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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 316)
विज्ञान : वरदान या अभिशाप विज्ञान एक वरदान – अर्केडियन फरार लिखते हैं- “विज्ञान ने अंधों को आँखों दी हैं और बहरों को सुनने की शक्ति | उसने जीवन को दीर्घ बना दिया है, भय को कम कर दिया है | उसने पागलपन को वश में कर लिया है और रोग को रौंद डाला है |” यह उक्ति सत्य है | विज्ञान की सहायता से असाध्य रोगों के इलाज ढूंढ...
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June 23, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
स्वास्थ्य और व्ययाम निबंध नंबर :- 01 स्वस्थ तन-मन के बिना जीवन बोझ – जीवन एक आनंद है | इस आनंद का अनुभव वाही कर सकता है, जिसका तन और मन दोनों स्वस्थ हो तो मन स्वयं स्वस्थ रहता है | अगर तन-मन स्वस्थ न हों तो जीवन में कोई रन नहीं रहता | ऐसा जीवन व्यर्थ का बोझ बन जाता है | अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपेक्षित कार्यक्रम...
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June 23, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages4 Comments
क्रिकेट मैच का आँखों देखा हाल Cricket Match ka Aankhon dekha haal निबंध नंबर :- 01 पिछले हफ्ते हमने रामजस स्कूल के साथ एक सद्भावना मैच खेला। ये तालकटोरा मैदान में खेला गया। दोनों टीमें मैदान में पहुँच गई। दोनों टीमों के कप्तानों ने टॉस किया। सिक्का हवा में उछाला गया। हमारे कप्तान ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निणर्य लिया। हमारे अग्रिम खिलाड़ी अपनी पारी शुरु करने गए।...
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June 23, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
जीवन में खेलों का महत्व खेलों का महत्व – खेल मनोरंजन और शक्ति के भंडार हैं | खेलों से खिलाड़ियों का शरीर स्वस्थ और मज़बूत बनता है | खेलों के द्वारा उनके शारीर में चुस्ती, स्फूर्ति, शक्ति आती है | पसीना निकलने से अन्दर का मैल बाहर निकल जाते हैं | हड्डियाँ मज़बूत हो जाती हैं | शरीर हलका-फुलका बन जाता है | पाचन क्रिया तेज हो जाती है |...
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June 23, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages11 Comments
बीजिंग अलोंपिक में भारत बीजिंग अलोंपिक का परिचय – 29वें अलोंपिक खेल चीन के बीजिंग नामक महानगर में आयोजित किय गए | इनका सुभारंभ 08-08-08 को रात के 8 बजकर 8 मिनट 8 सैकंड पर चीनी राष्ट्रपति हु जिंताओं ने किया | 90000 से अधिक दर्शकों की उपस्थिति में इसका भव्य उद्घाटन हुआ | इसमें अब तक के सबसे अधिक 205 देशों के सबसे अधिक 302 खेलों में 11000 (सर्वाधिक)...
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June 23, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अलोंपिक खेलों में भारत भूमिका – पिछले हजार वर्षों का गुलाम भारत अगर हँस-खेल न पाया हो तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए | परतंत्र भारत में खेलों का विकास नहीं पाया | हमारे खिलाडियों को विश्वस्तरीय सुविधाएँ ही नहीं सामान्य सुविधाएँ भी नहीं मिल सकीं | आज़ादी के बाद भारत को गरीबी, जनसंख्या, निरक्षरता आदि बीमारयों ने एसा घेरा कि वह खेल-कूद की और पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाया...
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June 23, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
भारतीय खेलों का वर्तमान और भविष्य खेल-विमुखता क्यों – जिस देश में बच्चे को खेलता देशकर माता-पिता के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच जाती हों, अध्यापक छात्रों से बचाने का प्रयास करते हों, खिलाडियों को प्रोत्साहन देने की बजाय ताने सुनने को मिलते हों, उस देश का वर्तमान और भविष्य रामभरोसे ही हो सकता है | भारत में भी खेलों का वर्तमान तथा भविष्य रामभरोसे है | आज देश...
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June 23, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
लड़का-लड़की एक समान, दोनों से ही घर की शान लड़का-लड़की में असमानताएँ – लड़का-लड़की की समानताओं को समझने से पहले उनकी असमानताओं को समझना अनिवार्य है | लड़का-लड़की दोनों के कुछ अंगों में अंतर है | परंतु उनके अधिकांश एंड और तंत्र एक जैसे हैं | उनका जन्म, खान-पीन, पाचन-तंत्र, बीमारी, इलाज, मृत्यु आदि लगभग एक-समान हैं | अंतर मात्र प्रजनन-तंत्र का है | उनमें भी वे दोनों सहयोगी हैं...
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June 23, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages7 Comments