Home »
Posts tagged "Hindi Essay" (Page 185)
सागर-तट की सैर Sagar Tat ki Sair गत् सप्ताह मैं क्न्याकुमारी के सागर-तट पर बैठा था। सागर-तट का दृश्य मुझे बहुत लुभा रहा था। समुद्र-तट पर कई छोटे जहाज खड़े थे। वे सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे थे। सायंकाल का समय था। सुरज डूबने को था। इससे पहले आसमान में लालिमा छा गई थी। डूबते सूरज का रंग क्षण-क्षण परिवर्तित हो रहा था। यह दृश्य मन को बड़ा ही...
Continue reading »
June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञापन के प्रभाव Vigyapan ke Prabhav निबंध नंबर:- 01 विज्ञापन का उद्देश्य है कि किसी वस्तु या वस्तुओं को व्यावसायिक, राष्ट्रीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, कलात्मक, मांगलिक, साहित्यिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से लोकप्रिय बनाने की प्रक्रिया को त्वरित गति प्रदान की जाए अर्थात् इन सबसे संबद्ध वस्तुओं को जनमानस में एक विशिष्ट छवि के रूप में अंकित किया जाए। विज्ञापन यह ज्ञापित करता है कि अमुक वस्तु क्यों ग्रहणीय है...
Continue reading »
June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शहरों में महिलाओं की स्थिति Shahron me Mahilao ki Stithi शहरों में महिलाआंे की स्थिति इस दृष्टि से तो अच्छी है कि उन्हें यहाँ रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। वे आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर हैं। वे स्वतंत्रता का उपभोग कर रही हैं। उन्हें अनेक प्रकार की सुख-सुविधाएँ उपलब्ध हैं। परिवार में उनके महत्त्व को माना जाता है। अब हम दूसरी दृष्टि...
Continue reading »
June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
कक्षा का एक अविस्मरणीय दिन Kaksha ka Ek Yadgar Din हमारी कक्षा में कुछ न कुछ घटित होता ही रहता है। कई दिन ऐसे आते हैं जिनकी याद लंबे समय तक बनी रहती है। पिछले सप्ताह हमारी कक्षा में एक घटना घटी जिसने उस दिन को अविस्मरणीय बना दिया। हमारे स्कूल का दौरा करने के लिए कुछ विदेशी मेहमान आए थे। उनमें शिक्षा मंत्री भी शामिल थे। प्रधानाचार्य ने...
Continue reading »
June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अच्छा पड़ोस Accha Pados अच्छा पड़ोस भाग्यशाली व्यक्ति को ही मिलता है। पड़ोसी ही हमारा सबसे निकटतर रिश्तेदार तथा मददगार होता है। यदि आपको पड़ोस अच्छा मिल जाए, तो निश्चय ही आपकी जिंदगी सुख-चैन पूर्वक कट जाएगी। बुरा पड़ोस सिरदर्द से कम नहीं होता। अच्छा पड़ोसी हमारा सच्चा मित्र होता है। मेरे पड़ोस में डाॅ. श्रीवास्तव रहते हैं। वे निहायत ही भले व्यक्ति हैं। यद्यपि वे मरीजों से घिरे...
Continue reading »
June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सामाजिक सद्भाव में युवकों का योगदान आजकल समाज में सद्भाव का अभाव नजर आता है। सामाजिक सद्भाव बने रहने से समाज उन्नति करता है और सद्भाव के बिगड़ने से समाज पतनशील बनता है। अब प्रश्न उठता है कि इस सामाजिक सद्भाव को किस प्रकार लाया जाए? सामाजिक सद्भाव उत्पन्न करने में युवकों का योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है। युवकों में ऊर्जा होती है। वे किसी भी...
Continue reading »
June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पर-उपदेश कुशल बहुतेरे Par Updesh Kushal Bahutere निबंध नंबर – 01 इस कहावत का अर्थ है- दूसरों को उपदेश देना बड़ा अच्छा लगता है। उपदेशक को उपदेश देना बड़ा प्रिय होता है। उपदेश का अपना महत्त्व होता है और इसका प्रभाव भी पड़ता है। राष्ट्र निर्माण में समाज-सुधारकों का भी महत्व है। वे हमारे पथ-प्रदर्शक होते हैं। वे आकाश-दीप की भाँति हमें दिशा-निर्देश देते हैं। पर उपदेशक की कथनी और...
Continue reading »
June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञान वरदान है या अभिशाप Vigyan Vardan ya Abhishap विज्ञान का शाब्दिक अर्थ होता है-विशेष या विश्लेषित ज्ञान। मानव आदिकाल से नये आविष्कार करता रहा है और विकास की एक-एक सीढ़ी तय करता रहा है। आविष्कारों के बल पर ही उसने अपना जीवन सजाया-सँवारा है। आज हम जिस युग में सांस ले रहे है वह विज्ञान का युग है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान की उपलब्धियों के प्रभाव को...
Continue reading »
June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment