Home »
Posts tagged "Hindi Essay" (Page 3)
पुस्तकालय (Pustkalaya) पुस्तकालय मौन अध्ययन का स्थान है जहाँ हम मौन होकर ज्ञानार्जन करते हैं। पुस्तकों से सर्वश्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त होता है। कहा भी गया है “पुस्तकालय ज्ञान का आधार है, श्रेष्ठ साहित्य का विपुल भंडार है। यह प्रमुख साधन है ज्ञान वृद्धि का, एकमात्र उपाय है ज्ञान शुद्धि का। किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती है। इंसान की हर मुश्किल परिस्थिति में यह सहायक होती है, उसकी सोच को...
Continue reading »
October 21, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मित्रता (Mitrata) मित्रता बड़ा अनमोल रत्न है। हम सभी मनुष्य को अपना सुख-दुख बाँटने और मन की बात करने के लिए मित्र की आवश्यकता होती है। यह एक औषधि के समान हमारे समस्त कष्टों को दूर करने का प्रयत्न करता है। सच्चा मित्र भी वही है जो सभी मुसीबतों में हमारा साथ दें। पंचतंत्र में कहा भी गया है- “जो व्यक्ति न्यायालय, श्मशान और विपत्ति के समय साथ देता है उसको...
Continue reading »
October 21, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
कामकाजी नारियाँ (Kamkaji Nariya) आज के वैज्ञानिक युग में नारी पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है। शिक्षा, पत्रकारिता, चिकित्सा, कानून, व्यापार, हस्तकला और यहाँ तक कि पुलिस और सेना में भी महिलाओं को अपना कार्य मुस्तैदी से करते हुए देखा जा सकता है। पुरूषों का वर्चस्व तोड़कर कामयाबी हासिल करने वाली महिलाओं को आज भी परिवार से वह संयोग नहीं मिल रहा जो उसे मिलना चाहिए।...
Continue reading »
October 21, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आतंकवाद : एक समस्या (Aatankwad : Ek Samasya) आतंकवाद वह प्रवृत्ति है जिसमें कुछ लोग स्वार्थपूर्ण और अमानवीय आकांक्षा की पूर्ति के लिए घोर हिंसात्मक और अमानवीय साधनों का प्रयोग करते हैं। आतंकवाद का उद्देश्य है लोगों में भय फैलाकर तथा हिंसा के माध्यम से अपने मत को प्रचारित करना या अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना। आतंकवाद से आज पूरा विश्व त्रस्त है। एक मनुष्य दूसरे मनुष्य को...
Continue reading »
October 21, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
स्त्री शिक्षा (Stri Shiksha) शिक्षा व्यक्ति के विवेक को जगाकर उसे सही दिशा प्रदान करती है। मानव जाति की प्रगति का इतिहास शिक्षा के इतिहास के साथ ही लिखा गया है। शिक्षा नारी और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है अन्यथा सही अर्थो में न प्रगति होगी न शांति। भारत जैसे विकासशील देश में स्त्री शिक्षा का महत्त्व इसलिए अधिक है कि वह देश की भावी पीड़ी को...
Continue reading »
October 21, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेट्रो रेल- एक उत्तम साधन (Metro Rail – Ek Uttam Sadhan) मेट्रो को दिल्ली की महारानी की संज्ञा दी गई है। इसने दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है। यह अत्यंत ही आरामदेह और वातानुकूलित भी है। इससे समय की बचत तो होती ही है, यात्रा भी सुरक्षित रहती है। दिल्ली मेट्रो का प्रारंभ 25 दिसंबर 2002 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा...
Continue reading »
October 21, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
श्रम का महत्त्व (Shram Ka Mahatva) “उद्योगिन पुरूष सिंहमुपैति लक्ष्मीः दैवेन देयमिति का पुरूषाः वदन्ति ।” श्रम” का अर्थ है- तन मन से किसी कार्य को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील होना। श्रम के भेद हैं- मानसिक श्रम और शारीरिक श्रम । जीवन में दोनों का अपना-अपना महत्व है। श्रम की महत्ता बताते हुए गांधीजी ने कहा था- “जो अपने हिस्से का परिश्रम किए बिना ही भोजन करते हैं वे चोर...
Continue reading »
October 21, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञापन (Vigyapan) किसी उत्पाद, सेवा को बेचने, या प्रवर्तित करने के उद्देश्य से जो जनसंचार किया जाता है उसे विज्ञापन कहते है। जो विज्ञापन श्रोताओं, पाठकों या उपभोक्ताओं के मन पर जितनी गहरी छाप छोड़ देता है, वह उतना ही प्रभावी विज्ञापन कहलाता है। विज्ञापन उत्पादित वस्तु को लोकप्रिय बनाने और जरूरत महसूस कराने का काम करता है। आज के युग में विज्ञापन एक कला न रहकर एक जरूरत बन गई...
Continue reading »
October 21, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
Page 3 of 257« Prev
1
2
3
4
5
6
…
257
Next »