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Bhrat Paryatakon ka Swarg “भारत-पर्यटकों का स्वर्ग” Hindi Essay, Nibandh 500 Words for Class 10, 12 Students.

भारत-पर्यटकों का स्वर्ग

Bhrat Paryatakon ka Swarg

इसमें कोई सन्देह नहीं है कि भारत पर्यटकों का स्वर्ग है। दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं, जिनके पास गौरवान्वित करने वाली कोई चीज नहीं है। वहाँ कोई ऐतिहासिक इमारत, मन्दिर, कला या वास्तुकला सम्बन्धी, कोई खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य या जगह नहीं है। कुछ देशों में एक-दो ऐसी या दूसरी चीजें हैं। किन्तु भारत इन चीजों के मामले में धनी है। यह वास्तव में पर्यटकों का स्वर्ग है। कश्मीर अपने सुन्दर पहाड़ों और घाटियों के चलते भारत का स्विट्जरलैण्ड कहलाता है। ताजमहल भारत की सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारत है, जो विदेशों में भी प्रसिद्ध है। हाल में कराये गये एक मानक विश्वव्यापी सर्वेक्षण में इसे दुनिया के सात आश्चर्यों में प्रथम स्थान मिला है। प्रसिद्ध इतिहासकार लेन पूल ने इसके स्थापत्य को देखकर कहा था “यह संगमरमर के रूप में वह स्वप्न है जिसकी योजना ईश्वर ने तैयार की तथा निर्माण स्वर्णकारों ने किया था। एलोरा और अजन्ता की गुफाएँ प्राचीन भारत की कला और वास्तुकला के विशिष्ट उदाहरण हैं। ये सब इस देश की कुछ आकर्षक विशेषताएँ हैं, जिसे देखने विश्व के हर कोने से हजारों पर्यटक प्रत्येक वर्ष आते हैं।

भारत की सभी खूबसूरत इमारतों में से आगरा में स्थित ताजमहल सबसे शानदार और अद्वितीय है। भारत में आने वाले सभी राष्ट्राध्यक्ष और कूटनीतिज्ञ आदि इस स्मारक को देखने अवश्य जाते हैं। यह विश्वविख्यात इमारत है और इसे विश्व का एक आश्चर्य समझा जाता है। इसे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में यमुना नदी के किनारे बनाया था। इसकी खूबसूरती, मनोहरता और भव्यता का वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता है। एक विद्वान व्यक्ति ने इसे ‘संगमरमर के आँसू’ की संज्ञा दी है। यह एक जीवित उदाहरण है और इतिहास के पन्नों में इस प्रकार की दूसरी घटनाएँ नहीं मिलती हैं। यह एक अमर इमारत है और विश्व के सबसे सुन्दर मकबरों में से एक है।

भारत में तीर्थयात्रा के कई केन्द्र हैं। हरिद्वार उनमें से एक है। बनारस, बद्रीनाथ, केदारनाथ, पुरी, अमृतसर, वैष्णोदेवी-ये कुछ स्थान तीर्थ-स्थान के केन्द्र के रूप में विख्यात हैं। हिमाचल प्रदेश तीर्थों और नृवैज्ञानिक महत्त्व के स्थलों का समृद्ध भंडार है। इस राज्य को व्यास, पाराशर, वशिष्ठ, मार्कण्डेय और लोमश आदि ऋषियों के निवास स्थल होने का गौरव प्राप्त है। लाखों लोग इन स्थानों को जाते हैं और वहाँ हिन्दुस्तानी वास्तुकला के मन्दिरों को देखते हैं। दक्षिण के बहुत से मन्दिरों को चट्टानों को काटकर बनाया गया है। इन स्थानों पर जाने वाले पर्यटक उनकी जटिल नक्काशी को देखकर चकित हो जाते हैं।

कर्नाटक में वृंदावन गार्डन एवं श्रवणबेल गोला दर्शनीय स्थान है। श्रवणवेल गोला की 57 फुट ऊँची प्रसिद्ध प्रतिमा पर्यटकों का मन मोह लेती है।

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