Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Bhrashtachar Aur Janta” “भ्रष्टाचार और जनता” for Class 10, 12 Examination.
भ्रष्टाचार और जनता (Bhrashtachar Aur Janta)
आज के युग में व्यक्ति का जीवन अपने स्वार्थ तक ही सीमित होकर रह गया है। आज समाज में धन की लालसा इतनी बढ़ गई है कि व्यक्ति के प्रत्येक कार्य के पीछे स्वार्थ ही नजर आता है। प्रत्येक व्यक्ति अधिक धनी बनना चाहता है जिसके कारण वह अनैतिकता के मार्ग पर जाने में भी संकोच नहीं करता। वह येन-केन प्रकारेण धन कमाना चाहता है। भ्रष्टाचार फैलाने का सबसे बड़ा माध्यम दूरदर्शन है। विभिन्न चैनलों पर इतने अश्लील कार्यक्रम दिखाए जाते हैं कि किशोर तथा युवा वर्ग के लिए यह चरित्रहीनता सम्मान की वस्तु बन गई है। फैशन के नाम पर शरीर को ‘उत्पाद’ की तरह दिखाया जाता है। हमारी भ्रष्ट होती सामाजिक व्यवस्था का प्रमाण प्रतिदिन हो रहे फैशन शो है। अतः इन सब से जनता पर बहुत गलत प्रभाव पड़ रहा है। आजकल पारिवारिक संबंधों में भी भ्रष्टाचार ने जहर घोल दिया है।