Home »
Posts tagged "Hindi Speech" (Page 21)
जैसी संगत, वैसी रंगत Jaisi sangat waisi rangat संगति का जीवन में बड़ा महत्त्व है। मनुष्य जैसी संगति करता है-उससे वह अवश्य प्रभावित होता है। स्वाति की एक बूंद भिन्न-भिन्न संगति पाकर उसके अनुरूप परिवर्तित हो जाती है। केले का संपर्क प्राप्त कर वह कपूर, सीपी की संगति प्राप्त कर वह मोती तथा साँप के मुँह में पड़कर वह विष बन जाती है। बुद्धिमानों की संगति करने पर मनुष्य बुद्धिमान हो...
Continue reading »
November 17, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पुरुष हो, पुरुषार्थ करो Purush ho, Purusharth karo पुरुष होने के नाते पुरुषार्थ करना मनुष्य का परम धर्म है। पुरुषार्थ के बिना मनुष्य अपने स्वार्थ की सिदधि भी नहीं कर सकता। जीवन में सभी कार्य पुरुषार्थ से ही सिद्ध होते हैं। सोते हुए सिंह के मुँह में पशु स्वयं नहीं आ गिरते। संसार के किसी भी व्यक्ति अथवा राष्ट्र ने यदि उन्नति की है तो उसके मूल में उसका पुरुषार्थ रहा...
Continue reading »
November 17, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नैतिक शिक्षा की आवश्यकता Naitik Shiksha ki Aavashyakata नैतिक शिक्षा का अर्थ है-ऐसी शिक्षा जो मनुष्य को उचित-अनुचित का विवेक प्रदान कर नीति सम्मत आचरण करने। की प्रेरणा दे। इस शिक्षा का उद्देश्य मानव को सद्व्यवहार, सदाचार का आधार प्रदान कर उसे मन और आत्मा की उज्ज्वलता प्रदान करना है। यह शिक्षा मानव को जीवन की सही दृष्टि से देखने की प्रेरणा देती है। यह व्यक्ति को संसार के व्यर्थ के...
Continue reading »
November 17, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एकता में बल है Ekta mein bal hai मिलकर कार्य करने को एकता कहा जाता है। सामूहिक बल में शक्ति होती है। मिलकर कार्य करने से हमारी शक्ति कई गुणा बढ़ जाती है। लक्ष्य की तरफ बढ़ते कदम जब डगमगाने लगते है तो एकता का भाव उसे लक्ष्य की तरफ बढ़ाता है। साथ काम करने से कार्य की गति बढ़ जाती है। इतिहास गवाह है कि जब-जब एकता का भाव खंडित...
Continue reading »
November 17, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जीवन एक युद्ध है Jeevan ek yudh hai किसी ने सच कहा है कि संसार फूलों की नहीं, काँटों की शय्या है। जीवन रूपी संग्राम में केवल वे ही मनुष्य विजय प्राप्त करते हैं, जो संतोष, धैर्य, बुद्धि और वीरता से काम लेते हैं। जीवन में पग-पग पर बाधाएँ तथा कठिनाइयाँ आती हैं। उनको पार कर सफलता प्राप्त करना सरल कार्य नहीं है। मनुष्य का बचपन तो खेल-कूद में ही व्यतीत...
Continue reading »
November 17, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बाधाएँ जीवन को सुंदर बनाती हैं Badhaye Jeevan ko sundar banati hai हर मनुष्य चाहता है कि उसका जीवन सुखी हो। वह हमेशा अनुकूल परिस्थितियों की ही कामना करता है लेकिन जीवन के निर्माण में बाधाओं का महत्त्व भी कम नहीं है। जीवन में जहाँ फूल हैं वहाँ काँटे भी हैं। कौन जानता है कि जीवन में किस समय क्या विपत्ति आएगी। सुखों से पला हुआ मनुष्य बाधाएँ देखने के बाद...
Continue reading »
November 17, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
परोपकार ही जीवन है Paropkar hi Jeevan hai विद्वानों का कहना है कि परोपकार के लिए वृक्ष फलते हैं, नदियाँ बहती हैं, गऊमाता दूध देती हैं और सज्जन पुरुषों का ऐश्वर्य दूसरों के हित में रहता है। इसी प्रकार सूर्य-चन्द्रमा भी दूसरों की भलाई में रत हैं। इसी हेतु धरा सभी प्राणियों के भार को सहन करती है। मेघ बरस-बरस कर सबके लिए अन्न पैदा करते हैं। इससे स्पष्ट है कि...
Continue reading »
November 16, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अहिंसक कायर और वीर? Ahinsak Kayar aur Veer? प्रेम की पराकाष्ठा ही अहिंसा है। अहिंसा वास्तव में वह प्रवत्ति है कि हम जो उचित तथा न्यायसंगत समझते हैं उसे निर्भय होकर करते जाएँ। अहिंसक वीर अन्याय और अनीति के सामने सिर नहीं झकाता। अत्याचार और अन्याय का मुकाबला वह सहिष्णुता और नैतिक बल से करता है। अत्याचारी और अन्यायी से बदला लेने की भावना उसके मन में कभी नहीं उपजती। अहिंसक...
Continue reading »
November 16, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
Page 21 of 53« Prev
1
…
18
19
20
21
22
23
24
…
53
Next »