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Posts tagged "Hindi essays" (Page 196)
प्रातःकाल की सैर Pratahkal ki Sair अथवा प्रातःकालीन भ्रमण Pratah Kaleen Bhraman Essay No. 01 मनुष्य के लिए प्रातःकाल की सैर उतनी ही सुखदायक व रोमाचंकारी होती है उतनी ही स्वास्थयवर्धक भी। व्यक्ति के अच्छे स्वास्थय के लिए प्रातःकालीन भ्रमण अत्यंत आवश्यक है। यह शरीर में नवचेतना व स्फूर्ति का संचार करता है। शारीरिक व मानसिक दोनों ही रूपों मंे यह स्वास्थयवर्धक है। चिकित्सा शास्त्रियों की राय है कि बीमार,...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages21 Comments
जननी जन्मभूमि Janani Janambhumi निबंध संख्या:01 जननी-जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी अर्थात जननी (माता) और जन्मभूमि का स्थान स्वर्ग से भी श्रेष्ठ एंव महान हैं। हमारे वेद, पुराण तथा धर्मग्रंथ सदियों से दोनों की महिमा का बखान करते रहे हैं। माता का प्यार, दुलार व वात्सल्य अतुलनीय है। इसी प्रकार जन्मभूमि की महत्ता हमारे भौतिक सुखों से कहीं अधिक है। लेखकों, कवियों व महामानवों ने जन्मभूमि की गरिमा और उसके गौरव को जन्मदात्री...
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January 1, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सच की ताकत Sach ki Takat ‘ साँच बराबर तप नहीं ‘ अर्थात् सत्य के बराबर कोई दूसरी तपस्या नहीं हैं। प्रसिद्ध भक्ति मार्गी कवि कबीरदास की उपयुक्त सूक्ति पढ़ने में भले ही सहज प्रतीत होती है परंतु यह सूक्ति स्वयं में एक विस्तृत, विशाल एवं गहन अर्थ संजोए हुए है। यदि इस सूक्ति का वास्तविक अर्थ समझ लिया जाए तो हमारे जीवन के कई संताप एवं दुःख काफी सीमा तक...
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January 1, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पर्वतीय स्थल की यात्रा Parvatiya Sthal ki Yatra निबंध नंबर : 01 देश-विदेश की सैर किसे रोमांचित नहीं करती है गरमियों के महीनों में किसी पर्वतीय स्थल का अपना ही आनंद है। इस आनंद का सौभाग्य मुझे अपने पिछले ग्रीष्म अवकाश में प्राप्त हुआ। जब मेरे पिताजी ने हमें नैनीताल भ्रमण की योजना बताई तो उस समय मेरी प्रसन्नता की कोई सीमा न रही। किसी पर्वतीय स्थल की यह मेरी...
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January 1, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages5 Comments
छत्रपति शिवाजी Chatrpati Shivaji छत्रपति शिवाजी मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। 10 अपै्रल, सन् 1627 में शिवनेरी के दुर्ग मंे जन्मंे शिवाजी की हिंदू धर्म में अटूट आस्था थी। वे मानवता तथा मानव मूल्यों को पूर्ण प्राथमिकता देते थे। वे एक सच्चे देशभक्त थे। शिवाजी के पिता श्री शाहजी भोंसले एक बड़े जागीरदार थे। वे बीजापुर के महाराजा के प्रमुख थे। शिवाजी के जन्म के बाद शाहजी ने...
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January 1, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सम्राट अशोक Samrat Ashoka सम्राट अशोक का नाम भारतीय इतिहास के महान शासकों तथा योद्धाओं में अग्रणी है। ईसा पूर्व सन् 272 ई0 में अशोक ने मग्ध प्रदेश का राज्य सँभाला था। इसके पश्चात् अपने 40 वर्षोंे के शासनकाल में उन्होने जो ख्याति अर्जित की वह अतुलनीय है। वे एक अद्वितीय शासक के रूप में विख्यात हैं जिन्होने केवल मगध में ही नहीं अपितु भारत के कोन-कोने में सत्य और...
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January 1, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरी प्रथम रेल यात्रा Meri Pratham Rail Yatra निबंध नंबर : 01 किसी भी यात्रा का एक अपना अलग ही सुख है। यात्रा करना तो बहुत से लोगों की एक पसंद है। यात्रा के अनेक उपलब्ध साधनों में से रलयात्रा का अनुभव एक अनोखा रोमांच एंव अनुभव प्रदान करता है। मेरी प्रथम रेल यात्रा तो आज भी मेरे लिए अविस्मरणीय है क्योंकि मेरी प्रथम रेलयात्रा ने रोमांच के साथ ही...
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January 1, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
यातायात के प्रमुख साधन Yatayat ke Pramukh Sadhan मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। नए-नए संबंध स्थापित करना, देशाटन पर जाना, नवीनतम की खोज करना आदि की प्रवृत्ति उसमें सदैव से ही रही है। उसकी इन्हीं इच्छाओं व आकाक्षाओं ने विश्व में असंभव लगने वाले अनेक कार्योंे को संभव कर दिखाया है। यातायात के नवीनतम साधन किसी आश्चर्य से कम नहीं हैं जिनके माध्यम से आज मनुष्य महीनांे तथा वर्षों में तय...
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December 26, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment