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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 161)
मानव जीवन में विज्ञान Manav Jeevan me Vigyan और विज्ञान : वरदान या अभिशाप Vigyan : Vardan ya Abhishap विज्ञान के अनेक वरदान हैं। जिनके कारण आज के मनुष्य का जीवन बहुत ही सुविधाजनक, सुखमय और गतिशील हो गया है। मानव अब समय, स्थान और अनावश्यक श्रम से मुक्ति पा चुका है। दूरियाँ सिमट सी गई हैं। सभी विश्व एक दूसरे के निकट आ गए हैं। आज के वायुयान तो ऐसे हैं...
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October 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत में लोकतंत्र और मीडिया Bharat me Loktantra aur Media और लोकतंत्र और मीडिया लोकतंत्र यानि लोगों का तंत्र (मशीन)। लोगों द्वारा लोगों का संभाला जाना ही लोकतंत्र है। मीडिया यानि मीडियम, जिसका अर्थ है किसी दो या अनेक के बीच में रहकर संबंध बनाना। वैसे तो मीडिया अंग्रेजी शब्द है, जिसे हिन्दी में अपनाया गया है। अगर हम इसका हिन्दी रुपांतर करेंगे तो काफी लंबा हो जाएगा। पर हम इसे छोड़...
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October 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत में कंप्यूटर और इंटरनेट क्रांति Bharat me Computer aur Internet Kranti और कंप्यूटर और इंटरनेट की दुनिया Computer aur Internet ki duniya आज का यह युग कंप्यूटर का युग है। जीवन के हर क्षेत्र चाहे वह छपाई हो, चिकित्सा का हो, सुरक्षा का हो आदि में इसका प्रयोग किया जा रहा है। कंप्यरर ने मानव जीवन में एक अभूतपूर्व क्रांति ला दी है। इसके बिना आज का जीवन मानव कल्पना भी...
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October 18, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
नशा : समस्याएँ – समाधान Nasha : Samasyaye Samadhan आज के इस भारत को देखते हुए अगर हम कहें कि यह युग तो पूर्ण रूप से मादक द्रव्य सेवन का ही युग है तो कोई गलत नहीं होगा। पर ऐसा भी नहीं कि मादक द्रव्य सेवन की प्रवृत्ति आज की ही है, बल्कि यह तो शताब्दियों पूर्व से ही चली आ रही है। बस फर्क इतना है कि इसका नाम और...
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October 10, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
निजीकरण : फायदे और नुकसान Nijikaran ke Phayade aur Nuksan निजीकरणजिसे अंग्रेजी में हम प्राइवेटाइजिंग कहते हैं। एक बहुअर्थी अवधारणा है। जिसके विभिन्न अर्थ निकलते हैं। संकीर्ण अर्थ पर ध्यान दें तो निजीकरण का अर्थ राज्य के स्वामित्व वाली इकाइयों का संपूर्ण या कुछ इक्विटी को निजी शेयरधारकों को बेचा जाना, राज्य संस्थाओं से जो भी निजी क्षेत्र के उत्पादन की इकाइयों के स्वामित्व का हस्तांतरण और साथ ही निजी...
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October 10, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
राजभाषा हिन्दी Rajbhasha Hindi ऐसा कहा जाता है कि मानव सृष्टि की श्रेष्ठतम कृति है। जो कि सत्य भी है। प्रकृति ने उसे तोफे में वाणी का अनुपम वरदान देकर उसके प्रति अपने प्रेम को प्रगट किया है। भाषा ही वह एकमात्र साधन है जिसके माध्यम से मानव अपने विचारों, भावों आदिको प्रगट कर सकता है। भाषा के अभाव में सामाजिकता, राष्ट्रीयता किसी का महत्व नहीं रह जाता। किसी भी...
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October 10, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
श्रम का महत्व Shram ka Mahatva मानव जीवन में श्रम का अपना महत्व है। आदिम युग के मानव ने जब पहलेपहल पृथ्वी पर कदम रखा था, तब उसके पास न तो रहने के लिए कोई मकानथा, ना आवागमन का कोई साधन और तो और न अपना तन ढकने के लिए कोई वस्त्र। आदमी जंगली जानवरों की भाँति ही अपना जीवन यापन करता था। अन्य जानवरों की ही तरह पहाड़ों की कंदराएँ...
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October 10, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
आरक्षण Aarakshan हमारा भारत देश सदैव से ही विविधता में एकता से भरा रहा है। वैसे तो आरक्षण को अंग्रेजी में रिजर्वेशन कहा जाता है, जिसका अर्थ है किसी को विशेष कोटा देना। समाज के प्रत्येक वर्ग में इसअसमानता को देखा जा सकता है। स्वतंत्रता के बाद यह भेद और भी उजागर होने लगा है। समाज के सर्वांगीण विकास के लिए इन उपेक्षित तथा पिछड़े वर्ग के उत्थान की अनेक योजनाएं...
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October 10, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment