Hindi Letter “Aatankvad ki Samasya par apne Vichar prakat karte hue sampadak ko patra”,”आतंकवाद की समस्या पर अपने विचार प्रकट करते हूए संपादक को पत्र”.
आतंकवाद की समस्या पर अपने विचार प्रकट करते हूए ’जनजागरण’ पत्रिका के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
’जनजागरण’ सम्ताहिक पत्रिका,
इंदौर।
महोदय,
मैं आपकी लोकप्रिय पत्रिका के माध्यम से सरकार और जनता के सम्मुख आतंकवाद की समस्या पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ। आशा है, आप जनहित में इन्हें प्रकाशित कर कृतार्थ करेंगे।
आतकवाद ने हमारे देश की प्रगति पर प्रश्न-चिह्न लगा दिया है। देश के अधिकांश शक्ति और धन को दसे रोकने के उपायों पर खर्च किया जा रहा है। सारे देश में एक भय-सा व्याप्त हो गया है। कश्मीर और पूर्वी राज्य अभी भी आतंकवाद के चंगुल से छूट नहीं पाए है। पंजाब में अवश्य इस पर काबू पाया जा सका है। अब तक आतंकवादियों को यह बात भली प्रकार समझ आ जानी चाहिए कि इससे उनका कुछ भला नहीं होने वाला है। इस आंतकवाद ने कश्मीर के पर्यटन-उद्योग को चैपट करके रख दिया है। तमिलनाडु से भी आतंकवाद की छाया बनी रहती है।
सरकार को आंतकवादियों के साथ सख्ती से निपटना चाहिए। एक बाद दृढ़ इच्छा-शक्ति से इसे जड़ से मिठाया जा सकता है। इस कार्य में भी आंतकवाद की छाया बनी रहती है।
सरकार को आंतकवादियों के साथ सख्ती से निपटना चाहिए। एक बाद दृढ़ इच्छा-शक्ति से इसे जड़ से मिठाया जा सकता है। इस कार्य में राजनीतिक दखलंदाजी को कतई बर्दाशत नहीं किया जाना चाहिए।
सभी राजनीतिक दलों को दलगत भावन से ऊपर आंककवाद को रोकने के उपायों पर आम सहमति व्यक्त करनी चाहिए।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
उपेन्द्र श्रीवास्तव
चैरा बाजार, झबुआ
दिनांक 11 जनवरी, 200……