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Hindi Samvad Writing on ” Bhai-Behan ke Beech Samvad”, “भाई-बहन के बीच संवाद” Complete Samvad for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

माँ के बीमार हो जाने पर भाई–बहन के बीच संवाद शैलेश – नीतू, तुमने न अपना बिस्तर ठीक किया है और ना ही कपड़े अलमारी में रखे हैं। नीतू – भैया, अभी कर दूँगी सब। मैं माँ के लिए दलिया बना रही थी। जब तक माँ ठीक नहीं हो जाती हम दोनों को मिलकर सारे काम करने होगे। शैलेश – वाह मेरी बहना! तू इतनी समझदार कैसे हो गई ? अब...
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Hindi Samvad Writing on “Ankurit Pallav aur Sukhe Patte ke Bich Samvad”, “अंकुरित पल्लव और सूखे पत्ते के बीच संवाद” Complete Samvad for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

पेड़ पर अंकुरित पल्लव और भूमि पर गिरे सूखे पत्ते के बीच वार्तालाप नव पल्लव- आहा! क्या मस्त हवा है। मुझे प्यार से दुलराती है, झुलाती है। है न प्यारी ? सूखा पत्ता – समय-समय की बात है। यही हवा मुझे असहाय जान इधर-उधर फेंकती रहती है। मैं विवश हो यहाँ-वहाँ ठोकरें खाता फिरता हूँ। नव पल्लव- तुम्हें पेड़ ने नीचे क्यों गिरा दिया? तुम इतने सूखे-पीले क्यों हो ? सूखा...
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Hindi Samvad Writing on “Mahilao ke Sath Chechad par Samvad”, “महिलाओं के साथ बढ़ती छेड़छाड़ पर संवाद” Complete Samvad for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

शहर में महिलाओं के साथ बढ़ती छेड़छाड़ आदि की घटनाओं के संबंध में दो सखियों के बीच वार्तालाप शोभना– रेखा, आज शाम नेहरूपार्क में अनुष्का शंकर का कार्यक्रम है, चलोगी ? रेखा- मन तो बहुत है, पर माँ ने शाम के 6 बजे के बाद कहीं भी बाहर जाने पर रोक लगा दी है। शोभना- सच, दिल्ली हम महिलाओं के लिए कितनी असुरक्षित होती जा रही है। नारी मुक्ति के नारे...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Jahan Sumati Tahan Sampati Nana”, “जहाँ सुमति तहँ संपत्ति नाना” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

जहाँ सुमति तहँ संपत्ति नाना Jahan Sumati Tahan Sampati Nana सुमति अर्थात अच्छी बुद्धि। बुद्धि ही हमें सुमार्ग या कुमार्ग की ओर ले जाती है। चोर, लुटेरे, डाकुओं की बुद्धि तीव्र हो सकती है किंतु उनकी सोच की दिशा गलत होती है। ऐसी बुद्धि काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह के वशीभूत होकर कुकर्मों की ओर प्रेरित करती है। परिणामतः पूरा जीवन नष्ट हो जाता है। इसके विपूरीत जिनकी बुद्धि सही-गलत, उचित-अनुचित...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Sab Din Rahat Na Ek Saman”, “सब दिन रहत न एक समान” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

सब दिन रहत न एक समान Sab Din Rahat Na Ek Saman समय नदी की धारा के समान है जो निरंतर आगे बढ़ता जाता है। बीते समय को किसी कीमत पर भी लौटाया नहीं जा सकता। समय की इस परिवर्तनशीलता को समझना जीवन को सही ढंग से जीने के लिए परम आवश्यक है। जो यह सच जान लेता है वह सुख आने पर अहंकारी नहीं बनता और दुख आने पर निराशा...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Ka Barkha Jab Krishi Sukhane” , “का बरखा जब कृषि सुखाने” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

का बरखा जब कृषि सुखाने Ka Barkha Jab Krishi Sukhane खोया धन परिश्रम से पुनः प्राप्त किया जा सकता है, खोया स्वास्थ्य भी उचित चिकित्सा व संतुलित, पौष्टिक भोजन से पाया जा सकता है, किन्तु एक बार जो समय निकल गया उसे अपना सर्वस्व देकर भी नहीं लौटाया जा सकता। फ़सल को सही वक्त पर पानी चाहिए, यदि उस समय नहीं मिला है हर कार्य का एक समय होता है, वह...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Dev-Dev Aalasi Pukara” , “दैव-दैव आलसी पुकारा” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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दैव–दैव आलसी पुकारा Dev-Dev Aalasi Pukara प्रगति के मार्ग का सबसे बड़ा बाधक है-आलस्य। व्यक्ति तन-मन से स्वस्थ, समर्थ और सक्षम होते हुए भी यदि प्रयत्न न करे तो सफल नहीं हो सकता। तन की शिथिलता आलस्य है तो मन की शिथिलता को प्रमाद कहते हैं। आलसी और प्रमादी व्यक्ति को न अपनी असफलता अखरती है और न ही उन्नति पाने का उनमें उत्साह जगता है। न वे कुछ नया सीखना...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Jab Aave Santosh Dhan” , “जब आवै संतोष धन, सब धन धूरि समान” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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जब आवै संतोष धन, सब धन धूरि समान Jab Aave Santosh Dhan Best 4 Hindi Essay on “Jab Aave Santosh Dhan” निबंध नंबर :- 01  ‘हरि अनंत, हरिकथा अनंता’ की भाँति हमारी इच्छाओं का भी कोई अंत नहीं होता। एक इच्छा पूरी होती नहीं कि दूसरी इच्छा पैदा हो जाती है। पूरा जीवन हम इच्छाओं के मूकड-जाल में फंसे रहते हैं। इच्छाओं के इस असीम सागर को पार करना तो किसी...
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