Hindi Essay on “Outcome Budget ” , ”बजट परिणाम” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
बजट परिणाम
Outcome Budget
आउटकम बजट सभी सरकारी कार्यक्रमों के विकास का आउटकम (परिणाम) होता है। कितने खर्च पर कितनी सड़क बनी, कितनों को रोजगार मिला, कितने बच्चों को शिक्षा मिली, विकास के विभिन्न लक्ष्य कितने समय में हासिल हुए और हर तिमाही कितनी प्रगति हुई-इसका ब्योरा इस विस्तृत दस्तावेज में दिया रहता है। इससे आने वाले समय में निगरानी और आकलन के लिए एक प्रभावी तंत्र की स्थापना होगी, जिससे सरकारी अधिकारी परिव्यय का लेखा-जोखा दिखाने की बजाय परिणामोन्मुख बनेंगे।
यूपीए सरकार में वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम ने पहली बार 25 अगस्त 2005 को लोकसभा में आउटकम बजट प्रस्तुत किया। इसके जरिये सरकार ने वित्तीय वर्ष 2005-06 की पहली तिमाही के दौरान बजट में आवांटित धनराशि के लिए निर्धारित लक्ष्यों को लेखा-जोखा पेश किया। राज्यसभा में संसदीय कार्य राज्यमंत्री सुरेश पचैरी ने आउटकम बजट पेश किया।
आउटकत बजट में 44 मंत्रालयों के 61 विभागों की पहली तिमाही के वित्तीय परिव्ययों के परिणामों एवं लक्ष्यों को प्रस्तुत किया गया। तकनीकी कठिनाइयों के चलते नौ मंत्रालयों और विभागों को इसमंे शामिल नहीं किया जा सका जिनमें रक्षा, संसदीय कार्य, अंतरिक्ष और परमाणु उर्जा विभाग आदि हैं। इस तरह के बजट के जरिये सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि धन की उचित मात्रा का सही इस्तेमाल हो ताकि बजट में आवंटित राशि खर्च नहीं होने की परम्परा पर रोक लगे।
आउटकम बजट की शुरूआत वित्तीय मंत्रालय तथा योजना आयोग के संयुक्त प्रयास से हुई है। अतः योजना आयोग प्रशासनिक मंत्रालयों के आउटकम बजट को अंतिम रूप देने के लिए उनके साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करता है। वेबसाइट पर भी यह उपलब्ध है, जिससे आम जनता के विचारों को जाना जा सके। इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए योजना आयोग के अन्तर्गत ही ’प्रोग्राम आउटकत एण्ड माॅनीटरिंग डिवीजन’ नाम से एक नए विभाग का सृजन किया गया है। यह विभाग विभिन्न मंत्रालयों की प्रगति-रिपोर्ट तैयार करेगा। इसी के आधार पर आउटकम बजट बनाया जाएगा।
कुछ मंत्रालय ऐसे हैं जिनका आउटकम निकालना काफी आसान है। जैसे, रक्षा मंत्रालय मंे यह पता लगाना काफी आसान है कि हथियार खरीदने के लिए आवंटित रूप्यों से कितने हथियार खरीदे गए। लेकिन ग्रामीण एवं विकास मंत्रालय में यह पता लगाना काफी कठिन है कि किसी ब्लाॅक में विकास कार्यों के लिए दिए गए 100 करोड़ रूप्ये में कितने गरीब परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया। इस मानक पैमाने में प्रति इकाई लागत, आउटकम की गुणवत्ता , आवश्यक कुशलता के लिए क्षमता इत्यादि को शामिल किया जाएगा।