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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 178)
विद्यार्थी और अनुशासन Vidyarthi Aur Anishashan प्रासाद की चिरस्थिरता और उसकी दृढ़ता जिस प्रकार आधारशिला की मजबूती पर आधारित है, लघु पादपों का विशाल वृक्षत्व जिस प्रकार बाल्यावस्था के सिंचन और संरक्षण पर आश्रित होता है, उसी प्रकार युवक की सुख-शांति में समृद्धिशालिता का संसार छात्रावस्था पर आधारित होता है। यह अवस्था नवीन वृक्ष की मृदु और कोमल शाखा है, जिसे अपनी मनचाही अवस्था में सरलता से मोड़ा जा सकता...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञापन: लाभ या हानियाँ Vigyapan Labh Ya Haniya ‘विज्ञापन’ का उद्देश्य है कि किसी वस्तु या वस्तुओं को व्यावसायिक, राष्ट्रीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, कलात्मक, मांगलिक, साहत्यिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से लोकप्रिय बनाने की प्रक्रिया को त्वरित गति प्रदान की जाये अर्थात् इन सबसे संबद्ध वस्तुओं को जनमानस में एक विशिष्ट छवि के रूप में अंकित किया जाये। विज्ञापन यह ज्ञापित करता है कि अमुक वस्तु क्यों ग्रहणीय है और ऐसा कर...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
देशाटन Deshatan देशाटन और पर्यटन- जैसा कि स्पष्ट है दोनों ही शब्द भ्रमण से संबंध रखते हैं। विभिन्न देशों और देश के विभिन्न स्थानों का भ्रमण देशाटन और पर्यटन कहलाता है। मानव की जिज्ञासा, महत्त्वाकांक्षा, सौंदर्यप्रियता और ज्ञान की प्रवृत्तियाँ उसमें देशाटन और पर्यटन की रूचि जागृत करती हैं। अपने आसपास के भौगोलिक सौंदर्य और पर्यावरण को नित्य प्रति देखते और परखते हुए उसमें नए-नए स्थानांे के प्रति उत्सुकता स्वाभाविक...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
लोकतंत्र का महत्त्व Loktantra Ka Mahatva विश्व में अनेक शासन प्रणालियाँ हैं। उनमें लोकतंत्र सर्वश्रेष्ठ शासन-प्रणाली मानी जाती है। अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र या प्रजातंत्र की परिभाषा इस प्रकार दी है- ‘‘लोकतंत्र जनता के लिए, जनता द्वारा जनता का शासन हैं।’’ जाॅर्ज बर्नार्ड शाॅ के शब्दों में- ‘‘प्रजातंत्र एक सामाजिक व्यवस्था है, जिसका लक्ष्य सभी लोगों का यथासंभव अधिक से अधिक कल्याण करना है।’’ लोकतंत्रात्मक शासन-पद्धति में जनता...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
समाचार -पत्र और उनकी उपयोगिता Samachar Patra aur Unki Upyogita मनुष्य के हृदय में कौतूहल और जिज्ञासा दो ऐसी वृत्तियाँ हैं, जिनसे प्रेरित होकर वह संसार की नित्य नवीन घटने वाली घटनाओं से परिचित होना चाहता है। वह जानना चाहता है कि आज अपने देश में ही नहीं, अपितु विश्व के कोने-कोने में क्या हो रहा है। व्यापारी व्यापार के विषय में नए-नए भावों को, समाजशास्त्री समाज की नई व्यवस्थाओं को,...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
महानगरीय जीवन Mahanagriya Jeevan निबंध # 01 वर्तमान समय में भारत के अनेक प्रमुख नगर महानगरों में परिवर्तित होते जा रहे हैं। एक नई महानगरीय सभ्यता पनपती जा रही है। महानगरों का जीवन जहाँ एक ओर आकर्षित करता है, वहीं वह अभिशाप से कम नहीं है। आधुमिकता की चमक-कदम इन महानगरों में दृष्गिोचर होती है। यह आकर्षक समान्य नगर-कस्बे एवं गाँवों के लोगों को महानगर की ओर खींचता है, पर...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आज की नारी Aaj ki Naari नरी क्या नही कर सकती अर्थात् सब कुछ कर सकती हैं नारी ने सभी क्षेत्रों में सफलता के झंडे़ गाडे़ है। आधुनिक काल में नारी समाजिक व्यवस्था में स्थान रखती है। पुरूषों की भांति ही वह उच्च शिक्षा ग्रहण करती है, सभी प्रकार की ट्रेनिग लेती है और घर की सीमाओं से बाहर निकलकर स्कूल, काॅलेजों, कार्यालयों, अस्पतालों आदि में अपनी कार्यक्षमतानुसार स्थान...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
फैंशन के नित नए रूप Fashion ke Nit Naye Roop परिवर्तित समय के अनुरूप स्वयं को ढालना ही फैशन है। वैसे फैशन शब्द का प्रयोग वेशभूषा के रूप में लिखा जाता है। वेशभूषा में नित नए रूप देखने को मिलते हैं। एक ही प्रकार के कपड़े ज्यादा देर तक प्रचलन में नहीं रहते। इससे हम ऊब जाते हैं। फैशन के कारण ही तरोताजा बने रहते हैं। फैशन को सदा गलत अर्थों...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment