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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 147)
अन्तर्राष्ट्रीय महिला वर्ष International Women’s Year प्रस्तावना : आधुनिक नारी पर यह लक्षण पूर्णतः घटित होते हैं। वैसे सृष्टि के आदि काल से भारतीय नारी में पृथ्वी की-सी क्षमा, समुद्र-सी गम्भीरता, चन्द्रमा-सी शीतलता, सुर्य-सा तेज़ और पर्वतों जैसी मानसिक उच्चता एक साथ देखी जा सकती हैं। वह क्षमा, दया, ममता और प्रेम की पावन मूर्ति है और आवश्यकता पड़ने पर वह रणचण्डी का भी रूप धारण कर सकती है। स्त्री और...
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March 27, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अन्तर्राष्ट्रीय बाल वर्ष International Children Year बाल विकास का महत्त्व : संयुक्त राष्ट्र संघ ने बाल विकास के महत्त्व की ओर विश्व का ध्यान केन्द्रित करने के लिए सन् 1979 ई० को बाल वर्ष घोषित किया था। इसके साथ ही यह भी निश्चित किया गया। कि हमारे देश में बाल विकास के लिए। जितने भी कार्यक्रम सरकार की ओर से बनाये जाएँगे, उन्हें सफल बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र बाल-विकास कोष...
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March 27, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आजादी के 50 साल बाद Azadi ke 50 Saal Baad प्रस्तावना : हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 में ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ। सन् 1997 में 50 वर्षों पश्चात् इस की स्वर्ण जयन्ती भारत में मनायी गई थी। इतना ही नहीं सारे भारतीय जो अन्य देशोंमें रह रहे थे । वे भी इस हर्षोल्लास में सम्मिलित हुए थे। 14 अगस्त की मध्य रात्रि से आरम्भ हुए आयोजनों का सिलसिला अगले...
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March 27, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अहिंसा एवं विश्व शान्ति Ahimsa evm Vishv Shanti प्रस्तावना : आज के इस भौतिकवादी युग में ‘मत्स्य न्याय’ का सिद्धान्त लेकर बड़े-बड़े महान् राष्ट्र अपनी थोथी महानता तथा प्रभुता का डंका पीटते हैं। आज विज्ञान ने शनै:-शनै: उन्नति कर अणु अस्त्रों एवं विस्फोटक बमों का निर्माण कर लिया है। आज विकासशील देशों द्वारा निर्मित एक अणु बम पूरे विश्व के विध्वंस के लिए पर्याप्त होगा। ऐसे आपस के तनावपूर्ण वातावरण में...
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March 27, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सहकारिता Sahkarita प्रस्तावना : पैदा होते ही बच्चे :के अन्दर दूसरे बच्चे से हिलमिल कर रहने की पवित्र भावना स्वत: उत्पन्न होती है। कुछ बड़ा होकर बच्चा, इसी प्रवृत्ति के कारण अन्य दूसरे बच्चों के साथ खेल कर धूल-धूसरित होता है। यह उसके अन्दर अच्छी धारणा है ; किन्तु बड़ा होकर यही बच्चा व्यक्ति के रूप में परस्पर कलह करता है। इससे उसे संसार में भोगों का उपभोग करते हुए भी...
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March 27, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
संयुक्त राष्ट्र संघ Sanyukt Rashtra Sangh प्रस्तावना : युद्ध ने सदैव विनाश का इतिहास लिखा है। युद्ध की भयंकर ज्वाला में सभ्यताएँ भस्म होती हैं, संस्कृतियाँ सिसकने लगती हैं और सत्य अपना मुँह छिपा लेता है। ललित कलाओं में सत्य, शिव और सौन्दर्य का लोप होता है तथा उनके स्थान पर दानवी घृणा का प्रचार ही उनका लक्ष्य बन जाता है। साहित्य प्रेम और सहानुभूति के प्रसार के स्थान पर...
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March 27, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
राष्ट्रीय एकता Rashtriya Ekta प्रस्तावना : क्षेत्रफल, जनसंख्या, भाषा और वेशभूषा आदि की दृष्टि से भारत एक उपमहाद्वीप कहा जाता है। यहाँ के विभिन्न राज्यों के निवासी बाह्य दृष्टि से एक-दूसरे से भिन्न प्रतीत होते हैं। भाषाओं की दृष्टि से तो संसार के अन्य किसी देश में इतनी अधिक भाषाएँ नहीं बोली जाती हैं। इतनी विभिन्नता होने पर भी यहाँ एक ऐसी एकता पाई जाती है जो सम्पूर्ण देश को एक...
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March 27, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
परिवार नियोजन Parivar Niyojan प्रस्तावना : सैकड़ों वर्षों की दासता के पश्चात् स्वतन्त्रता का आलिंगन कर भारत ने आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक और औद्योगिक आदि क्षेत्रों में पर्याप्त उन्नति की। आज के वैज्ञानिक युग में अच्छा स्वास्थ्य लाभ औषधियों के माध्यम से प्राप्त किया। मानव के अन्दर स्वाभाविक रूप से प्रजनन की प्रक्रिया में वृद्धि हो गई। मनुष्य के जीवन की समस्त प्रसन्नता उसके परिवार में निहित होती है; किन्तु यदि परिवार...
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March 27, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment