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Posts tagged "Hindi essays" (Page 218)
लोकतंत्र और तानाशाही Loktantra Aur Tanashahi संसार में विभिन्न प्रकार के वाद प्रचलित रहे और आज भी विद्यमान है। इनमें से लोकतंत्र और तानाशाही दो विभिन्न चरित्र, स्वरूप और स्वभाव वाली शासन व्यवस्थाओं का नाम है। पहली-यानी लोकतंत्र की शासन-व्यवस्था में आम जन का महत्व रहता है, जबकि दूसरी-यानी तानाशाही में किसी एक ही व्यक्ति विशेष का मूल्य और महत्व सर्वोच्च रहा करता है। दोनों के स्वरूप-स्वभाव में यह मौलिक अंतर...
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July 5, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
लोकतंत्र में चुनाव का महत्व Loktantra me Chunav Ka Mahatav या चुनाव Chunav निबंध नंबर :01 संसार में अनेक प्रकार की शासन-व्यवस्थांए प्रचलित हैं। उनमें से लोकतंत्र या जनतंत्र एक ऐसी शासन-व्यवस्था का नाम है, जिसमें जनता के हित के लिए, जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ही सारी व्यवस्था का संचालन किया करते हैं। इसी कारण जिन देशों में इस प्रकार की सरकारों की व्यवस्था है, राजनीतिक शब्दावली में उन्हें लोक-कल्याणकारी...
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July 5, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages4 Comments
संयुक्त राष्ट्रसंघ Sanyukt Rashtra Sangh निबंध नंबर : 01 विश्व के विभिन्न राष्ट्रों का संगठन संयुक्त राष्ट्रसंघ के नाम से पुकारा जाता है। यह वह संस्था है, जिसके मंच पर विश्व के प्राय: सभी राष्ट्रों के प्रतिनिधि युद्ध एंव शांतिकाल की विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं पर खुलकर विचार-विमर्श करके उसके समाधान खोजने का प्रत्यत्न करते हैं। इस प्रकार के संगठन की पहली बार कल्पना प्रथम विश्वयुद्ध (सन-1914-20) के दुष्परिणामों को देखकर जागी...
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July 5, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत का संविधान Bharat Ka Samvidhan किसी देश की मानसिकता, इच्छा-आकांक्षाओं, तत्कालीन और दीर्घकालीन आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही उसका संविधान बनाया जाता है। वह संविधान वहां की राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक और परिचायक हुआ करता है।भारत के संविधान के संबंध में भी यही सब कुछसहज भाव से कहा एंव स्वीकारा जा सकता है। 15 अगस्त सन 1947 तक क्योंकि भारत ब्रिटिश सत्ता के अधीन था, अत: उसका अपना कोई...
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July 5, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शराब-बंदी या दारूबंदी या मद्य-निषेध मद्य या दारूबंदी की चर्चा आज चारों तरफ आम चर्चा का विषय है। मद्य-यानी शराब। आजकल भारतीय जीवन और समाज में शराब पीना भी एक प्रकार से फैशन का सबल अंग बन चुका है। शराब पीना गर्व, गौरव और आधुनिकता की पहचान बनता और समझा जा रहा है। लोग बड़ी चुस्कियां लेकर शराब पीने की बातों और स्थितियों की आपस में चर्चा करते हैं। पहले दशहरा-दीवाली,...
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July 3, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
परिवार नियोजन : राष्ट्रीय आवश्यकता Parivar Niyojan Rashtriya Avashyakta निबंध नंबर :-01 परिवार नियोजन का अर्थ है-छोटा और संतुलित परिवार। कितनी भयावह है यह चेतावनी कि यादि हमारी जनसंख्या इसी तरह बढ़ती रही, तो सन 2000 तक देश की आबादी सौ करोड़ से भी अधिक हो जाएगी। आज हम बढ़ती जनसंख्या के प्रभाव से जिस बुरी तरह आतंकित और पीडि़त हैं-ओह! अभी तो 80-90 करोड़ ही हैं, तब यह हालत है...
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July 3, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शिक्षा और रोजगार Shiksha Aur Rojgar सामान्य रूप से कहा और माना जा सकता और माना भी जाता है कि शिक्षा और रोजगार का आपस में कोई संबंध नहीं है। शिक्षा का मूल प्रयोजन और उद्देश्य व्यक्ति की सोई शक्तियां जगाकर उसे सभी प्रकार से योज्य और समझदार बनाना है। रोजगार की गारंटी देना शिक्षा का काम या उद्देश्य वास्तव में कभी नहीं रहा, यद्यपि आरंभ से ही व्यक्ति अपनी अच्छी...
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July 2, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
वृक्षारोपण या वन-महोत्सव Vriksharopan ya Van-Mohotsav वृक्ष समस्त प्राणी जगत के श्रेष्ठ साथी और सहचर माने गए हैं। वृक्षों के समूह को वन, उपवन, जंगल कुछ भीकहकर पुकारा जा सकता है। वृक्षों को प्रकृति के राजकुमार और वनों, उपवनों या जंगलों को उनकी जन्मभूमि कह सकते हैं। दूसरे शब्दों में वृक्षों के समूह से ही वन बनते हैं और वन प्रकृति के जीवनदाययक सौंदर्य का साकार रूप हुआ करते हैं। वृक्ष...
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July 2, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment