Home »
Posts tagged "Hindi Speech" (Page 58)
जहाँ चाह वहाँ राह Jaha Chaha Wahan Raha निबंध नंबर :-01 कहावत की भाव, चाह से तात्पर्य – ‘जहाँ चाह, वहाँ, राह’ एक कहावत है | इसका तात्पर्य है – जिसके मन में चाहत (इच्छा) होती है, उसके लिए वहाँ रास्ते अपने-आप बन जाया करते हैं | ‘चाह’ का अर्थ है – कुछ करने या पाने की तीव्र इच्छा | सफलता के लिए कर्म के प्रति रूचि और समर्पण...
Continue reading »
June 28, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages22 Comments
समाचार-पत्र Samachar Patra निबंध नंबर:- 01 समाचार-पत्र की आवश्यकता मनुष्य स्वभाव से जिज्ञासु है | वह जिस समाज में रहता है, उसकी पूरी जानकारी चाहता है | इस बहाने वह शेष दुनिया से जुड़ता है | इसी प्रवृति के कारण ही समाचार-पत्र का उदय हुआ | इतिहास भारत में पहला समाचार-पत्र ‘इंडिया गजट’ नाम से प्रकाशित हुआ | हिंदी का सवर्प्रथम समाचार-पत्र ‘उदंत मार्तड’ कोलकाता से प्रकाशित हुआ |...
Continue reading »
June 27, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
प्रदूषण : एक समस्या निबंध नंबर – 01 पर्यावरण का अर्थ – पर्यावरण का अर्थ है – हमारे चारों और का वातावरण | दुर्भाग्य से हमारा यही पर्यावरण आज दूषित हो गया है | प्रदूषण मुख्यत : तीन प्रकार का होता है – वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण तथा ध्वनि-प्रदूषण | प्रदूषण के कारण – प्रदूषण का जन्म अंधाधुंध वैज्ञानिक प्रगति के कारण हुआ है | जब से मनुष्य ने प्रकृति के...
Continue reading »
June 21, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
छात्र और शिक्षक विचार–बिंदु-. घर–प्रारंभिक पाठशाला, माता–पिता प्रथम शिक्षक • विद्यालय में शिक्षक ही माता–पिता • शिक्षक का दायित्व : पढ़ाना, दिशा–निर्देशन, सत्कार्यों की प्रेरणा • छात्र का दायित्व, परस्पर संबंध • दोनों परस्पर अपने–अपने दायित्वों को समझें। घर–प्रारंभिक पाठशाला, माता–पिता प्रथम शिक्षक–पूरा जीवन एक विद्यालय है। हर व्यक्ति विद्यार्थी भी है और शिक्षक भी। कोई भी मनुष्य किसी से कुछ सीख सकता है। बच्चे के...
Continue reading »
June 21, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages5 Comments
छात्र–अनुशासन Chatra Anushasan विचार–बिंदु-• अनुशासन का अर्थ और महत्त्व • अनुशासन की प्रथम पाठशाला परिवार • व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के लिए अनुशासन आवश्यक • अनुशासन–एक महत्त्वपूर्ण जीवन–मूल्य। अनुशासन का अर्थ और महत्त्व–अनुशासन का अर्थ है-नियम के अनुसार चलना, नियंत्रण या व्यवस्था। विद्यार्थी और अनुशासन का परस्पर गहरा संबंध है। अनुशासन के बिना विद्या ग्रहण करने का कार्य नहीं किया जा सकता। अनुशासन की प्रथम पाठशाला परिवार–अनुशासन की पहली पाठशाला है-परिवार...
Continue reading »
June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages4 Comments
बाल श्रम Bal Shram निबंध नंबर :-01 बाल श्रम से तात्पर्य ऐसे कार्यों से है। जो अवयस्क बच्चों से लिया जाता है। बाल श्रम भारत जैसे विकासषील देष के लिए एक राष्ट्रीय समस्या है। बाल श्रम के अंतर्गत वैसे सारे कार्य आते हैं जो बच्चों से स्वेच्छा अथवा जबरन कराए जाते हैं। आज विश्व के अनेक राष्ट्रों ने बाल श्रम व उत्पीड़न से निबटने के लिए अनेक कानून बनाए हैं।...
Continue reading »
April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
ग्लोबल वार्मिंग के खतरे निबंध नंबर :01 ग्लोबल वार्मिंग अर्थात् विश्वव्यापी तापक्रम वृद्धि से तात्पर्य विश्व के औसत तापक्रम में आई वृद्धि से है। आज पूरे विश्व के लिए यह चिंता का विषय बन चुका है। ग्लोबल वार्मिंग के अंतर्गत अनावश्यक तापक्रम वृद्धि से उत्पन्न विश्वव्यापी खतरों को चिन्हित किया जाता है। विश्व के अधिकांश देशों ने ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को भाँप लिया है। ग्लोबल वार्मिंग ने अपनी प्रचंडता का...
Continue reading »
April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरे सपनों का भारत Mere Sapno Ka Bharat निबंध नंबर : 01 भारत हमारी जन्म एवं कर्मभूमि है। भिन्न-भिन्न जाति वर्ग के लोगों के बीच इस देश ने अपनी पारंपरिक सभ्यता-संस्कृति एवं सर्वधर्मसहिष्णुता की भावना के कारण विश्व में अपनी अनूठी पैठ बना रखी है। भारत सदियों से विश्व का मार्गदर्शक बना हुआ है। ऐसे में देश की प्रतिष्ठा दिन-व-दिन धूमिल होती जा रही है। जहां भारत की सभ्यता-संस्कृति तथा परम्पराओं...
Continue reading »
April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
Page 58 of 59« Prev
1
…
55
56
57
58
59
Next »