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Posts tagged "Hindi Speech" (Page 10)
शाकाहार Shakahar महात्मा आनन्द स्वामी सरस्वती उन दिनों लंदन प्रवास पर थे। उनके प्रवचनों में वहां के प्रसिद्ध समाचार पत्र डेली टेलीग्राफ के संपादक भी आते थे।। एक दिन स्वामी जी के स्वास्थ्य शरीर की ओर उनका ध्यान गया तो उन्होंने जिज्ञासावश पूछ ही लिया, “स्वामी जी, आपकी उम्र क्या होगी ?” स्वामी जी बोले, “तुम्ही अनुमान लगाओ।” “यही कोई 60-65 साल।” संपादक ने अनुमान लगाया। “नहीं, 60 साल का तो...
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January 2, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भिक्षा Bhiksha स्वामी स्वतन्त्रानन्द भिक्षार्थ गाँव के सभी घरों में घूमते हुए एक स्त्री के घर पहुँचे। स्त्री स्वामी जी को क्रोधित स्वरों में गाली देती हुई बोली-“क्या कमाने की शक्ति नहीं है, जो भिक्षा मांग रहे हो ?” स्वामी मौनी बने चले गये। कुछ दिनों बाद पुनः उसी स्त्री के घर आये, भिक्षा मांगी। स्त्री दोनों हाथों में राख भरकर लाई और स्वामी जी के मुंह पर डाल कर घर...
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January 2, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
क्या मैं बकरी हूँ? Kya me Bakri hu? पंडित लेखराम आर्य समाज के स्तम्भ थे। बहुत जोर देने पर वह अपने मित्र के घर भोजन करने चले गये। भोजन के बाद गृहपति ने सभ्यता के विधि-विधान का पालन करते हुए पान पेश किया। पंडित लेखराम ने डाँट लगाते हुए कहा, “क्या मैं बकरी हूँ जो पत्ते खाऊंगा।”
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January 2, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जड़ से सींचने से वृक्ष हरा होता है Jadh se sinchne se vriksh hara hota hai 7 अप्रैल, 1894 के दिन आर्य मुसाफिर लेखराम करनाल की आर्य समाज में व्याख्यान के लिए पधारे। उनके पांव में एक फोड़ा हो गया था। चलने-फिरने में परेशानी होती थी। उन्होंने महात्मा मुंशी राम (स्वामी श्रद्धानन्द) से कहा, “कहीं कोई आर्य डाक्टर हो तो फोड़ा दिखाऊँ।” महात्मा मुन्शी राम ने कहा, “इलाज में आर्य-अनार्य नहीं...
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January 2, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
राजपूतों की पीठ ठोक देता Rajputo ki Peeth thok deta स्वामी दयानन्द प्रसंगवश अन्य मतमतान्तरों की आलोचना भी करते थे। एक दिन स्वामी जी इस्लाम पर बोले। पास बैठे फैजुल्ला को स्वामी जी की बात पसन्द नहीं आई और चिढ़कर बोला, “स्वामी जी, मुस्लिम राज्य होता तो वे आप को जीवित न छोड़ते। उस समय आप ऐसे व्याख्यान नहीं दे सकते थे।” स्वामी जी ने कहा, “मैं भी निठल्ला नहीं रहता।...
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January 2, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
स्वदेशी राज्य-उत्तम राज्य Swadeshi Rajya – Uttam Rajya एक बार एक अंग्रेज ने स्वामी दयानन्द जी से कहा, ‘भारत में हमारी सत्ता से आपको प्रसन्न होना चाहिए, क्योंकि भारत की उन्नति का मार्ग हमने प्रशस्त किया है। अगर हम यहां न आते तो शायद ही इसका कल्याण हो पाता।” स्वामी जी ने कहा, “यह आपका मिथ्याभियान है। क्या धर्म भ्रष्ट लोगों ने भी कभी किसी व्यक्ति या देश का कल्याण किया...
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January 2, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नाक नहीं जीभ Naak nahi Jeebh राम स्वामी मिश्र, स्वामी दयानन्द के विरोधी थे। उन्होंने स्वामी जी को शास्त्रार्थ करने की चुनौती दी और शर्त रखी-“जो पराजित होगा, उसकी नाक काट दी जायेगी।” यह कहकर उन्होंने वह छुरी दिखाई, जो नाक काटने के लिए अपने साथ लाए थे। स्वामी दयानन्द ने कहा, “आपकी इस शर्त में एक संशोधन करना चाहूंगा, जो पराजित होगा, उसकी जिव्हा काट ली जायेगी, क्योंकि वाद-विवाद करने...
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January 2, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गाली का ज़वाब Gali Ka Jawab एक दिन स्वामी दयानन्द वाराणसी में गंगा-स्नान करने के बाद सीढ़ियां चढ़ रहे थे। सामने से एक आदमी आया। वह स्वामी जी के विचारों को नहीं मानता था। वह उन्हें गालियां देने लगा। स्वामी जी मुस्कुराते हुए सीढ़ियाँ चढ़ते रहे। इतने में एक भक्त ने स्वामी जी से कहा-“यह आदमी आपको बहुत देर से गालियाँ दे रहा है। आप क्यों सुनते जा रहे हैं? आप...
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December 31, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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