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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Mera Priya Khel Hocky”, “मेरा प्रिय खेल हॉकी” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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मेरा प्रिय खेल हॉकी Mera Priya Khel Hocky निबंध नंबर:-01  प्रस्तावना हॉकी आधुनिक युग का एक लोकप्रिय खेल है। देश-देश में हॉकी मैच देखने के लिए मैदान में सहस्रों स्त्री-पुरुषों की उपस्थिति इस कथन की साक्षी है। भारत को इस खेल में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हो चुकी है, जिसका श्रेय श्री ध्यानचन्द जी को है। भारतीय खिलाड़ियों ने विश्व के कोने-कोने में अपने देश का नाम उज्ज्वल किया है। विश्व के...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Football Match”, “फुटबॉल मैच” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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फुटबॉल मैच Football Match  प्रस्तावना : बाल्यकाल मानव का अविकसित रूप समझा जाता है। इसके विकास के लिए उसे भिन्न-भिन्न क्रीडाएँ करनी पड़ती है।खेल-खेल में ही वह बहुत कुछ सीख जाता है। और उसका चहुँमुखी विकास होने लगता है।  जिस प्रकार किसी वृक्ष को रोपते समय सुन्दर खाद्य, जलवायु तथा सुन्दर भूमि की आवश्यकता पड़ती है।  ठीक वैसे ही बालक के लघु शरीर विकास में क्रियाओं को अधिक योग होता है।...
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Hindi Essay on “Jeevan me Khelo ka Mahatva ”, “जीवन में खेलों का महत्त्व” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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जीवन में खेलों का महत्त्व Jeevan me Khelo ka Mahatva  अथवा व्यायाम और खेल Vyayam aur Khel Essay No. 1 प्रस्तावना जीवन में स्वास्थ्य का ही सबसे अधिक महत्व है। शक्तिशाली मानव ही भूमण्डल पर हर प्रकार का सुख भोग सकता है। इसके लिए दुष्कर कृत्य भी सुगम हो जाते है।उससे शत्रु भी सदैव भयभीत रहता है। और उपलब्धियाँ उसके पगों में लोटती है। कार्य सिद्धि सहचरी के समान उसके पीछे...
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Hindi Essay on “Manoranjan ke Adhunik Sadhan”, “मनोरंजन के आधुनिक साधन” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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मनोरंजन के आधुनिक साधन Manoranjan ke Adhunik Sadhan प्रस्तावना : मनोरंजन की पृष्ठभूमि : दिवस के अवसान के समीप आते ही जीवनयापन के लिए अनेक अच्छे-बुरे धंधों में उलझा हुआ मानव, संध्या के अंचल में बैठकरशारीरिक विश्राम के साथ-साथ प्राप्ति मानसिक विश्राम की भी इच्छा रखता है। जिससे उसका क्लांत मन फिर से प्रफुल्लित हो उठे, उसके अवयव अदम्य उत्साह से भर उठे यही अच्छे मनोरंजन की पृष्ठभूमि है। यदि मानव...
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Hindi Essay on “Computer ke badhte Kadam”, “कम्प्यूटर के बढ़ते चरण” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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कम्प्यूटर के बढ़ते चरण Computer ke badhte Kadam निबंध नंबर : 01 प्रस्तावना : आधुनिक ज्ञान-विज्ञान ने आज के मानव-समाज को दैनिक उपयोग में आ सकने वाले कई तरह के महत्त्वपूर्ण आविष्कार प्रदान किए है कहा जा सकता है कि कम्प्यूटर उनमें से अभी तक का अन्तिम बहुआयामी एवं बहुपयोगी आविष्कार है। इसने आज के व्यस्त-त्रस्त मानव को कई प्रकार की सुविधाएँ-सरलताएँ प्रदान की है। पहले के मानव को जिन अनेक...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Vigyan aur Swasthya ”, “विज्ञान और स्वास्थ्य” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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विज्ञान और स्वास्थ्य Vigyan aur Swasthya  प्रस्तावना : दृश्य-अदृश्य जीव-जगत में जो कुछ भी विद्यमान है। मनष्य उनमें सर्वोच्च स्थान एवं महत्व रखता है। इसमें तनिक भी सन्देह नहीं आज तक विश्व में जिस किसी भी प्रकार का और जितना निर्माण हुआ है।  भविष्य में भी प्रभाव जो कुछ होते रहने की सम्भावना है। वह सब मानव के लिए ही है एवं होगा भीविश्व के सारे उपक्रम मानव को केन्द्र में...
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Hindi Essay on “Antriksh me Manav ke Badhte Charan”, “अन्तरिक्ष में मानव के बढ़ते चरण” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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अन्तरिक्ष में मानव के बढ़ते चरण Antriksh me Manav ke Badhte Charan प्रस्तावना : लगता है आज के  विज्ञानी मानव के लिए यह धरती बहुत  छोटी पड़ गई है या फिर उसकी इच्छाओं का विस्तार इस सीमा तक हो गया है।कि वे धरती और आकाश को अपनी  बाहों में समेट कर भी सन्तुष्ट नहीं हो पा रही है।इसी कारण तो पिछले कई दशकों से वह धरती से ऊपर उठ आकाश में...
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Hindi Essay on “Telephone : Suvidha ke sath Asuvidha”, “टेलीफोन : सुविधा के साथ असुविधा” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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टेलीफोन : सुविधा के साथ असुविधा Telephone : Suvidha ke sath Asuvidha    प्रस्तावना : आखिर मानव का व्यवहार ही तो है। वह कई बार अनियमित एवं असन्तुलित होकर स्थान, समय और स्थिति का ध्यान न रख कर किसी अच्छी वस्तु को भी बुरी सुविधापूर्ण स्थिति को भी असुविधाजनक बना दिया करता है। फलस्वरूप बेमतलब ऐसी स्थितियाँ उत्पन्न हो जाया करती  है।  जिन पर काबू पा सकना मानव के वश में...
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