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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 285)
गांवों में शिक्षा Ganv me Shiksha गांव भारतीय सभ्या-संस्कृति की रीढ़ और परंपरागत केंद्र रहे हैं। आज बीसवीं सदी के इस अंतिम चरण में भी भारत को गांव-संस्कृति और कृषि-प्रधान देश ही माना जाता है। वास्तव में विशुद्ध भारतीय सभ्यता-संस्कृति का जन्म आश्रमों, बनों और गांवों में ही हुआ है। आज भी उस सभ्यता-संस्कृति के जो थोड़े-बहुत अंश बचे हुए या सुरक्षित कहे जा सकते हैं, वे गांवों में ही दिखाई...
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June 29, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शिक्षा का माध्यम Shiksha Ka Madhyam माध्यम का अर्थ होता है वह साधन या ढंग, जिसको अपनाकर कोई व्यक्ति या हम कुछ ग्रहण करते हैं। शिक्षा के माध्यम पर विचार करने से पहले उसका उद्देश्य जान लेना आवश्यक है। मनुष्य की सोई और गुप्त शक्तियों को जगाना, उन्हें सही दिशा में प्रयुक्त कर सकने की क्षमता प्रदान करना ही शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य और महत्व हुआ करता है। अपने इस महत्वपूर्ण...
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June 29, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शिक्षा और परीक्षा Shiksha Aur Priksha शिक्ष, यानी कुछ सीखकर उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने का मार्ग प्रदर्शित करने वाला माध्यम। इस दृष्टि से शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य और प्रयोजन होता है, व्यक्ति की बुद्धि, सूझ-बूझ, छिपे गुणों और कार्य-क्षमताओं को विकास को उचित आयाम प्रदान करना। ऐसा शिक्षा के द्वारा संभव हो सका है कि नहीं, यह देखने-जानने के लिए परीक्षा का असंदिज्ध महत्व भी एक सीमा तक स्वीकार किया जा सकता...
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June 29, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
वर्तमान शिक्षा प्रणाली Vartman Shiksha Pranali निबंध नंबर:01 शिक्षा का वास्तविक अर्थ होता है, कुछ सीखकर अपने को पूर्ण बनाना। इसी दृष्टि से शिक्षा को मानव-जीवन की आंख भी कहा जाता है। वह आंख कि जो मनुष्य को जीवन के प्रति सही दृष्टि प्रदान कर उसे इस योज्य बना देती है कि वह भला-बुरा सोचकर समस्त प्रगतिशील कार्य कर सके। उचित मानवीय जीवन जी सके। उसमें सूझ-बूझ का विकास हो, कार्यक्षमतांए...
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June 29, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages4 Comments
विद्यालय का वार्षिक मोहोत्सव मानव-स्वभाव जन्मजात रूप से ही उत्सव प्रिय है। उत्सव का अर्थ है-आनंद। इसलिए उत्सव का नाम सुनते ही मेरा रोम-रोम नाचने लगता है, फिर चाहे वह दीवाली-दशहरा का त्योहार हो या विद्यालय में कोई छोटा-बड़ा आयोजन ही क्यों न हो। उत्सव-त्योहार को आनंदपूर्वक, उत्साह से भरकर मनाना शायद हमारी संसकृति की एक बड़ी ही महत्वपूर्ण देन है। तभी तो हम न केवल उत्सवों-त्योहारों की प्रतीक्षा ही करते...
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June 25, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सैनिक-शिक्षा और विद्यार्थी Compulsory Military Education निबंध नंबर : 01 जीवन में सफलता पाने के लिए हर प्रकार की शिक्षा अनिवार्य है। ‘शिक्षा’ शब्द का व्यापक अर्थ केवल कुछ किताबें पढक़र, एक के बाद एक परीक्षांए पास करते जाना ही नहीं है, बल्कि वास्तविक अर्थ है जहां से जो कुछ भी अच्छा और उपयोगी मिल सके, वह सब कुछ सीखना और अपना लेना। इस ्रव्यापक अर्थ और संदर्भ में ही ‘सैनिक-शिक्षा...
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June 25, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्यार्थी और अनुशासन नियमित अर्थात समाज, संस्था द्वारा निर्धारित या स्वंय उसके नियमों का पालन करते हुए जीवन जीने का प्रयत्न ही अनुशासन है। अनुशासन किसी वर्ग या आयु-विशेष के लोगों के ही नहीं, बल्कि सभी के लिए परम आवश्यक हुआ करता है। जिस जाति, देश और राष्ट्र-जनों में अनुशासन का अभाव रहता है, वे अधिक समय तक अपना अस्तित्व नहीं बनाए रख सकते। यदि किसी अन्य कारण से अस्तित्व बना...
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June 25, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
विद्यार्थी और राजनीति Vidyarthi aur Rajniti निबंध नंबर : 01 आयु में अध्ययन का एक विशिष्ट भाग विद्यार्थी जीवन कहलाता है। इस अवस्था में जीवन को सफल बनोन के लिए अनेक प्रकार की विद्यांए प्राप्त करने का इच्छुक व्यक्ति ही सामान्यतया विद्यार्थी कहलाता है। इस कार्य के लिए प्राय: मानव-आयु का एक भाग अर्थात 25 वर्षो तक की आयु भी निर्धारित कर दी गई है। इस काल को भविष्य की तेयारी...
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June 25, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment