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Posts tagged "Hindi Speech" (Page 31)
काला धन की समस्या Kala Dhan ki Samasya जिस रुपये को हम काला धन कहते हैं, उसकी आत्मा तथा मन काला है। काला धन वह है, जिसे सरकारी टैक्स की अदायगी से बचने के लिए अत्यंत गुप्त एवं गोपनीय बनाकर रखा जाता है, जिसे विधिवत लिखित रूप में लिपिबद्ध नहीं किया जाता है। देश की राजव्यवस्था और अर्थव्यवस्था के लिए काला धन कैंसर के समान है। यदि इसे ठीक नहीं किया...
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May 14, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
चुनाव Chunav भारत एक प्रजातांत्रिक देश है। प्रजातांत्रिक शासन-प्रणाली में शासन जनता के हाथों में होता है। लेकिन यह संभव नहीं है कि प्रत्येक आदमी की इच्छा से शासन हो। इसके लिए जन-प्रतिनिधित्व का प्रावधान है। जनता अपनी इच्छा से शासन चलाने के लिए अपने अनुकूल व्यक्ति को प्रतिनिधि चुन सकती है। इसमें जनता द्वारा चयनित प्रतिनिधि ही शासन चलाते हैं। इसे प्रतिनिधियों का चयन जिस प्रक्रिया द्वारा होता है, उसे...
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May 14, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत में प्रजातंत्र प्रणाली Bharat mein Prajatantra Panali प्रजातंत्र का मतलब है प्रजा का शासन अर्थात् जहां किसी एक व्यक्ति के हाथ में राज्य सत्ता न रहकर प्रजा के बहुमत पर ही निर्भर करती है। प्रजातंत्र को लोकतंत्र भी कहते हैं। प्रजातंत्र की परिभाषा दी जाती है- “प्रजातंत्र जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा किया गया शासन है।” महात्मा गांधी ने कहा था, “प्रजातंत्र का अर्थ मैं यह समझता हूं...
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May 14, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दूरदर्शन का युग Doordarshan ka Yug इस युग में विज्ञान के नये-नये आविष्कार रोज-ब-रोज हो रहे हैं। चारों तरफ मानव को दिए गए विज्ञान के उपहार भरे पड़े हैं। आज मनुष्य विज्ञा की शक्ति से आकाश में उड़ रहा है। देश-विदेशों की खबरें कुछ ही समय में देख-सुन रहा है। विज्ञान के चमत्कारों से कभी हर्षित और कभी भयभीत भी होता है। ऐसी ही एक चमत्कार टेलीविजन है। ‘टेलीविजन’ अंग्रेजी शब्द...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
महंगाई Mehangai महंगाई की तासीर यह है कि पॉकेट में पैसों का बोझ बढ़ता जाता है और थैले में सामान घटता जाता है। महंगाई बढ़ते-बढ़ते एक ऐसी स्थिति आ जाती है कि थैलों में रुपया भरकर जाया जाता है और जब में सामान लाया जाता है। अर्थशास्त्र की भाषा में जब क्रेता की क्रय-शक्ति घट जाए, तो इसे ही महंगाई कहते हैं। महंगई में सामान तो बाजार में मिलते हैं, लेकिन...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अनुशासन Anishasan शासन के आगे ‘अनु’ उपसर्ग लगने से अनुशासन शब्द बना है। अनु शब्द का अर्थ है-पीछे। इस प्रकार अनुशासन का शाब्दिक अर्थ हुआ शासन के पीछे-पीछे चलना। यहां शासन का मतलब शासकीय मान्यताओं का पालन ही अनुशासन है। परिवार में पुत्र-पिता के अनुशासन में न रहे। पुत्री माता के अनुशासन में न रहे, तो वह परिवार अव्यवस्थित हो जाए। उसी प्रकार सरकारी कार्यालयों में अगर कर्मचारी/ अधिकारी के...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अंतर्राष्ट्रीय बाल-वर्ष International Year of the Child ‘अंतर्राष्ट्रीय बाल-वर्ष’ एक वैश्विक आयोजन निया को यह अनुभव हुआ कि बच्चे ही किसी देश के भविष्य हैं। बच्चे तरह-तरह की समस्याओं से जकड़ कर या तो असमय काल कवितत हो जाते हैं या विकलांग हो जाते हैं या कुपोषण के शिकार होने से स्वस्थ, सुंदर, सुजैल नागरिक नहीं हो पाते हैं। बच्चों की अधिकांश समस्याएं स्वास्थय से संबंधित है। शेष समस्याएं शिक्षा-दीक्षा से...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्यार्थी जीवन में खेलों का महत्त्व Vidyarthi Jeevan mein Khelo ka Mahatva धर्म की साधना करने का प्रमुख माध्यम स्वस्थ शरीर है। प्रकृति ने मानव शरीर के रूप में एक अमूल्य रचना हमारे हाथों में सौंपी है। विज्ञान अपनी असंख्य आश्चर्यजनक उपलब्धियों के बावजूद मानव शरीर रूपी यंत्र की रचना नहीं कर सकता है। इस मशीन को स्वस्थ बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। समाज, देश और प्रकृति उस परमात्मा के प्रति...
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