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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 144)
विद्यार्थी और अनुशासन Vidyarthi aur Anushasan विद्यार्थी का स्वरूप : विद्यार्थी शब्द ‘विद्या’ और ‘अर्थी’ इन दो शब्दों के संयोग से निर्मित हुआ है जिसका अर्थ है विद्या प्राप्त करने का अभिलाषी अर्थात् इच्छुक। अनुशासन शब्द का विग्रह संस्कृत भाषा में इस प्रकार है-‘अनु शास्यतेऽनेन्’ अर्थात् आदेश के अनुसार अनुसरण करना। स्पष्ट है कि विद्यार्थी जीवन और अनुशासन दोनों का अटूट सम्बन्ध है; क्योंकि एक विद्यार्थी अपने आचार्य के अनुशासन में...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्यार्थी जीवन Vidyarthi Jeevan निबंध नंबर :-01 प्रस्तावना भारत में ही नहीं अपितु अन्य देशों में भी विद्यार्थी जीवन को एक विशेष महत्त्व दिया जाता है; क्योंकि विद्यार्थी ही राष्ट्र के सच्चे कर्णधार होते हैं। इस स्थिति कारण ही विद्यार्थी जीवन को हर धर्म में उच्च स्थान प्राप्त हुई है। हिन्दू धर्मानुसार मानव जीवन को चार भागों में विभाजित किया गया है और उसी के अनुसार मानव कार्यशील था। ये...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव Hamare Vidyalaya ka Varshik Mohotsav प्रस्तावना : मानव के पुर्ण विकास के लिए केवल पुस्तकीय ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है। केवल किताबी अध्ययन से छात्र का मन ऊबने लगता है। ऐसे अवसर पर वह विश्राम चाहता है। मानव के इस मनोविज्ञान को लक्ष्य में रखते हुए प्रायः सभी संस्थाएँ एकरस कार्य की नीरसता को दूर करने के लिए विविध उत्सवों का आयोजन करती हैं। विद्यालय...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
ऋतुराज बसंत Rituraj Basant प्रस्तावना : प्रकृति के इस विस्तृत रंगमंच पर नदी के समान विविध रूप बनाकर विभिन्न ऋतुएँ आती हैं। भारतवर्ष में वर्षा, शरद, शिशिर, हेमन्त, ग्रीष्म तथा वसन्त छः ऋतुएँ होती हैं। सभी ऋतुएँ पृथक्-पृथक् अपना रंग दिखाती हैं। किसी ऋतु में प्रकृति सुन्दरी मनमोहक लगती है, तो किसी ऋतु में रूपहीना युवती के समान। किसी ऋतु में प्रकृति प्रसन्नवदना सुन्दरी के समान प्रतीत होती है, तो किसी...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दीपों का त्योहार दीपावली Dipo ka Tyohar Deepawali प्रस्तावना : वैसे तो हर जाति और देश के अपने-अपने पर्व एवं त्योहार होते हैं, जिन्हें वे महत्त्वानुसार हर परिस्थिति में मनाते रहते हैं। किन्तु हमारा देश तो पर्वो एवं त्योहारों का गढ़ है। यहाँ हर मास कोई न कोई त्योहार अथवा पर्व आता ही रहता है। ये पर्व राष्ट्रीय जीवन में एक प्रकार का उल्लास और आशा दीप लेकर आते हैं। जब...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दशहरा एवं विजयदशमी Dussehra evm Vijaydashmi Best 3 Essays on “Dussehra” in Hindi. निबंध नंबर :- 01 प्रस्तावना : हमारे देश भारत में धर्म की प्रधानता है। इसी कारण यहाँ की हर बात किसी न किसी रूप में धार्मिक भावनाओं से लिप्त रहती है। इन्हीं से उद्गम हुआ है पर्व और त्योहार का। ये जन-जन के हृदय में नवस्फूर्ति और नई चेतना प्रदान करते हैं। अत: इनके मनाने की प्रथा चिर...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गणतन्त्र दिवस का महत्व Gantantra Diwas ka Mahatva प्रस्तावना : इतिहास साक्षी है आज, से कुछ वर्ष पूर्व सन् 1929 ई० को रावी नदी के तट पर कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू के सभापतित्व में यह घोषणा की गई थी, ‘यदि ब्रिटिश सरकार औपनिवेशिक स्वराज्य देना चाहे तो 31 – दिसम्बर सन् 1929 ई० को 12 बजे रात अर्थात् 1 जनवरी सन् 1930 ई० से उसे लागू होने...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
स्वतन्त्रता दिवस का महत्व Swatantrata Diwas ka Mahatva प्रस्तावना : भारतीय इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारतवासी अपनी स्वतन्त्रता की रक्षा के लिए निरन्तर संग्राम करते रहे हैं। उन्होंने कभी भी किसी के समक्ष झुककर पराधीनता स्वीकार नहीं की। अत: रणकेसरी प्रताप, हिन्दुओं के गौरवगुमान शिवा, वीर राठौर दुर्गादास, वीर बुन्देला छत्रसाल, वीर बन्दा वैरागी, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविन्दसिंह आदि के नाम भारतीय इतिहास में सुनहरे अक्षरों...
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April 1, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment