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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Shiksha me Khel-kud aur Vyavam ”, “शिक्षा में खेल कूद और व्यायाम” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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शिक्षा में खेल कूद और व्यायाम Shiksha me Khel-kud aur Vyavam  अगर हमें समृद्ध राष्ट्र बनाना है तो हमें उसके लिए एक स्वस्थ्य नींव तैयार करनी पड़ेगी। साथ ही यह भी सच है कि स्वस्थ्य मानव के लिए केवल मस्तिष्क का विकास ही काफी नहीं है, साथ ही साथ उसे अपने शरीर के विकास की भी आवश्यकता है जोकि केवल खेल कूद और व्यायाम के माध्यम से ही हो सकती है।...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Stri Sashaktikaran”, “स्त्री सशक्तीकरण” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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स्त्री सशक्तीकरण Stri Sashaktikaran   स्त्री और पुरुष दोनों ही समाज के महत्वपूर्ण सहभागी हैं। किसी एक के अभाव से समाज के अस्तित्व की कल्पना संभव नहीं। हम इसे मोटे तौर पर कह सकते हैं कि स्त्री पुरुष गाड़ी के वो दो पहिए होते हैं जिसमें से किसी एक में भी अगर कोई कमी रह जाए तो गाड़ी नहीं चल सकती है। इसी कारण हमारे देश में पहले से ही नारी...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Pustkalaya ke Labh ”, “पुस्तकालय के लाभ” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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पुस्तकालय के लाभ Pustkalaya ke Labh    पुस्तकालय यानि सरस्वती माता का अध्ययन मंदिर। यहाँ पर आराधना करके आराधक वीणापाणि सरस्वती माँ का प्रत्यक्ष दर्शन करते हैं। माँ के आर्शीवाद से अज्ञानता रूपी अंधकार दूर होता है। हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि पस्तकालय व्यक्ति को महान् बनाने का एक उत्तम साधन है। विद्यालयों में छात्र को जो ज्ञान दिया जाता है, उसका विकास पुस्तकालयों के माध्यम से ही...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Hadtal ki Samasya aur Samadhan”, “हड़ताल की समस्याएँ और समाधान” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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हड़ताल की समस्याएँ और समाधान Hadtal ki Samasya aur Samadhan   जनसंख्या, वह भी बढ़ती हुई जनसंख्या किसी भी राष्ट्र के लिए एक भयावह समस्या है। भारत ही नहीं समस्त विश्व इसकी पीड़ा सह रहा है। स्वाधीनता प्राप्त भारत की हाल ही में की गई जनसंख्या के आंकड़ों से पता चला है कि वह अरबों को पार कर चुका है। सरकार देश की समृद्धि के लिए किए गए श्रेष्ठ कार्यों में...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Jansankhya Samasya aur Samadhan”, “जनसंख्या : समस्या और समाधान” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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जनसंख्या : समस्या और समाधान Jansankhya Samasya aur Samadhan   जनसंख्या, वह भी बढ़ती हुई जनसंख्या किसी भी राष्ट्र के लिए एक भयावह समस्या है। भारत ही नहीं समस्त विश्व इसकी पीड़ा सह रहा है। स्वाधीनता प्राप्त भारत की हाल ही में की गई जनसंख्या के आंकड़ों से पता चला है कि वह अरबों को पार कर चुका है। सरकार देश की समृद्धि के लिए किए गए श्रेष्ठ कार्यों में भी...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Patrakarita”, “पत्रकारिता” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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पत्रकारिता Patrakarita    अगर हम कहें कि पत्रकारिता ने ही मानव को मानव बनाया है तो इसमें कोई गलत नहीं होगा। पत्रकारिता के ही माध्यम से हम जान सकते हैं कि हमारे आस-पास क्या घटित हो रहा है, पत्रकारिता के विभिन्न रूप हैं जो हमें कई तरह से एक-दूसरे से जोड़े रखते हैं। वे हमें केवल देश से ही नहीं बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहुँचा देते हैं। पत्रकारिता ही आम मानव...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Kshetravad Samasya evm Samadhan”, “क्षेत्रवाद – समस्या एवं समाधान ” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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क्षेत्रवाद – समस्या एवं समाधान  Kshetravad Samasya evm Samadhan   अन्य विकासशील देशों की तरह भारत भी क्षेत्रवाद की समस्या से ग्रसित है। क्षेत्रियतावाद से तात्पर्य है किसी देश के उन छोटे-छोटे क्षेत्रों से, जो आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक आदि कारणों से अपना पृथक अस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं। इसके अंतर्गत संबंधित क्षेत्र-विशेष के लोग अपने लिए और अधिक अधिकारों की माँग सदैव करते हैं। क्षेत्रवाद का अर्थ यह भी होता...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Jativad Samasya evm Samadhan”, “जातिवाद : समस्या एवं समाधान” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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जातिवाद : समस्या एवं समाधान Jativad Samasya evm Samadhan   यह एक ऐसी समस्या है जिसे मानव ने अपने लिए स्वयं बनाई है, किसी के लिए यह लाभप्रद रही तो किसी के लिए नुकसानदायक। भगवान बुद्ध ने तो जातिवाद के लिए कहा है कि – मनुष्य जन्म से नहीं वरन अपने कर्म से ब्राह्मण या शूद्र होता है। भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भगवद् गीता में कहा है कि मनुष्य को चार...
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