे अतीत ने हमें समह में रहना सिखाया। हम कबीलों में, नबों में और संयुक्त परिवारों में जिए। आज संयुक्त परिवार भी टूट गए हैं। हर आदमी अकेला हो गया है। यह अकेलापन अब इन खड़े कर रहा...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment