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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 224)
संगति Sangati संगति का अर्थ होता है साहचर्य या साथ। मनुष्य अपने दैनिक जीवन में जिसके साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत करता है, वही उसकी संगति कहलाती है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, वह बिना संगति के जी नहीं सकता। अब यह एक विचारणीय प्रश्न है कि मानव किसके साथ संगति करे और किसके साथ न करे। क्योंकि संगति से ही गुण और दोष उत्पन्न होते हैं। ‘संसर्ग जः दोषगुणाः...
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August 13, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
स्वावलम्बन Swavalamban Best 4 Essay on ” Swavalamban” निबंध नंबर: 01 स्वावलम्बन में दो शब्द हैं- स्व और लम्बन। एक का अर्थ है अपना और अवलम्बन का अर्थ है ‘सहारा’। इस प्रकार स्वावलम्बन का अर्थ हुआ ‘अपना सहारा स्वयं बनना’। दूसरे शब्दों में अपने आत्मबल को जागृत करना ही स्वावलम्बन है। राष्ट्र कवि दिनकर स्वावलम्बी व्यक्ति के लक्षण बताते हुए कहते हैं- अपना बल तेज जगाता है। सम्मान जगत् से पाता...
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August 13, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
प्राकृतिक आपदा सुनामी Prakritik Aapda Tsunami ‘सुनामी’ पिछले कुछ वर्षों में काफी चर्चा में रहा। लेकिन यह दीगर बात है कि अब भी लोग ‘सुनामी’ का सही मतलब नहीं समझ पा रहे हैं। लेकिन प्रत्यक्षतः यह अनुभव करते हैं कि समुद्र में जोरदार तूफान आया जिसमंे लाखांे लोग जान से हाथ धो बैठे। ‘सूनामी’ एक जापानी शब्द है जो सु$नामी (दो शब्दों के योग से बना है।) जिसका अलग-अलग अर्थ है...
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August 13, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सूखा: कारण एवं प्रबन्धन Sukha : Karan evm Prabandhan सूखा मानव द्वारा प्रकृति के मूल स्वरूप को परिवर्तित करने का परिणाम है। वनोन्मूलन, भू-जल का अति दोहन, जल संभरण को महत्त्व न देना, बड़े-बड़े जलाशयांे को पाटकर खेती के काम में लाना इत्यादि कारणों से जल स्त्रोतों की गुणवत्ता में ह्रास हुआ। फलस्वरूप अनेक स्थानों पर सूक्ष्म परिवर्तन से मानसून की स्वाभाविक क्रियाशीलता प्रभावित हूई। सूखे के लिए निम्नलिखित कारण...
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August 13, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आसियान: ‘पूर्व की ओर देखोे’ Asean : Purv ki Aur Dekho ’पूर्व की ओर देखोे’ नीति का सम्बन्ध ’आसियान’ ये है। आसियान के कुल 24 सदस्य हैं। स्थायी सदस्य हैं-सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, ब्रुनेई, म्यांमार, कम्बोडिया, वियतनाम, फिलीपींस और लाओस। अस्थायी सदस्य हैं- अमेरिका, चीन, जापान, भारत, कोरिया तथा यूरोपीय यूनियन के देश। पाकिस्तान को भी आसियान का अस्थायी सदस्य इस शर्त पर बनाया गया है कि वह इसके...
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August 13, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पंचायती राज व्यवस्था Panchayati Raj Vyavastha पंचायती राज यानी ’पंच परमेश्वर’ का एक उत्कृष्ट विचार भारत को विरासत में मिला है। चूंकि भारत गांवों का देश है, इसलिए गांवों का समग्र विकास ही यहां लोकतंत्र की सफलता की कसौटी है। इस संदर्भ में जे.एस. मिल का कथन उपयुक्त है-’’सामाजिक राज्य की सभी आवश्यकताओं को पूरी तरह से पूर्ण करने वाला शासन वहां से हो सकता है जिसमें सम्पूर्ण जनता...
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August 13, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
धर्म-निरपेक्षताः मजहब नहीं सिखाता आपस में वैर रखना Dharmnirpekshta : Majhab nahi sikhata aapas me bair rakhna ’धर्म-निरपेक्षता’ शब्द सर्वप्रथम प्रचलन में यूरोपीय देशों में आया। यूरोप में एक समय ऐसा भी था जब धर्म गुरूओं के दमन-च्रक में साधारण जनता पिस रही थी। फलतः उन देशों में क्रांति के द्वारा धार्मिक तानाशाही को खत्म किया गया। लोगों ने तदनन्तर जीवन के प्रति तर्कसंगत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण स्वीकार किया।...
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August 13, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दूरदर्शन के महानिदेशक को दूरदर्शन के कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए एक पत्र लिखिए। सेवा में, महानिदेशक दूरदर्शन केन्द्र नई दिल्ली। विषय: दूरदर्शन के कार्यक्रमों की समीक्षा। महोदय, निवेदन है कि मैं दूरदर्शन के कार्यक्रमों का नियमित दर्शक हूँ। दूरदर्शन पर आजकल अनेक धारावाहिक देखने को मिल रहे हैं। इनमें अनेक सीरियल जैसे- बालिका वधू, लाडो आदि कार्यक्रम उद्देश्यपूर्ण हैं। ये कार्यक्रम सामाजिक बुराइयों पर चोट कर...
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August 10, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment