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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 12)
शिक्षा के लिए यात्रा का महत्त्व Shiksha ke Liye Yatra Ka Mahatva हिन्दी साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन ने ज्ञान वृद्धि में भ्रमण को महत्वपूर्ण स्थान दिया। विशेष रूप से अंग्रेज, महाद्वीप की यात्रा किये बिना अपनी शिक्षा को पूर्ण नहीं मानते थे। यात्रा मानव का सबसे अधिक आनन्ददायक अनुभव होता है। लोगों को हमेशा ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने, दूसरे लोगों और स्थानों को देखने से आनन्द मिलता रहा...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सादा जीवन और उच्च विचार Sada Jeevan Uch Vichar “सादा जीवन उच्च विचार” की अवधारणा व्यक्तित्व विकास तथा सहयोग का परिचायक है। विश्व-इतिहास की अधिकांश महान् हस्तियों ने इस सिद्धान्त को पूरी तरह से अपना कर ही महानता प्राप्त की थी। महात्मा गाँधी, गुरु नानक और भगवान बुद्ध जैसे सभी महापुरुष, जिन्होंने आध्यात्मिक महानता प्राप्त करके अपनी बौद्धिक विचारधारा से विश्व को झकझोर दिया था, इस सिद्धान्त के उदाहरण हैं। अनादि...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
व्यवसाय का चुनाव करना Vyavasaaya ka Chunav आज के समय में व्यवसाय का चुनाव एक जटिल समस्या बन गई है। अमरीका में एक राष्ट्रीय बुद्धि परीक्षा कार्यालय है जहाँ प्रत्येक व्यक्ति की बुद्धि की परीक्षा की जाती है। यह परीक्षा बड़े पैमाने पर की जाती है। ऐसी परीक्षा के उपरान्त किसी व्यक्ति के लिए सबसे उपयुक्त व्यवसाय का चुनाव करना बहुत आसान हो जाता है। इस तरीके से, स्वतः ही हमारी...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शिष्टाचार Shishtachar शिष्टाचार का अर्थ होता है, व्यक्ति का सौहार्दपूर्ण व सभ्य आचरण। अच्छे आचरणों वाला व्यक्ति जहाँ समाज का आभूषण है वहीं अशिष्ट व्यक्ति समाज के लिए कलंक है। किसी कार्य में शिष्टाचार अलंकार के समान होता है, क्योंकि यदि कोई बात भली प्रकार से या मीठी बोली में कही जाए तो इसका महत्त्व बहुत बढ़ जाता है। विश्व में शिष्टाचार श्रेष्ठ महापुरुषों के आचरण की एक प्रमुख विशेषता रही...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अनुशासन Anushasan अनुशासन का तात्पर्य है अपने प्रति शासन अर्थात् किसी ऐसे व्यक्ति या विशेष अधिकारियों के आदेश के विरुद्ध कोई ऐसा कार्य न करना जो राष्ट्रहित में न हो। यदि जीवन में अनुशासन न हो तो अराजकता फैल जायेगी, जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा और कोई कार्य योजना से नहीं हो पायेगा। किसी एक कार्य का दूसरे से कोई सम्बन्ध नहीं रहेगा जिससे किसी कार्य का भी निष्पादन सही प्रकार से...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरे जीवन का लक्ष्य Mere Jeevan Ka Lakshya व्यक्ति के लिए आदर्श जीवन का एक लक्ष्य होना चाहिए क्योंकि, बिना किसी लक्ष्य के जीवन वैसा ही है जैसा बिना पतवार के जहाज; और किसी लक्ष्य का चुनाव करना भी एक कठिन कार्य है। अलग-अलग व्यक्तियों की, उन रुचियों और इच्छाओं के अनुसार, भिन्न-भिन्न महत्त्वाकांक्षाएँ होती हैं क्योंकि कोई भी कार्य अच्छा या बुरा नहीं होता, केवल निजी धारणाएं ही उन्हें ऐसा...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सूचना प्रौद्योगिकी: संचार का भविष्य Suchna Prodyogiki – Sanchar ka Bhavishya बीसवीं सदी की समाप्ति के लगभग 23 वर्ष पूर्व से ही सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी तेज प्रगति हुई। इसके बावजूद, इलेक्ट्रॉनिक्स का विस्तार टीवी के धरातल से परे होने जा रहा है। टीवी भी अगले कुछ वर्षों में अतीत की वस्तु बन सकता है। वैज्ञानिक संसार की महानतम खोजों में से एक खोज टेलीविजन ने पिछले लगभग 30...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
टेलीविजन – शिक्षा और मनोरंजन के साधन के रूप में Television – Shiksha aur Manoranjan ke Sadhan ke roop mein आधुनिक मानव की विकासधारा में शिक्षा के साथ-साथ मनोरंजन के क्षेत्र में होने वाले विज्ञान के विभिन्न चमत्कारों में टेलीविजन का प्रमुख स्थान है। इसने मानव के दृष्टिकोण को ही बदल दिया है और आज यह मानव का एक विश्वासपात्र सेवक बन गया है। जे.एल.बेयर्ड, टेलीविजन का आविष्कार करने वाले वैज्ञानिक,...
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April 29, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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