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Posts tagged "Hindi Speech" (Page 57)
बल श्रमिक समस्या Bal Shramik Samasya निबंध नंबर – 01 भारत एक विकासशील देश है। स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद भारत में आम जनता की गरीबी हटाने के लिए अनेक वृहद एवं सीमित योजनाएं समय-समय पर बनती र्गईं। फिर भी गरीबी की मान्य सीमा रेखा से भी निचली सतह पर जीवन जीने को विवश लोगों की संख्या कम नहीं हो सकी। बाल श्रमिक समस्या का सम्बन्ध मुख्यतया गरीबी और दो वक्त की रोटी...
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September 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
चुनावी हिंसा Chunavi Hinsa निबंध संख्या : 01 पहले लोग राजनीति में सेवा भाव से आते थे। जनता की सेवा ने अपना कत्र्तव्य समझते थे। लोगों में देशभक्ति की भावना थी इसलिए लोकतंत्र की मर्यादा को अक्षुण्ण रखने के लिए चुनाव की पवित्रता लोगों का अभीष्ट था। आज परिस्थिति बदली नजर आती है। राजनीति में आते ही लोग अपनी स्वार्थसिद्धि में लिप्त हो जाते हैं। चुनाव में जीतने का मतलब लोग...
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August 13, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञापन के प्रभाव Vigyapan ke Prabhav निबंध नंबर:- 01 विज्ञापन का उद्देश्य है कि किसी वस्तु या वस्तुओं को व्यावसायिक, राष्ट्रीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, कलात्मक, मांगलिक, साहित्यिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से लोकप्रिय बनाने की प्रक्रिया को त्वरित गति प्रदान की जाए अर्थात् इन सबसे संबद्ध वस्तुओं को जनमानस में एक विशिष्ट छवि के रूप में अंकित किया जाए। विज्ञापन यह ज्ञापित करता है कि अमुक वस्तु क्यों ग्रहणीय है...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नर हो, न निराश करो मन को Nar ho, Na Nirash Karo Mann ko निबंध नंबर :-01 नर अर्थात् मनुष्य असीम शक्ति का भंडार है। वह जो कुछ मन मे ठान ले, उसे पूरा करने की ताकत उसमें है। पर, कई बार वह परिस्थितियों से संघर्ष करते-करते थक जाता है। उसमें निराशा का भाव आ जाता है और वह सोचने लगता है कि अब कभी आगे नहीं बढ़ पायेगा, किंतु...
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May 31, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जल ही जीवन है Jal hi Jeevan hai निबंध नंबर – 01 क्षिति, जल, पावक, गगन और समीर ये पांच तत्व हमारे धर्मग्रंथों में मौलिक कहे गए हैं तथा हमारी शरीर रचना में इनकी समान रूप से भूमिका होती है। इनमें वायु और जल ये दो ऐसे तत्व हैं जिनके बिना हमारे जीवन की कल्पना एक क्षण भी नहीं की जा सकती। जीवों को जिस वस्तु की जरूरत जिस अनुपात में...
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September 14, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
लोकतंत्र में चुनाव का महत्व Loktantra me Chunav Ka Mahatav या चुनाव Chunav निबंध नंबर :01 संसार में अनेक प्रकार की शासन-व्यवस्थांए प्रचलित हैं। उनमें से लोकतंत्र या जनतंत्र एक ऐसी शासन-व्यवस्था का नाम है, जिसमें जनता के हित के लिए, जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ही सारी व्यवस्था का संचालन किया करते हैं। इसी कारण जिन देशों में इस प्रकार की सरकारों की व्यवस्था है, राजनीतिक शब्दावली में उन्हें लोक-कल्याणकारी...
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July 5, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages4 Comments
भारत में बेरोजगारी Bharat me Berojgari अथवा बेरोजगारी की समस्या Berojgari ki Samasya 7 Best Hindi Essay on “Berojgari ki Samasya” निबंध नंबर :-01 समस्याओ के देश भारतवर्ष में जो एक बहुत बड़ी समस्या सभी को पीड़ित व आतंकित किए हुए है, वह है बेकारी की समस्या | भारत में यह समस्या द्वितीय महायुद्ध के समाप्त होते – होते बढने लगी थी और आज यह अपनी चरम सीमा पर विद्दमान...
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February 5, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञान वरदान है या अभिशाप Vigyan Vardan hai ya Abhishap Top 10 Essays on “Vigyan Vardan ya Abhishap” निबंध नंबर : 01 आधुनिक युग विज्ञान का युग है | विज्ञान का मुख्य पहलू , लक्ष्य, उद्देश्य और गन्तव्य मानव जीवन के लिए तरह – तरह के साधन जुटाकर उसे सुख – सुविधाओं और सम्पन्नता के वरदानो से भर देना है | परन्तु यह मानव के स्वभाव और व्यवहार पर निर्भर करता...
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February 2, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
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