Hindi Letter “Khoji Patrakarita aur Niji Jeevan me Badhte dakhal par Sampadak ko Patra”,”खोजी पत्रकारिता और निजी जीवन में बढ़ते दखल पर संपादक को पत्र”.
‘स्टिंग आॅपरेशन’ खोजी पत्रकारिता का महत्वपूर्ण अंग है, पर इसका निजी जीवन में दखल भी बढता जा रहा है। इस विषय पर अपना दृष्टिकोण व्यक्त करते हुए किसी समाचार-पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक
नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली।
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचारपत्र के माध्यम से स्टिंग आॅपरेशन के विषय में अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूँ। आशा है आप इसे जनहित में अवश्य प्रकाशित करेंगे।
यह सही है कि ’स्टिंग आॅपरेशन’ खोजी पत्रकारिता का एक महत्वपूर्ण अंग है, पर इसके द्वारा लोंगों की निजी जिंदगी में दखल बढता जा रहा है। कई स्टिंग आॅपरेशन ऐसे हुए हैं जिनसे किसी व्यक्ति को व्यर्थ ही सामाजिक बदनामी का शिकार बनना पडा है। उमा खुराना केस में भी उस अध्यापिका को नकली स्टिंग आॅपरेशन के कारण भारी बदनामी झेलनी पडी़। इस प्रकार का आॅपरेशन चलाने वाले खबरिया चैनल ज्ण्त्ण्ठण् बढाने के लिए बेडरूम तक घुसने की ताक में रहते हैं। इन्हें सस्ती उत्तेजना फैलाने वाली ’चटपटी’ सामाग्री चाहिए। यह खोजी पत्रकारिता बिल्कुल नहीं है। इस प्रकार के स्टिंग आॅपरेशनों में जिम्मेदारी तय जानी चाहिए। इनके प्रसारण से पूर्व इनकी विश्वसनीयता की जाँच भी आवश्यक है।
भवदीय
रतनलाल वर्मा
संयोजक, आजाद विचार मंच,
नई दिल्ली
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