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Hindi Essay on “Paryavaran Pradushan”, “पर्यावरण प्रदूषण” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

पर्यावरण प्रदूषण

Paryavaran Pradushan

हमारे आस-पास का प्राकृतिक वातावरण जिसमें हम रहते हैं—’पर्यावरण’ कहलाता है। इस प्राकृतिक वातावरण का दूषित हो जाना या इसका संतुलन विकृत हो जाना ही प्रदूषण है। प्रदूषण की वृद्धि के कारणों में मनुष्य द्वारा प्रकृति के साथ मनचाही छेड़छाड़ है। मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की, पर्वतों को तोड़ा, परमाणु भट्ठियाँ बनाईं तथा अनेक प्रकार के कीटनाशकों का प्रयोग किया जिसके कारण प्राकृतिक संतुलन डगमगा गया और हानिकारक हो गया। प्रदूषण के विस्तार में कल-कारखानों से निकलने वाला धुआँ, गैसें तथा औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अवशिष्ट पदार्थ भी सहायक हैं।

प्रदूषण चार प्रकार का होता है वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और भूमि प्रदूषण । वायुमंडल में जहरीली गैसों के कारण वाय प्रदूषण होता है। कल कारखानों से निकलने वाले अवशिष्ट पदार्थों को नदियों में प्रवाहित कर दिया जाता है, इससे जल दूषित हो जाता है। महानगरों में कल कारखानों, वाहनों आदि के शोर से ध्वनि प्रदूषण तथा महानगरों में अनधिकृत बस्तियों के कारण भूमि प्रदूषण होता है। प्रदूषण से अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं जिनमें साँस के रोग, पेट के रोग, पीलिया, मानसिक तनाव, हृदय रोग, एलर्जी, चर्म रोग मुख्य हैं। प्रदूषण को रोकने के लिए सर्वोत्तुम उपाय है वृक्षारोपण तथा वनों की कटाई पर रोक। साथ ही यह भी आवश्यक है कि औद्योगिक इकाइयों को नगरों से दूर स्थापित किया जाए। प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि खुले-स्थानों में कूड़ा आदि फेंककर भूमि को प्रदूषित न करें, कभी हरे-भरे वृक्ष को न काटें तथा अधिक से अधिक वृक्ष लगाएँ। सभी देशवासियों को शपथ लेनी चाहिए बच्चा एक, पौधे सौ लगाए जाएँ।

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commentscomments

  1. Aanaiya says:

    There are points like prastavana,pradusan,pradushan ke gatak prabhav,paryavaran me sushi, vrajshaarapan me yogdan, upsaranh
    Please include these all point students really wants these

  2. Aap vidya par ek essay bataiye

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