Hindi Letter “Mohalle ki Galiyo aur Sadko ki theek tarha se safai na hone ke liye Sampadak ko Patra ”, “सम्पादक को पत्र लिखिए, जिसमें कि आपके इलाके की गलियाँ और सड़कें ठीक तरह साफ नहीं होती “ Hindi Letter for Class 10, Class 12 and Graduate Classes.
किसी समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए, जिसमें कि आपके इलाके की गलियाँ और सड़कें ठीक तरह साफ नहीं की जाती हैं।
सेवा में,
श्रीमान् सम्पादक महोदय,
नवभारत टाइम्स, बहादुरशाह जफर मार्ग,
नई दिल्ली।
मान्यवर,
आपका लोकप्रिय दैनिक पत्र जनता का वकील है। मैं जनता के दर्पण (नवभारत टाइम्स) का नियमित पाठक हूँ। ‘नजर अपनी-अपनी’ शीर्षक में प्रायः जनता के दुःख-दर्द की कहानी पढ़ने को मिलती है। मुझे देश के कोने-कोने में जाने का अवसर मिलता रहा है। में कई बार विदेश भी हो आया हूँ, किन्तु मुझे बाहर जाकर ‘दिल्ली-निवासी’ कहते हुए संकोच-सा होता है। दिल्ली के गौरव को नगर निगम की लापरवाही का ग्रहण लगा हुआ है। मेरा आपसे अनुरोध है कि इस सम्बन्ध में मेरे विचारों को अपने समाचार-पत्र में स्थान देकर हमें कृतार्थ करें।
। नगर निगम का ग्रहण’ ।
“दिल्ली भारत की राजधानी है। इस ऐतिहासिक नगरी में देश-विदेश से आने-जाने वालों का तांता लगा ही रहता है। आगन्तुक जिस चाब से दिल्ली में आता है, वह मन में उतनी ही बुरी छवि लेकर यहाँ से जाता है। उसे दिल्ली की सड़कों और गलियों में यत्र-तत्र सर्वत्र कूड़े के ढेर दिखाई देते हैं। यहाँ आने-जाने वाला तो नाक पर रुमाल रखकर उस गली या सड़क से गुजर जाता है। उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को नारकीय जीवन बिताना पड़ता है। उनका जीवन सदैव रोग के घेरों में घिरा रहता है। बरसात के दिनों में पानी के निकारों की व्यवस्था ठीक न होने के कारण सड़े पानी पर मच्छर डेरा डाले रहते हैं। ऐसी अवस्था में मलेरिया की रोकथाम कैसे हो सकती है ? सड़कें भी जहाँ-तहाँ टूटी-फूटी दिखाई देती हैं। बड़े-बड़े नगरों में नगर-निगम की व्यवस्था इसलिए की जाती है कि वह बंडे नगरों की स्वच्छता, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, सड़क निर्माण को व्यवस्थित रूप प्रदान करें: किन्त दिल्ली नगर-निगम का कार्य-प्रणाली को तो ग्रहण लग गया है। आपका समाचार-पत्र दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की कुम्भकरणीय निद्रा को खोलने में जनता की सहायता कर सकता है।” इस विश्वास के साथ।
भवदीय,
क ख ग.
मन्त्री, मुहल्ला- सुधार समिति,
दिनांक : 25 सितम्बर, 1990