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Hindi Essay on “Ladka Ladki Ek Samaan” , ” लड़का-लड़की एक समान” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

लड़का-लड़की एक समान, दोनों से ही घर की शान      लड़का-लड़की में असमानताएँ – लड़का-लड़की की समानताओं को समझने से पहले उनकी असमानताओं को समझना अनिवार्य है | लड़का-लड़की दोनों के कुछ अंगों में अंतर है | परंतु उनके अधिकांश एंड और तंत्र एक जैसे हैं | उनका जन्म, खान-पीन, पाचन-तंत्र, बीमारी, इलाज, मृत्यु आदि लगभग एक-समान हैं | अंतर मात्र प्रजनन-तंत्र का है | उनमें भी वे दोनों सहयोगी हैं...
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Hindi Essay on “Badhti Jansankhya” , ” बढ़ती जनसंख्या : एक भयानक समस्या” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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जनसंख्या: समस्या एंव समाधान Jansankhya Samasya evm Samadhan Best 5 Hindi Essay on “Badhti Jansankhya” निबंध नंबर :-01 हमारे देश में अनेकांे जटिल समस्याएँ हैं जो देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं। जनसंख्या वृद्धि भी देश की इन्हीं जटिल समस्याओं में से एक है। संपूर्ण विश्व में चीन के पश्चात् भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। पंरतु जिस गति से हमारी जनसंख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए...
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Hindi Essay on “Aatankwad” , ” आतंकवाद” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

निबंध नंबर : 01  आतंकवाद  Aatankwad      भूमिका – आज पुरे विश्व में आतंक का साया मंडरा रहा है | न जाने कैन-सा हवाई जहाज अगुआ कर लिया जाए और किसी गगनचुंबी इमारत से टकरा दिया जाए | न जाने, कब-कहाँ कौन मारा जाए ? जब आतंकवाद के क्रूर पंजों से संसद, विधानसभा और मुख्यमंत्री तक सुरक्षित नहीं तो आम आदमी कहाँ जाए ?      आतंकवाद क्यों – प्रश्न उठता है...
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Hindi Essay on “Mehangai” , ” महँगाई” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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Best 6 Hindi Essay on ” Mehangai” निबंध नंबर: 01  महँगाई Mahangai       महँगाई की समस्या – वर्तमान की अनेक समस्याओं में से एक महत्वपूर्ण समस्या है – महँगाई | जब से देश स्वतंत्र हुआ है, तब से वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं | रोजमर्रा की चीजों में 150 से 250 गुना तक की कीमत-वृद्धि हो चुकी है |      महँगाई बढ़ने के कारण – बाज़ार में महँगाई...
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Hindi Essay on “Bharashtachar ” , ” सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार      भरष्टाचार का बढ़ता स्वरूप – भारत के सामाजिक जीवन में आज भ्रष्टाचार का बोलबाला है | यहाँ का रिवाज़ है – रिश्वत लो और पकड़े जाने पर रिश्वत देकर छुट जाओ | नियम और कानून की रक्षा करने वाले सरकारी कर्मचारी सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं | केवल तीन करोड़ में देश के सांसदों को खरीदना और उनका बिकना भ्रष्टाचार का सबसे शर्मनाक दृश्य है |     ...
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Hindi Essay on “Berojgari ” , ” बेरोज़गारी : समस्या और समाधान” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

बेरोज़गारी : समस्या और समाधान             बेकारी की समस्या और अभिप्राय – आज भारत के सामने जो समस्याएँ कण फैलए खड़ी हैं, उनमें से एक चिंतनीय समस्या है – बेकारी | लोगों के पास हाथ हैं, पर काम नहीं है; प्रशिक्षण है, पर नौकरी नहीं है |             आज देश में प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित-दोनों प्रकार के बेरोज़गारों की फौज़ जमा है | फैक्ट्रियों, सड़कों, बाज़ारों में भीड़ है | शहरों में...
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Hindi Essay on “Sampradayikta” , ” सांप्रदायिकता : एक अभिशाप ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

निबंध नंबर : 01  सांप्रदायिकता : एक अभिशाप             सांप्रदायिकता का अर्थ और कारण – जब कोई संप्रदाय स्वयं को सर्वश्रेष्ठ और अन्य स्म्प्दयों को निम्न मानने लगता है, तब सांप्रदायिकता का जन्म होता है | दूसरी तरफ भी कम अंधे लोग नहीं होते | परिणामस्वरूप एक संप्रदाय के अंधे लोग अन्य धर्मांधों से भिड पड़ते है और सारा जन-जीवन लहूलुहान कर देते हैं | इन्हीं अंधों को फटकारते हुए महात्मा...
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Hindi Essay on “Shahri Jeevan mein Badhta Pradushan ” , ” शहरी जीवन में बढ़ता प्रदूषण ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

शहरी जीवन  में बढ़ता प्रदूषण             शहरों का निरंतर विस्तार और बढ़ती जनसँख्या – आज की सभ्यता को शहरी सभ्यता को शहरी सभ्यता कह सकते हैं | यद्दपि  भारत की अधिकांश जनता गाँवों में बस्ती है किन्तु  उसके हृदयों में बसते – शहर बढ़ रहे है, साथ-साथ जनशंख्या भी तेजी से बढती रही है | हर वर्ष भारत में एक नया ऑस्ट्रेलिया और जुड़ जाता है |             शहरों में बढ़ते...
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