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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 194)
भारतीय समाज में स्त्रियों की दशा Bharatiya Samaj me Striyo ki Dasha प्रस्तावना- भारत एक प्राचीन सभ्यता एंव संस्कृति वाला देश है। यहां स्त्रियों का आदर देवी रूप मंे ही सम्मानपूर्वक किया जाता रहा है। प्राचीन काल में स्त्रियों को पूजा जाता था और यह समझा जाता था कि इनमंे शक्ति की देवी मां दुर्गा, ज्ञान की देवी सरस्वती तथा धन की देवी लक्ष्मी निवास करती है। पुराने समय मंे...
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January 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
संचार क्रान्ति Sanchar Kranti प्रस्तावना- उपग्रह, अंग्रेजी के सैटेलाइट शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। उपग्रहों की रचना करके इन्हें अन्तरिक्ष में स्थापित किया जाता है। उपग्रहों को अन्तरिक्ष में स्थापित करने से हमें अनेक महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होते हैं। इनके द्वारा हमें मौसम की सही स्थिति का ज्ञान होता है। समुद्री तूफान, बाढ़, भूकम्प, ज्वालामुखी विस्फोट आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व सूचनाएं भी हमें उपग्रहों द्वारा प्राप्त हो जाती हैं।...
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January 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
कम्प्यूटर – एक वरदान Computer – Ek Vardan प्रस्तावना- आधुनिक युग में कम्प्यूटर मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण और आवश्यक अंग बन गया है। व्यापार के सारे कार्य कम्प्यूटर पर ही किये जाते हैं। अपने अधिकतम प्रयोग, गणना को शत-प्रतिशत शुद्वता एंव स्मृति की असीमित क्षमता के कारण यह जीवन के प्रत्येक अंग में छा गया है। कम्प्यूटर क्या है?- कम्प्यूटर गणताएं कर सकने वाली विश्लेषक मशीन है जो सेकेण्ड के...
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January 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
बैंको का महत्व Banko ka Mahatva प्रस्तावना- आधुनिक जीवन में बैंको का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बैंक में व्यक्ति की जमा पूंजी सुरक्षित रहती है कि जिससे एक ओर तो चोरी और डकैती का भय समाप्त होता है तथा दूसरी ओर बैंक में जमा पूंजी उत्पादक कार्यों में लगकर राष्ट्र का विकास करने मे सहायक सिद्व होती है। बैंक का अर्थ- विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने बैंक को विभिन्न प्रकार से...
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January 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
औद्योगीकरण के दुष्प्रभाव Audyogikaran ke Dushprabhav प्रस्तावना- औधोगीकरण को केवल सुख एंव सुविधाओं का जनक ही नहीं समझना चाहिये। इसके दुष्परिणाम भी होते हैं। आज हमारे सामने दूसरे अनेक प्रकार के दुष्परिणाम उपस्थित हैं, जैसे – प्रदुषण समस्या, मानवीय जीवन में नैतिकता का हास, अन्र्तराष्ट्रीय प्रतिद्वन्द्विता, वर्ग-संघर्ष की भावना का विकास, स्वास्थय पर विपरीत प्रभाव, ग्रामीण क्षेत्रों पर औधोगीकरण के दुष्प्रभाव आदि। इन दुष्परिणामांे का विवरण इस प्रकार हैं- (1) प्रदुषण...
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January 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हमारे महानगर Hamare Mahanagar भारत में प्राचीनकाल में सिंधु घाटी की सभ्यता का जन्म हुआ था जो प्रायः नगरीय सभ्यता मानी जाती है। इससे स्पष्ट होता है कि भारतवासी नगरों की संस्कृति से पूर्ण परिचित थे। हालाँकि भारत मे गाँवों की आज भी अधिकता है परंतु साथ-साथ नगरीय संस्कृति का भी विकास हो रहा है। दिल्ली, कोलकता, चेन्नई और मुंबई ये चार हमारे देश के विशालतम नगर हैं जिनका...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रेल दुर्घटना Rail Durghatna मनुष्य ने यातायात के अनेक साधन विकसित किए हैं। रेलगाड़ी आवागमन का एक प्रमुख साधन हैं। रेलगाड़ी द्वारा यात्रा करने का अपना अलग ही आनंद हैं। परंतु कभी-कभी लोगों की थोड़ी-सी असावधानी इस आनंद को एक बड़ी दुर्घटना का रूप दे देती हैं। यह बात पिछले वर्ष जनवरी माह की है जब मैं कालका मेल द्वारा इलाहाबाद से टुंडला की ओर यात्रा कर रहा...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
युद्ध के कारण व समाधान Yudh ke Karan va Samadhan युद्ध का इतिहास मानव सभ्यता के उदय के साथ ही प्रारंभ हो गया। युद्ध पहले भी होते थे और आज भी हो रहे हैं। यह सत्य है कि समय-समय पर कारक परिवर्तित होते रहे हैं। आदिकाल में जहाँ युद्ध जानवरों अथवा जमीन के लिए लड़े जाते थे वहीं आज के युग में युद्ध के तीन प्रमुख कारक पैसा, स्त्री एवं...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment