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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 177)
पुस्तक मेले Pustak Mela भारत में अन्य मेलों की भाँति प्रति वर्ष पुस्तक मेला आयोजित करने की एक परंपरा चल पड़ी है। केन्द्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष ‘प्रगति मैदान’ में पुस्तक मेले का भव्यस्तर पर आयोजन किया जाता है। इसमें देश-विदेश के प्रमुख प्रकाशक एवं विक्रेता भाग लेते हैं। इस मेले के अतिरिक्त अनेक राज्यों में भी पुस्तक मेले लगाए जाते हैं। अब प्रश्न उठता है कि इन पुस्तक मेलों की...
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June 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आज का युवा और मानसिक तनाव Aaj ka Yuvak aur Mansik Tanav वर्तमान समय में युवा अनेक प्रकार के मानसिक तनावों से घिरा हुआ है। इस वर्ग में ‘छात्र वर्ग’ और शिक्षित बेरोजगार वर्ग प्रमुख रूप से आता है। उसका मानसिक तनाव स्कूली जीवन में ही प्रारंभ हो जाता है। हमें इन तनावों के कारणों की खोज करनी होगी। सबसे पहले इन छात्रों की पारिवारिक परिस्थितियों पर एक खोजी दृष्टि...
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June 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
सावन की पहली बरसात Savan ki Pahli Barsat आषाढ़ मास समाप्त हो चला था, पर अभी तक लोग वर्षा के लिए तरस गए थे। एक दो बार हल्की बूँदा-बाँदी तो हुई थी पर झड़ी लगने की स्थिति नहीं आई थी। यही कारण था कि लोग गरमी से बेहाल थे। धरती अभी तक तप रही थी। उसकी प्यास नहीं बुझी थी। सभी प्राणी बड़ी चाह भरी नजरों से आकाश की ओर...
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June 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरा प्रिय टाइम पास Mera Priya Time Pass प्रत्येक व्यक्ति अपना फालतू टाइम किसी न किसी ढंग से बिताता है। इससे उसका समय बीतता है, वहीं उसे आनंद की अनुभूति भी होती है। कई लोग ताश खेलकर तो कई टी.वी. देखकर अपना टाइम पास करते हैं, पर मैं तो मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक पुस्तक पढ़कर टाइम पास करता हूँ। ये पुस्तकें ही मेरा टाइम पास हैे। यद्यपि मैं अपने काम...
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June 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एक कामकाजी औरत Ek Kamkaji Aurat आज की औरत का कामकाजी होना जहाँ उसकी विवशता बनता जा रहा है, वहीं यह उसकी आर्थिक स्वतंत्रता के लिए आवश्यक भी है। कामकाजी औरत की दिनचर्या काफी व्यस्त रहती है। वह प्रातःकाल से लेकर रात्रि तक किसी-न-किसी काम में लगी रहती है। प्रातःकाल तो दफ्तर जाने की तैयारी में बीत जाता है और सारा दिन दफ्तर के काम के बोझ तले निकल जाता...
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June 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
बरसात की एक भयानक रात Barsat ki Ek Bhayanak Raat सावन-भादो बरसात के होते हैं। भादो मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या थी। इस दिन सारे दिन घनघोर बरसात होती रही। खूब बादल कड़क रहे थे और बिजली भी चमक रही थी। संध्या हुई और धीरे-धीरे रात घिर आई। चारों ओर घनघोर अँधेरा छाया हुआ था। चारांे ओर रात्रि की कालिमा पसरी हुई थी। हाथ को हाथ सूझ रहा था।...
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June 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
त्योहारों का महत्व Tyoharo ka Mahatva हमारे जीवन में पर्वों का विशेष महत्त्व है। ये पर्व हमारी संस्कृति की पहचान हैं। भारत भूमि महान है। यहाँ हर तिथि को कोई न कोई पर्व पड़ता रहता है। इन पर्वों के साथ एक विशेष बात जुड़ी है और वह है- लोककथाएँ और मनोरंजन। पर्वों पर तरह-तरह की कलाओं का प्रदर्शन होता है। इन कलाओं में हमारी संस्कृति की झलक मिलती है। ये...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
व्यायाम के लाभ Vyayam ke Labh ‘‘धर्मार्थकाममोक्षणाम् आरोग्यं मूलमुत्तमम्’’ महर्षि चरक ने लिखा है कि धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष इन चारों का मूल आधार स्वास्थ्य ही है। यह बात अपने में नितांत सत्य है। मानव जीवन की सफलता धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त करने में ही निहित है, परंतु सबकी आधारशिला मनुष्य का स्वास्थ्य है, उसका निरोग जीवन है। रूग्ण और अस्वस्थ मनुष्य न धर्मचिन्तन कर सकता है,...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment