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Posts tagged "Hindi Nibandh" (Page 13)
सैनिक की आत्मकथा Sainik Ki Aatma Katha प्रस्तावना : मेरा नाम सुमेर सिंह है। मुरादाबाद के पास मेरा छोटा-सा गाँव है। सिरसी। मेरे पूर्वज शौर्य के प्रतीक थे। बाल्यावस्था से ही उनके शौर्य और बलिदान की कहानियाँ मेरे कानों में पड़ती रही हैं। उनसे विचित्र-सी हिल्लौर मेरे मन में पैदा हो गई। बड़े होने पर मेरी भी इच्छा सैनिक बन कर देश के लिए कुछ करने की हो गई। सेना में...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
चाय की आत्म-कथा Chaye ki Aatma Katha प्रस्तावना : मैं चाय हूँ। आधुनिक पेय पदार्थों में सर्वोत्तम समझी जाती हैं। हर समाज में मेरा सम्मान हैं। आज की सभ्यता की मैं अमर देन हूँ। मैं सर्वत्र व्यापिनी हूँ। मेरे प्रेम में भेदभाव के लिए रंचमात्र भी स्थान नहीं है। मैं सभी को समान स्फूर्ति प्रदान करती हूँ। जीवन में शक्ति और स्फूर्ति संचारित करने के लिए मैं संजीवनी का काम करती...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पुस्तक की आत्म-कथा Pustak ki Aatma Katha निबन्ध-रूपरेखा प्रस्तावना : पुस्तक मानव की सच्ची साथिन है। यह अपने अक्षय कोश से उसकी ज्ञान पिपासा को शांत करती है। मानव ने उसे जन्म देकर एक अमर निधि प्राप्त कर ली है। इसकी सृष्टि मानव की तपस्या और साधना का फल है। इसीलिए उसने मानव के लिए अपने हृदय के द्वार खोल रखे हैं। उसे ज्ञान-विचारों का सदा दान देती रहती है। जन्म...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एक विद्यार्थी की आत्म-कथा Ek Vidyarthi ki Aatma Katha जीवन परिचय : आज से 22 वर्ष पूर्व मेरा जन्म एक निर्धन ग्रामीण। परिवार में हुआ था। परिवार में केवल पिता ही थोड़ा-बहुत पढे लिखे थे। घर-गृहस्थी कृषि पर चलती थी। समय और समाज की परिवर्तन स्थिति से उनका शिक्षा के प्रति अनुराग बढ़ गया। फलत: मेरे जन्म के दिन ही मुझे समाज का एक सभ्य एवं शिक्षित प्राणी बनाने का निश्चय...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भिखारी की आत्म-कथा Bhikhari ki Aatma Katha निबंध नंबर : 01 भिखारी का स्वरूप : समाज में तिरस्कृत, जीर्णकाय, थका-माँदा, फटे-पुराने वस्त्रों से शरीर छिपाए, मैं भिखारी हूँ। आज मेरे देश में भिक्षा माँगना एक अपराध बन चुका है। इस पर भी लुके-छुपे जीवन का पहिया उसी गति पर चल रहा है ; किन्तु कभी-कभी अपनी इस अवस्था पर रोना आ जाता है और तत्क्षण कोसने लग जाता हूँ प्रारब्ध को...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रुपये की आत्म-कथा Rupye ki Aatma Katha विषय प्रवेश : रविवार का दिन था। कार्यालय से छुट्टी थी। मैं लान में बैठा समाचारपत्र देख रहा था। मेरे समीप ही श्रेय बैठा हिसाब का काम कर रहा था। सहसा वह पूछ उठा कि रुपया कैसा होता है बाबा जी? मैं किसी विशेष समाचार को पढ़ने में तल्लीन था। उसकी ओर। ध्यान न दे सका। लेकिन मेरी चुप्पी तीन वर्षीय बच्चे की जिज्ञासा...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
महाराणा प्रताप Maharana Pratap प्रस्तावना : राष्ट्रपुरुष महाराणा प्रताप ने उस समय स्वतंत्रता-स्वाधीनता का एक महान् आदर्श स्थापित किया था जब मुग़ल साम्राज्य के बढ़ते वर्चस्व के सामने भारत के सभी छोटे-बड़े राज्य नतमस्तक होते जा रहे थे। आपने तरह-तरह के कष्ट सहते हुए, त्याग और बलिदान की कठिन राहों पर चलते हुए, अपना मस्तक गर्व से उन्नत रखा था तथा आने वाली पीढियों का मार्ग प्रशस्त किया था। इसीलिए आप...
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April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मदर टेरेसा Mother Teresa Essay No. 01 मदर टेरेसा का जन्म 27 अगस्त, सन् 1910 को अल्बानिया के स्कोप्जे नगर में हुआ था। इनका बचपन का नाम एग्नेस गोन्हज़ा बोजाज्यू था। बाद में इनका नाम ‘सिसटर टेरेसा’ कर दिया गया। बचपन से ही वे उदार, कोमल, दयालु और शांत स्वभाव की थीं। मदर टेरेसा, सन् 1928 में एक अध्यापिका के रूप में भारत आईं। ये कोलकाता के सेंट मेरी हाई स्कूल...
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