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Kalam Ke Mazdoor, “कलम के मज़दूर” Hindi motivational moral story of “Munshi Premchand” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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कलम के मज़दूर Kalam Ke Mazdoor बहुत से लेखकों के विषय में प्रसिद्ध है कि वे कागज़ विशेष पर लिखते हैं, फलां मूड में लिखते हैं, तो फलां किस्म की कलम से लिखते हैं। मगर उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द इस लिखावटी ताम-झाम से सर्वथा दूर थे। एक बार किसी ने उनसे पूछा- “मुंशी जी, आप कैसे कागज़ और कैसे पेन से लिखते हैं। “ मुंशी जी ने यह सवाल सुनकर पहले...
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Abhilasha, “अभिलाषा” Hindi motivational moral story of “Premchand” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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अभिलाषा Abhilasha उपन्यासकार मुंशी प्रेमचन्द बड़े हंसमुख, जिन्दादिल व मज़ाकिया प्रवृत्ति के थे। उनके सम्पर्क में आने वाला कोई उदास नहीं रहता था। एक बार उन्हें प्रयाग विश्वविद्यालय की साहित्य परिषद् ने अध्यक्ष पद हेतु बुलाया। आते ही मुंशी प्रेमचन्द ने अपने चुटकीले वाक्यों से हास्य बिखेरना शुरू कर दिया। तभी उनसे एक छात्र ने प्रश्न किया-‘ हुजूर, जीवन में आपकी सबसे बड़ी अभिलाषा क्या है ?’ हंसी-मजाक के लहज़े में...
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Shaap, “शाप” Hindi motivational moral story of “Hazari Prasad Dwivedi” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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शाप Shaap आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रैक्टर थे। विद्यार्थियों ने किसी मांग को लेकर उनका घेराव किया और अपनी बात मनवाने के लिए ज़िद करने लगे। छात्रों ने शोरगुल भी किया। द्विवेदी जी ने सबको शांत करते हुए संक्षिप्त वक्तव्य दिया और अंत मैं कहा, “तुम सबने मेरी अवमानना की, अतः मैं तुम्हें शाप देता हूँ कि तुममें से हर कोई इस जन्म में या अगले जन्म...
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Lata aur Mani, “लता और मणि” Hindi motivational moral story of “Hazari Prasad Dwivedi” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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लता और मणि Lata aur Mani आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी हिंदी साहित्य के उत्तर छायावादी काल के युग पुरुष थे। द्विवेदी जी के एक मित्र की पुत्री उनकी विद्यार्थी थी। एक दिन उसने द्विवेदी जी से पूछा, “हम लोगों के पाठ्यक्रम में पंडित रामचंद्र शुक्ल की ‘चिंतामणि’ तथा आपकी ‘कल्पलता’ दोनों हैं। ‘चिंतामणि’ बहुत कठिन लगती है और ‘कल्पलता’ सरस। ऐसा क्यों ? आचार्य द्विवेदी बोले, ‘सीधी बात है, चिंतामणि मणि...
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Saccha Dharam, “सच्चा धर्म” Hindi motivational moral story of “Mahavir Prasad Dwivedi” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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सच्चा धर्म Saccha Dharam एक बार आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी अपने खेतों को देखकर गाँव वापस जा रहे थे कि उन्हें एक चीख सुनाई दी। एक अछूत स्त्री को साँप ने काट लिया था। द्विवेदी जी दौड़कर उसके पास गए और कुछ और न पाकर अपना जनेऊ तोड़कर स्त्री के पैर में सांप द्वारा काटे गए स्थान में थोड़ा ऊपर कस कर बांध दिया, फिर चाकू से उस स्थान पर चीरा...
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Yaaddasht purani aur nayi , “याददास्त पुरानी और नई” Hindi motivational moral story of “Shyam Sunder Das” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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याददास्त पुरानी और नई Yaaddasht purani aur nayi  आचार्य श्याम सुन्दर दास जी की जयन्ती मनाई जा रही थी। नागर जी ने पुरानी यादों को दोहराते हुए कहा, “मुझे पूरी तरह याद है कि बाबू जी सवेरे छः बजे कम्पनी बाग में दातुन करते थे। “ बीच में ही बाबू भगवती चरण वर्मा तुरन्त बोल उठे, “मैं इस समय नागर जी की याददास्त का समर्थन करता हूँ। क्योंकि अभी साढ़े पाँच...
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Sasur ki Kavita, “ससुर की कविता” Hindi motivational moral story of “Ramchandra Shukla” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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ससुर की कविता Sasur ki Kavita आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कवि भी थे। वह एक कवि सम्मेलन में शामिल हुए। शुक्ल जी की बारी आने पर एक सरस्वर कविता पाठ करने वाले ने कहा, ” अब आप असुर (स्वर रहित) की कविता सुनिए।” शुक्ल जी उस समय तो चुप रहे और कविता पढ़ने लगे। कविता समाप्त करने के बाद आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने उन्हीं कवि से कविता पढ़ने का प्रस्ताव रखते हुए...
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Shakal, “शक्ल” Hindi motivational moral story of “Ramchandra Shukla” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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शक्ल Shakal हिन्दी साहित्य के महान् लेखक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल एक बार खरीदारी के लिए बाजार गये तो दुकानदार ने उनके प्रश्नों का उत्तर अंग्रेजी में दिया। आचार्य शुक्ल ने बड़ी विनम्रता से कहा, “कृपया हिन्दी में बातचीत करें, मुझे अंग्रेजी भाषा नहीं आती।” दुकानदार बोला, “पर महाशय, आपकी शक्ल देखकर ऐसा नहीं लगता कि आप अंग्रेजी नहीं जानते ?” “हाँ भाई, सच है जैसे कि आपको देखकर नहीं लगता कि...
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