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Posts tagged "Hindi essays" (Page 40)
सहनशीलता Shanshilta एक दिन सन्त एकनाथ पूजा कर रहे थे। एक ब्राह्मण आकर उनकी गोद में बैठ गया। वे हँसकर बोले-“भैया, तुम्हारा प्रेम तो अद्भुत है। मुझे बहुत आनन्द आया।” दोपहर के भोजन के लिए थाल परोसे गये। घी परोसने के लिए एकनाथ की पत्नी गिरजाबाई जैसे ही ब्राह्मण के पास आई, वह उठकर उनकी पीठ पर सवार हो गया। संत एकनाथ ने अपनी पत्नी को कहा-“देखना, कहीं बेचरा ब्राह्मण गिर...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बुद्ध की करुणा Budha ki Karuna महात्मा बुद्ध एक बार भिक्षा के लिए निकले तो एक युवती ने उनको आमंत्रित किया, “आइए महाराज, भिक्षा में मैं आपको क्या दूँ ? मैं तो अपने आपको ही समर्पित करना चाहती हूँ, आप मेरे स्वामी और मैं आपकी दासी हूँ ?” बुद्ध बोले, “मुझे तुम्हारी बात स्वीकार्य है, लेकिन आज मैं जल्दी में हूँ। यह रसीला फल है, इसको संभालकर रखना। मैं आकर इसे...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
चिरस्थायी शक्ति Chirsthayi Shakti महात्मा बुद्ध आस्वान राज्य के किसी नगर से गुजर रहे थे। वह स्थान उनके विरोधियों का गढ़ था। जब विरोधियों को बुद्ध के नगर में होने का पता चला तो उन्होंने एक चाल चली। एक कुलटा स्त्री के पेट पर बहुत सा कपड़ा बांधकर भेजा गया। वह स्त्री, जहाँ बुद्ध थे, वहाँ पहुँची और जोर-जोर से चिल्लाकर कहने लगी- “देखो, यह पाप इसी महात्मा का है। यहाँ...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सच्चा धर्म Saccha Dharam रावण ने एक और कूटनीतिक चाल फेंकी। बोला- “अंगद ! जिस राम ने तेरे ही पिता को मारा, तू उन्हीं की सहायता कर रहा है, मेरे मित्र का पुत्र होकर भी मुझसे बैर कर रहा है।” अंगद हँसा और बोला- “रावण! अन्यायी से लड़ना और उसे मारना ही सच्चा धर्म है, चाहे वह मेरे पिता हों अथवा आप ही क्यों न हों।” अंगद के ये तेजस्वी शब्द...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शंका समाधान Shanka Samadhan ऋषि जनक के आध्यात्मिक उपदेश से सभासदगण प्रभावित हुए। सभी ने धर्म व उनके धार्मिक जीवन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इतने में एक सभासद बोले, “राजन! धर्म में आपकी आस्था अनुकरणीय है। चाहता तो मैं भी बहुत हूँ, लेकिन गृहस्थी ने कुछ इस तरह से बाँध रखा है कि धर्म कार्य के लिए समय ही नहीं निकल पाता है।” यह सुन कर दो-चार अन्य सभासदों ने भी...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
कवि और कल्पना Kavi aur Kalpana कवि का सृजन कवि कला कल्पना का प्रभाव कवि जानबूझकर लीक से हटकर सर्जन करता है। सब उसकी रचना के विषय में जानते हैं, परंतु कवि की सफलता इस बात में है कि श्रोता इस रचना से उत्पन्न रसधारा में इस प्रकार बह जाए कि उसको उसके उद्गम की स्मृति भी न रहे। दर्शक यह जानता है कि अभिनेता राजा-रानी नहीं हैं, रंगमंच पर न...
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November 28, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मानव जीवन में धर्म Manav Jeevan mein Dharam धर्म का स्वरूप धर्म और राजनीति धर्म और विज्ञान धर्म की परिभाषा है-धैर्य, क्षमा, पवित्रता, आत्मसंयम, सत्य, अक्रोध आदि सद्गुणों को धारण करना ही वास्तविक धर्म है। धर्म का उद्देश्य लोक कल्याण है। आज धर्म और राजनीति मिलकर धर्म के वास्तविक स्वरूप के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। धर्म के कटरवादी स्वरूप का प्रचार-प्रसार हो रहा है। पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर आतंकवाद...
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November 28, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पर्यटन के लाभ Paryatan ke Labh पर्यटन का अर्थ पर्यटन के लाभ पर्यटन के भिन्न-भिन्न साधन बीसवीं शताब्दी में पर्यटन का स्वरूप देशाटन का ही दूसरा नाम पर्यटन है। इसे यात्रा भी कहते हैं। पर्यटन से अनेक लाभ हैं। इससे मनुष्य का अनुभव बढ़ता है और वह कूपमंडूक नहीं रहता। मनुष्य विभिन्न वस्तुओं-स्थानों, जीव-जन्तुओं और मनुष्यों को अपनी आँखों से (प्रत्यक्ष) देखकर अपने ज्ञान-विज्ञान में महती वृद्धि करता है। देशाटन करते...
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