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Posts tagged "Hindi Nibandh" (Page 22)
मेरा प्रिय लेखक प्रेमचन्द Mera Priya Lekhak Premchand निबंध नंबर :- 01 जीवन-परिचय : भारत के अमर कथाकार, उपन्यास सम्राट मुन्शी प्रेमचन्द का जन्म 31 मई सन् 1880 ई०, तद्नुसार श्रावण कृषक दशमी सं०1937 वि० शनिवार को काशी से 4 मील उत्तर पाण्डेयपुर के निकट लमही ग्राम में एक निम्न वर्ग के कुलीन कायस्थ परिवार में हुआ था। आपका बचपन का असली नाम धनपतराय था। माता का नाम आनन्दी देवी था।...
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April 3, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
उपन्यास पढ़ने से लाभ और हानि Upanyas padhne se Labh aur Hani प्रस्तावना : मनोरंजन जीवन के लिए उपयोगी हैं। वस्तुत: आज के व्यस्त जीवन में यदि मानव को एक क्षण को भी मनोरंजन न प्राप्त हो, तो उसका जीना ही भार स्वरूप हो जाएगा। मनोरंजन से मस्तिष्क को शान्ति प्राप्त होती है। वैसे वैसे मनोरंजन के साथ-ही ज्ञान प्राप्ति के साधन सत्संग और चित्रपट दर्शन आदि हैं; परन्तु ये साधन...
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April 3, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्यार्थी और फैशन Vidyarthi aur Fashion Best 4 Essays on “Vidyarthi aur Fashion” निबंध नंबर :- 01 फैशन का अर्थ व कारण : शारीरिक प्रसाधनों से समाज के समक्ष आत्म-प्रदर्शन करना ही फैशन है। मनोवैज्ञानिकों के मतानुसार हीनभाव, आत्मप्रदर्शन, जिज्ञासा तथा आत्मप्रेम आदि फैशन के प्रमुख कारण हैं। इसी कारण फैशन मानव स्वभाव के लिए स्वाभाविक माना गया है। वह सौंदर्य वृद्धि तथा सौंदर्य पिपासा की संतुष्टि हेतु सदैव फैशन की...
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April 3, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
राष्ट्रभाषा Rashtrabhasha प्रस्तावना : मानव मनोवृत्तियों के विकास का साधन शिक्षा ही है। मानव की जन्मजात विशेषताएँ शिक्षा द्वारा अकुरित, पल्लवित और पुष्पित होती हैं। शिक्षा का माध्यम : शिक्षा उसी माध्यम से दी जानी चाहिए, जिसे बालक-बालिकाएँ आसानी से समझ सकें । दूसरे शब्दों में शिक्षा का सबसे उत्तम माध्यम बालक की अपनी मातृभाषा ही हो सकती है। यदि उसे किसी अन्य भाषा से शिक्षा दी जाए, तो सबसे पहले...
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April 3, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अध्ययन का आनन्द Padhne ka Anand प्रस्तावना : हजारी प्रसाद द्विवेदी के कथनानुसार, साहित्य मनुष्य की अपनी विशेषता है। साहित्य भाषा में लिखा जाता है। वह कुछ शब्दों का आधार संघात है और ये शब्द कुछ खास अर्थों को प्रकट करते हैं।” वास्तव में देखा जाए, तो ये अर्थ ही अध्ययन का आनन्द उत्पादक शक्ति हैं। इस शक्ति को अंगीकार करने के लिए सदैव ही मनुष्य विद्यार्थी बना रहना अच्छा समझता...
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April 3, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पुस्तकालय से लाभ Library ke Labh एस्तावना : श्रेष्ठ तथा बुद्धिमान् पुरुषों का समय काव्य-शास्त्र के विनोद में व्यतीत होता है। काव्य के अध्ययन से यश, अर्थ, व्यावहारिक ज्ञान और कल्याण की प्राप्ति होती है। जिस प्रकार भोजन से हमारा शरीर जीवित रहता है उसी प्रकार मानसिक जीवन के लिए अध्ययन परमावश्यक है। अध्ययन मन की खुराक है। मानव-जीवन में अध्ययन का बहुत बड़ा महत्त्व है। चरित्र-निर्माण और जीवन को श्रेष्ठतम...
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April 3, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शिक्षा और परीक्षा Shiksha aur Pariksha परीक्षा का अर्थ : परीक्षा से तात्पर्य है-परि अर्थात् चारों ओर अर्थात् पूर्ण रूप, ईक्षा अर्थात् दर्शन। आशय यह है कि किसी भी वस्तु की चारों ओर से अर्थात पूर्ण रूप से आलोचना करना, जाँच-पड़ताल करना ही उसकी परीक्षा’ है। बिना परीक्षा के कोई भी वस्तु अथवा मनुष्य की योग्यता-अयोग्यता, गुण-अवगुण का निर्णय नहीं किया जा सकता । परीक्षा एक प्रकार की तराजू है जो...
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April 3, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्यार्थी और सैनिक-शिक्षा Vidyarthi aur Sainik Shiksha निबंध नंबर : 01 प्रस्तावना : भारत ने शक्ति तथा बल के महत्त्व को भारत ने सदा से ही समझा और उसने इपी बल सम्पन्नता को ही सर्व प्रधान महत्त्व देने वाले छात्र-धर्म और क्षत्रिय जाति की स्थापना की है। आध्यात्मिकता तथा ‘अहिंसा परमो धर्म:’ को महत्त्व देते हुए भी भारतीयों ने सदा से ही अपनी रक्षा के लिये अस्त्र-शस्त्र उठाये है। हमने किसी...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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