Hindi Letter “Bal Majduri par apne Vichar vyakt karte hue Sampadak ko Patra”,”बाल मजदूरी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए संपादक को पत्र”.
स्कूल जाने की उम्र में बच्चों को काम करते, और भीख माँगते देखकर आपको कैसा लगता है? अपने विचारों को किसी प्रतिष्ठित दैनिक के संपादक के नाम पत्र के रूप में लिखिए।
सेवा में,
संपादक,
नवभारत टाइम्स,
नई दिल्ली।
महोदय,
मै आपके दैनिक लोकप्रिय समाचारपत्र के माध्यम से समाज और सरकार का ध्यान स्कूल जाने की उम्र में बच्चों को काम करते और भीख माँगते देखने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करना चाहता हूँ।
’बचपन बचाओं’ आंदोलन चलने के बावजूद सभी बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जा रहा उनका बचपन छीना जा रहा है। जब कोई बच्चा भीख माँगता है अथवा किसी ढाबे पर छोटा-मोटा काम करता है तब मेरा खून खौल जाता है। सरकार ने कानूनी रूप् से तो बाल मजदूरी पर प्रतिबंध लगा रखा है, पर वास्तविकता कुछ और ही है। अभी भी धरेलू उद्योग- धंधों में बच्चों से खूब काम कराया जाता है। यह उनके साथ सरासर अन्याय है। जब तक समाज में चेतना नहीं आएगी, तब तक इसे पूरी तरह से नहीं रोका जा सकता। अच्चों को इस उम्र में स्कूल में भेजा जाना चाहिए। पता नहीं सरकार इस ओर सख्ती से कदम क्यों नहीं उठा पा रही है?
मै इस पत्र के माध्यम से आपसे भी अपील करता हूं कि आप बाल मजदूरी के विरोध में वाताचरण बनाएँ।
धन्यवाद सहित,
दिनांकः ………
भवदीय
रविरंजन
संयोजक, बाल शिक्षा कार्यक्रम, नई दिल्ली
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