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Posts tagged "Hindi Nibandh" (Page 14)
जवाहरलाल नेहरू Jawahar Lal Nehru प्रस्तावना : सारा जगत् नश्वर है। इसमें असंख्य प्राणी आए और चले गए। कोई उनके नाम से परिचित नहीं, कोई उन्हें स्मरण नहीं करता । केवल उनके सगे-सम्बन्धी आगमन पर खुश हुए और गमन पर कुछ दिन के लिए दु:खी। फिर वही क्रम चलता रहा। सब अपने कर्मों में उलझ गए और धीरे-धीरे स्मृति भी मानस पटल पर से उतरती चली गई। किन्तु ऐसी विभूतियाँ भी...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी Atal Bihari Vajpayee जन्म एवं शिक्षा : भारतीय जनमानस की आस्था के केन्द्र, लोकप्रिय नेता, जननायक श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के 14 वे प्रधानमंत्री के रूप में 19 मार्च 1998 को पद भार ग्रहण किया। श्री वाजपेयी का जन्म कविवर श्रीकृष्ण बिहारी वाजपेयी के यहाँ 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। इन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (वर्तमान लक्ष्मीबाई कॉलेज) तथा कानपुर के...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
राष्ट्रपति डॉ० के० आर० नारायणन Dr. K.R. Narayan प्रस्तावना : राष्ट्रपति का पद गरिमा का पद है। इस पद को भारत के दसवें राष्ट्रपति डॉ० के० आर० नारायणन सुशोभित कर रहे हैं। दलित जाति और निर्धन परिवार से सम्बन्धित होने पर भी आप भारतीय ऊर्जस्वित मनस्विता के सजीव प्रतीक एवं परिचालक हैं। आपने 25 जुलाई 1997 को भारत के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की। आप लम्बे समय तक कई पदों।...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
महात्मा गाँधी बापू Mahatma Gandhi Bapu जन्म, वंश परिचय और शिक्षा- जब 19 वीं सदी की साँझ थी, 2 अक्तूबर 1869 को पोरबन्दर के दीवान की कोठी में इस युग में क्या, युग युगों के महानतम व्यक्तित्व ने प्रथम बार अपनी पलकें खोलीं। वे थे विश्ववन्द्य बापू। उनका पूरा नाम था मोहनदास कर्मचन्द गाँधी। वैभव और सम्पन्नता के शैशव में वे शिशु से किशोर हुए। जबकि वे अध्ययन में लगे हुये...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
परहित सरिस धर्म नहिं भाई Parhit Saris Dharam nahi Bhai प्रस्तावना : पशुता के बाद जब हमने मनुष्यता के क्षेत्र में पदार्पण किया, तो सर्वप्रथम सभी जाति और देश के मनीषियों ने मनुष्यता की रक्षा लिए और इसे अधिक से अधिक सुन्दर बनाने के लिए अनेक प्रकार के गुणों तथा अनेक प्रकार के सिद्धान्तों का निरूपण किया। हम किस प्रकार पशुता के ऊपर उठकर मानवता के उच्च धरातल पर पहुँच जाएँ।...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बिनु भय होय न प्रीति Binu bhaya hot na Preet प्रस्तावना : मनुष्य सृष्टि की अद्भुत रचना है। वह अपने निर्माणकर्ता की शक्ति का प्रतीक है। उसने जल, थल और नभ मंडल सभी पर आशातीत विजय प्राप्त कर ली है। अब प्रकृति उसकी सहचरी बन चुकी है और शक्तियाँ उसकी सेविकाएँ; पर ऐसे शक्तिशाली प्राणी को भी किंकर्तव्यविमूढ़ बनाने वाली एक शक्ति है-भय। इसके आगे उस बलशाली का तेज़ फीका पड़...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages6 Comments
विरह प्रेम की जागृति गति है और सुषुप्ति मिलन है प्रस्तावना : मनुष्य भावनाओं का पुतला है। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण भावना है प्रेम। प्रेम के दो पक्ष हैं 1. संयोग पक्ष, 2. वियोग पक्ष। जिस पक्ष में प्रियतम और प्रियतमा एक साथ और अनुकूल मनोवृत्ति से रहते हैं, वह है प्रेम का संयोग पक्ष इसमें प्रियतम और प्रेयसी का मिलन होता है और जिसमें प्रियतम और प्रेयसी का विछोह रहता है,...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे Vahi Manushya he ki jo Manushya ke liye Mare प्रस्तावना : पारस्परिक सहयोग का मानव-जीवन में विशेष महत्व है। इस सद्भावना के अनेक रूप हमें विश्व में दृष्टिगत होते हैं। कहीं पर यह पारस्परिक सहयोग स्वार्थपरता पर अवलम्बित है, तो कहीं धूर्तता और कूटनीति का चोला पहने हुए है और सहयोग में बदले की भावना भी रहती ही है। यह सद्भावना ही...
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