Home »
Posts tagged "Hindi Essay" (Page 6)
हमारे त्योहार (Hamre Tyohar) भारत त्योहारों का देश है। यहाँ भिन्न-भिन्न धर्म एवं जाति संप्रदाय के लोग निवास करते हैं। भारत के त्योहार इसकी संस्कृति की महानता को उजागर करते हैं। ये जीवन में सुखद परिवर्तन लाकर नई चेतना व स्फूर्ति का संचार करते हैं। हमारे त्योहार करूणा, दया, आतिथ्य सत्कार, पारस्परिक प्रेम एवं सद्भावना तथा परोपकार जैसे नैतिक गुणों का विकास करने में सहायक होते हैं। ये अधिकतर ऋतु चक्र...
Continue reading »
October 7, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हमारा राष्ट्रध्वज – तिरंगा (Hamara Rashtradwaj Tiranga) हर देश का अपना-अपना राष्ट्रीय ध्वज होता है। हमारे भारतवर्ष का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है। इसमें शामिल केसरिया रंग वीरता एवं त्याग का प्रतीक है। सफेद रंग सुख-शांति तथा हरा रंग खुशहाली एवं हरी-भरी फसलों का प्रतीक है। तिरंगे के बीचों-बीच अशोक चक्र है जो हमें सतत् परिश्रम की प्रेरणा देता है। चक्र अशोक स्तंभ से लिया गया है और इसका रंग नीला है।...
Continue reading »
October 7, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
समकालीन भारतीय महिलाएं Samlaleen Bhartiya Mahilaye पुरुष एवं महिला एक गाड़ी के दो पहिये के समान हैं। एक के बिना दूसरे का जीवन अधूरा है। पृथक जीवन जीने में पुरुष और महिला के जीवन का कोई अस्तित्व नहीं है। पुरुष एवं महिला एक-दूसरे के व्यक्तित्व के विकास में योगदान करते हैं। हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों में, पुरुष की तुलना में महिला को ऊँचा स्थान प्राप्त है। यह माना जाता है कि जिस...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत में महिलाओं के राजनीतिक अधिकार Bharat mein Mahilaon ke Rajnitik Adhikar केवल अधिक राजनैतिक अधिकार ही महिलाओं की दुर्दशा में सुधार नहीं कर पाएगा एलिजाबेथ के शासन काल में विलियम शेक्सपियर द्वारा महिलाओं के लिए दिए गए नाम “कमजोरी” की प्रासंगिकता अब समाप्त हो चुकी है। पुरुष की अर्द्धांगिनी, महिला सहस्राब्दि की नींद से जाग गई है और समाज में अपनी जगह की मांग कर रही है। देश की कुल...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत में जातिवाद और चुनावी राजनीति Bharat mein Jativad aur Chunavi Rajniti यह बिल्कुल सत्य तथ्य है कि कोई भी प्रजातांत्रिक प्रणाली धार्मिक और जातिवादी प्रभावों से उन्मुक्त नहीं है। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का भाग्य उनके द्वारा प्राप्त साम्प्रदायिक मतों से सीधे जुड़ा होता है। सभी राजनीतिक पार्टियाँ चतुराई से अपने जातिवादी और अन्य संकीर्ण पूर्वाग्रहों को छिपाकर अपने चुनाव घोषणा-पत्रों में किए गए वादों को पूरा करने का वचन...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
तिरस्कृत भारतीय प्रजातंत्र Tiraskrit Bhartiya Prajatantra अधिकारों की असमानता और अवसरों की असमानता से ही क्रांतियों की पृष्ठभूमि बनती रही है। राजतंत्र और अभिजात वर्ग की समाप्ति के बाद राजनैतिक समानता के सिद्धान्त का जन्म हुआ। यह निःसंदेह महान सामाजिक आदर्श है। जॉर्ज बर्नार्ड शॉ के अनुसार, “यह केवल एक वर्ग नहीं बल्कि सम्पूर्ण जनसंख्या के महानतम उपलब्ध कल्याण के उद्देश्य वाली एक सामाजिक व्यवस्था है।” ऐसा विश्व जिसमें लोगों की...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सभ्यता और कविता Sabhyata aur Kavita जिस युग में वाणिज्य और उद्योग सर्वोच्च सत्ता पर आसीन हों, विज्ञान और प्रोद्योगिकी रहन-सहन व विचारों के ढंग को निर्धारित करते हों, वहाँ कविता को कोई व्यक्ति पर ऐसे प्रीतिकर शौक के रूप में देखेगा जिसे शालीन लोग उस समय लिखते हैं जब उनके पास ‘मनोरंजन का और कोई तरीका’ नहीं होता। थोड़ी गहनता से देखने पर भी हमारी सोच नहीं बदलेगी और सभ्यता...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygour10th Class, Hindi (Sr. Secondary)No Comment
भारत में पर्यटन का विकास Bharat mein Paryatan ka Vikas आधुनिक विश्व में पर्यटन सबसे तेजी से फैलने वाला और सबसे ज्यादा लाभप्रद उद्योग है। अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन में परोक्ष रूप से निर्यात व्यवसाय भी शामिल है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि कुछ और उद्यमी देशों ने इस फैलते हुए उद्योग को धन उगाहने के रूप में ले लिया है। हाल के वर्षों में भारत भी इस सच्चाई से अवगत हो...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
Page 6 of 257« Prev
1
…
3
4
5
6
7
8
9
…
257
Next »