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Hindi Essay, Moral Story “Ab pachtaye hot kya, jab chidiya chug gai khet” “अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियां चुग गई खेत” Story on Hindi Kahavat

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अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियां चुग गई खेत Ab pachtaye hot kya, jab chidiya chug gai khet एक किसान परिवार था। थोड़ी खेती थी। किसानिन बहुत मेहनतिन थी। किसान बहुत आलसी था। जैसे-तैसे किसानिन ने कह-सुनकर किसान से खेत जुतवा लिए थे। जब खेत में फसल के अंकुर फूटे और खेत में से छांट-छांटकर घास काटने का समय आया, तो किसान नदारद रहने लगा। वह गांव के कुछ निकम्मे लोगों...
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Hindi Essay, Moral Story “Andhi pise, kutta khaye” “अंधी पीसे, कुत्ता खाए” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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अंधी पीसे, कुत्ता खाए Andhi pise, kutta khaye   एक गांव में एक अंधी थी। उसकी दो लड़कियां थीं, जो बाल-बच्चे वाली थीं और अपनी-अपनी ससुराल में रह रही थीं। अंधी का पति मर चुका था। खेती-बाड़ी या और कोई जरिया नहीं था, जिससे कि वह अंधी दो जून की रोटी खा सके। वह इतनी खुद्दार थी कि दान के रूप में रोटियां खाकर वह जीना नहीं चाहती थी। पति के...
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Hindi Essay, Moral Story “Andho ka Hathi” “अंधों का हाथी” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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अंधों का हाथी Andho ka Hathi एक गांव में चार अंधे थे। यह भी बात ध्यान देने वाली थी कि चारों के चारों उसी गांव में पैदा हुए थे। जब वे एक साथ बैठते, तो अपने दुख-सुख की बातें करते थे। लोगों की सुनी-सुनाई बातों पर चर्चा करते थे। उन्हें ऐसी तमाम चीजों और प्राणियों के बारे में जानने की इच्छा थी, जिनके बारे में गांव के लोगों से सुन रखा...
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Hindi Essay, Moral Story “Ya Allah, Gour me bhi Gour” “या अल्लाह, गौड़ में भी गौड़” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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या अल्लाह, गौड़ में भी गौड़ Ya Allah, Gour me bhi Gour प्रयाग में एक ब्राह्मण और एक फकीर पास-पास रहते थे। दोनों में बहुत अच्छी मित्रता थी। दोनों ही भीख मांगकर गुजारा करते थे। नगर में आए दिन ब्रह्मभोज होते रहते थे, इसलिए ब्राह्मण लगभग 12 दिन ब्रह्मभोज की दावतें उड़ाता था और शेष दिन भीख मांगकर गुजारा करता था। इस तरह पूरा महीना निकल जाता था, लेकिन फकीर का...
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Hindi Essay, Moral Story “Aab-Aab kar mar gaye, raha sirhane pani” “आब-आब कर मर गए, रहा सिरहाने पानी” Story on Hindi Kahavat for Students

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आब-आब कर मर गए, रहा सिरहाने पानी Aab-Aab kar mar gaye, raha sirhane pani एक बनिया व्यापार करने काबुल गया। काबुल में फारसी बोली जाती थी और बनिया फारसी जानता नहीं था। इसलिए उसे लोगों को अपनी बात समझाने और दूसरों की बात समझने में बहुत दिक्कत होने लगी। बनिया पढ़ा तो था ही, उसने थोड़े ही दिनों में फारसी भाषा सीख ली। वहां वह फारसी भाषा में बातें करता और...
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Hindi Essay, Moral Story “Tete pav pasariye, jeti lambi sor” “तेते पांव पसारिए, जेती लांबी सौर” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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तेते पांव पसारिए, जेती लांबी सौर Tete pav pasariye, jeti lambi sor अकबर बादशाह बीरबल की तेज बुद्धि और समझदारी से बहुत प्रभावित थे। वे बीरबल को मित्रवत मानते थे और लगभग हर तरह के मामलों में बीरबल से राय लेते रहते थे। दोनों में इतना खुलापन था कि आपस में किए गए व्यंग्यों का बुरा नहीं मानते थे। बीरबल कभी-कभी रूठ भी जाते थे, लेकिन अकबर बादशाह होकर भी मना...
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Hindi Essay, Moral Story “Adhai din ki Badshahat” “अढ़ाई दिन की बादशाहत” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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अढ़ाई दिन की बादशाहत Adhai din ki Badshahat एक बार बक्सर के मैदान में शेरशाह सूरी और हुमायूं का घमासान युद्ध हुआ। इस युद्ध में हुमायूं की करारी हार हुई। हुमायूं अपनी जान बचाने के लिए भाग निकला। वह तीन ओर से घिर गया था और गंगा के किनारे जा पहुंचा था। हुमायूं हाथी पर सवार था। हाथी को गंगा में उतारने के लिए बहुत कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो...
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Hindi Essay, Moral Story “Sher ka dar nahi, jitna tapke ka” “शेर का डर नहीं, जितना टपके का” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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शेर का डर नहीं, जितना टपके का Sher ka dar nahi, jitna tapke ka    जंगल से करीब एक मील की दूरी पर एक गांव था। रात के समय गांव में प्रायः जंगली जानवर घूम जाते थे और गांव के बाहरी हिस्से में चौपायों को मार जाते थे। कभी-कभी आदमी भी शिकार होते-होते बच जाते थे। गांव के बाहरी इलाके में एक बुढ़िया का परिवार रहता था। उसके मकान के पीछे...
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